रविंद्र नाथ टैगोर जयंती 2022-
रविंद्र नाथ टैगोर जयंती एक सांस्कृतिक उत्सव है। यह जयंती रविंद्र नाथ टैगोर जी के वर्षगांठ के रूप में मनाई जाती है। टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। इनको महाकाव्य गीतांजलि की रचना के लिए साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
रविंद्र नाथ टैगोर जी को गुरुदेव के नाम से जाना जाता है। उन्हें बचपन से ही कहानियां लिखने और पढ़ने का शौक था। टैगोर जी सबसे पहले ऐसे गैर यूरोपीय इंसान थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। एकमात्र ऐसे कवि हैं जिन्होंने दो देशों के लिए राष्ट्रगान लिखा था। भारत के लिए ‘जन गण मन’ और बांग्लादेश के लिए ‘आमार सोनार बांग्ला’ लिखा था। यह कवि होने के साथ ही साथ संगीत प्रेमी भी थे। उन्होंने 2000 से अधिक गीतों की रचना की है। रवींद्रनाथ टैगोर नाटककार, चित्रकार और दार्शनिक भी हैं। उनकी भाषा बंगाली और अंग्रेजी है।
रविंद्र नाथ टैगोर जयंती की तिथि-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, रविंद्र नाथ टैगोर जयंती वैशाख माह के 25वें दिन पड़ती है। पर अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार ये जयंती 7 मई को पड़ती है। पश्चिम बंगाल में रविंद्र नाथ टैगोर जयंती 8 मई या 9 मई को मनाई जाती है। क्योंकि बंगाल का कैलेंडर अन्य कैलेंडर से अलग होता है।
रविंद्र नाथ टैगोर के विचार-
- फूल की पंखुड़ियों को तोड़कर आप उसकी सुंदरता को एकत्रित नहीं कर सकते हैं।
- प्रसन्न रहना सरल है पर सरल रहना कठिन।
- मित्रता की गहराई परिचय की लंबाई पर निर्भर नहीं करती है।
- आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाले को महसूस करती है।
- प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।
- कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अतः वह उसका दास भी है और स्वामी भी।
- यदि आप सभी गलतियों के लिए दरवाजे बंद करेंगे तो सच बाहर रह जाएगा।
- कला के माध्यम से व्यक्ति खुद को उजागर करता वस्तुओं को नहीं।
- मनुष्य की सेवा भी ईश्वर की सेवा है।
- संगीत दो आत्माओं के बीच के अंतर को भरता है।