हिन्दू धर्म में मान्यता है कि भगवान सत्यनारायण विष्णु भगवन के ही अवतार और उनके यथार्थ रूप हैं। आमतौर पर सत्यनारायण कथा संक्रांति पर्व पर की जाती है कई लोग पूर्णिमा के दिन भी अपने घरों में सत्यनारायण पूजा करते हैं परन्तु आजकल लोग किसी भी शुभ अवसर जैसे विवाह, जन्मदिन, वर्षगांठ आदि पर भी घर में सत्यनारायण कथा करवाने लगे हैं इस पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है तथा घर का वातावरण पवित्र हो जाता है आइये पढ़ते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिषों द्वारा बताई गई सत्यनारायण पूजा की विधि, व्रत कथा, अनुष्ठान और प्रक्रिया –
सत्यनारायण पूजा की पौराणिक कथा –
एक बार जब भगवान नारद धरती पर आए तो उन्होंने देखा कि मानव जाति भूख और कुपोषण से पीड़ित है। सब जगह उदासी और ग़रीबी छाई हुई है। नारद मुनि ने पृथ्वी का यह हाल विष्णु भगवान को जा सुनाया। तब श्री हरि भगवान विष्णु ने सभी मनुष्यों को सत्यनारायण पूजा करने का संदेश दिया। इस पूजा और व्रत की प्रक्रिया स्वयं भगवान ने बताई है अतः यह व्रत विशेष फलदायी है। इससे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है। और घर के भंडार गृह में कभी धन धान्य की कमी नहीं होती।
घर पर सत्यनारायण पूजा कैसे करें?
प्रातःकाल स्नान आदि करके अपने आप को पवित्र कर लें। साफ व धुले हुए वस्त्र पहनें। आप अपने रिश्तेदारों तथा मित्रों को भी आमंत्रित कर सकते हैं। घर के पूजन कक्ष में एक पटे पर लाल कपड़ा बिछाकर विष्णु भगवान की प्रतिमा विराजित करें। एक कलश में शुद्ध जल भरें, ऊपर से आम के पट्टे लगाएं और एक नारियल उसमें रख दें। इस कलश को भी पटे पर स्थापित कर दें।
यह पूजा विवाहित जोड़ा मिलकर सकते हैं या फिर अकेले भी। पूजन विधि शुरू करने के लिए एक पुष्प लेकर चारों दिशाओं में गंगाजल छिड़कें।
इसके बाद सत्यनारायण भगवान को कुमकुम, अक्षत हल्दी चढ़ाऐं फूल, सुगंधित इत्र चढ़ाऐं। इसके बाद मिठाई और फल का भोग लगाएं। पंचामृत ( दूध, दही, शहद, शक्कर और घी का मिश्रण ) भी तैयार करें और विष्णु भगवान को भोग लगाएं। अंत में हवन और आरती करें। हवन के लिए धूप और नवग्रह लकड़ी का प्रयोग करें। गायत्री मंत्र का जाप करते हुए स्वाहा बोलकर हवन करें। इस प्रकार सत्यनारायण पूजा संपन्न हो जाएगी।
सत्य नारायण कथा पूजन सामग्री –
भगवान सत्यनारायण की एक मूर्ति या फोटो, हल्दी, सिंदूर, अक्षत, दीपक, कपूर, अगरबत्ती, फूल, फल, नारियल, लाल कपड़ा, आम के पत्ते, हवन के लिए लकड़ी के टुकड़े
सत्यनारायण पूजा की खास बाते-
- घर पर सत्यनारायण पूजा करने से मन को आंतरिक शांति मिलती है।
- शारीरिक रोगों और मानसिक विकारों से भी छुटकारा मिलता है।
- इससे शरीर में ऊर्जा आती है और मनुष्य को मेहनत करने की प्रेरणा मिलती है।
- इस पूजा और व्रत को करने से ईश्वर की कृपा सदा ही बनी रहती है।
- नये भवन में प्रवेश करने से पूर्व या विवाह के पश्चात सत्यनारायण कथा करवायी जाती है।
सत्यनारायण पूजा का मुहूर्त
किसी भी पूर्णिमा या एकादशी पर पंडित जी से शुभ मुहूर्त निकलवाकर घर में सत्यनारायण पूजा की जा सकती है। आमतौर पर यह पूजा सुबह के समय की जाती है।
सत्यनारायण कथा के प्रत्येक अध्याय में क्या है ?
अध्याय 1: पहले अध्याय में सत्यनारायण व्रत की उत्पत्ति बताई गई है।
अध्याय 2: दूसरे अध्याय सत्यनारायण पूजा के लाभों को विश्लेषित करता है।
अध्याय 3: तीसरे अध्याय में सत्यनारायण पूजा से जुड़े नियमों के बारे में बताया गया है।
अध्याय 4: चौथे अध्याय सत्यनारायण पूजा करने का महत्व तथा प्रसाद का महत्व बताता है।
अध्याय 5: पांचवे और आखिरी अध्याय में सत्यनारायण पूजा से जुड़ी अन्य जानकारी दी गई है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. सत्यनारायण पूजा में कौन से भगवान की पूजा की जाती है ?
2. सत्यनारायण पूजा किस दिन होती है ?
3. सत्यनारायण पूजा की पूजन विधि क्या है ?
4. सत्यनारायण पूजा का महत्व क्या है ?
5. सत्यनारायण कथा की पूजन सामग्री ?
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