पूरे 9 दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इन नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा हर घर में की जाती है। नवरात्रि के इन नौ दिनों में हर घर की छोटी कन्याओं को माँ दुर्गा के नौ स्वरूप मानकर पूजा जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि नवरात्रि के दिनों में माँ भगवती अपने भक्तों को उनके सपनों में कुछ विशेष प्रकार के संकेत देती है। यह संकेत बहुत ही खास होते है। जो माँ भगवती के भक्तों की किस्मत में कुछ अनोखे बदलाव लेकर आते है। स्वप्न शास्त्र भी इस बात की पुष्टि करता है कि व्यक्ति के द्वारा देखे गए सपनों का उसकी जिंदगी की हकीकत से खास रिश्ता होता है।
नवरात्रि में सपने देखने का महत्व –
स्वप्न शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को सपने आना बहुत आम बात है। लेकिन नवरात्रि में सपने दिखना कोई आम बात नहीं है। नवरात्रि में सपने दिखना माता रानी के कुछ खास संकेतो में शामिल है। जानते है नवरात्रि में दिखने वाले सपनों के महत्व के बारे में।
सपने में माँ दुर्गा को मुस्कुराते हुए देखना क्या देता है संकेत-
सपने में माँ दुर्गा को मुस्कुराते हुए देखना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। ऐसा मान्यता है कि माँ दुर्गा अगर आपके सपने में आ रही है और वह भी मुस्कुराती हुई। तो इसका मतलब आपकी किस्मत के बंद ताले खुलने वाले है। क्योंकि आपके ऊपर मां की कृपा दृष्टि पड़ चुकी है।
इसके अलावा अपने सपने में माँ दुर्गा को अलग अलग रूपों में देखना आपके लिए लाभ और हानि संकेत देता है। उदाहरण के तौर पर माँ दुर्गा को क्रोधित मुद्रा में देखने का मतलब आपका बुरा समय शुरू हो चुका है। खुद को मां दुर्गा की मूर्ति बनाते हुए देखना मतलब कुछ रचनात्मक कार्यों की शुरुआत हो सकती है।
नवरात्रि में चूड़ी कंगन का सपना देखना-
नवरात्रि में चूड़ी कंगन का सपना देखने का मतलब विवाह और सुखी दांपत्य जीवन का प्रतिनिधित्व करता है। अगर किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष है। या किसी और कारण से उसका विवाह लंबे समय से अटका पड़ा है। तो यह सपना इस बात का संकेत देता है कि उसके जीवनसाथी की तलाश अब खत्म होने वाली है। उसका विवाह जल्द ही संपन्न होगा।
सपने में शेर दिखना-
शेर को विजय का प्रतीक माना जाता है। हमारे अशोक स्तंभ में भी शेर की सिर का चिन्ह बनाया गया है। जो विजयी, यश और देश के गौरव को दर्शाता है। इसी वजह से सपने में शेर देखना बहुत शुभ माना जाता है। विशेषकर नवरात्रि के दिनों में। जो यह बताता है कि अब आपको अपने शत्रुओं से डरने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि अब आप शेर की तरह धीरे धीरे अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर रहे है।
सपने में सिन्दूर दिखना होता है शुभ –
सपने में सिन्दूर दिखना सुखी दांपत्य जीवन की और संकेत करता है। यदि आप कुंवारे या कुंवारी है तो यह सपना एक अच्छा लाइफ पार्टनर मिलने की और इशारा करता है।
छोटी कन्या का दिखाई देना-
नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन घर-घर में कन्या को भोग खिलाया जाता है। लेकिन नवरात्रि के दिनों के सपनों में छोटी कन्या का आना एक शुभ संकेत लाता है। यह सपना यह बताने का प्रयत्न करता है कि आपके घर में जल्द ही कोई नन्हा मेहमान आने वाला है।
सपने में लाल गुड़हल का फूल दिखना-
हिंदू मान्यताओं में लाल गुड़हल के फूल को बहुत शुभ बताया गया है। विशेषकर नवरात्रि के दिनों में सपने में लाल गुड़हल का फूल दिखना व्यक्ति के लिए असीमित पैसों की बरसात लेकर आता है। यह सपना बताता है कि व्यक्ति के जीवन से जल्द ही पैसों की दिक्कत दूर हो सकती है। सपने में लाल गुड़हल का फूल दिखना धन लाभ की ओर इशारा करता है
जलता हुआ दिया देखना-
नवरात्रि के दिनों में अपने सपने में जलते हुए दिए को देखना सकारात्मक शक्तियों का सूचक माना जाता है। इस दौरान हमारे मन में व्याप्त सारी नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है और सकारात्मक शक्तियों का विस्तार होता है। जो हमे जीवन के कठिन से कठिन पथ पर आगे बढ़ने का हौसला देती है।
माता पार्वती के दर्शन होना-
माँ दुर्गा के नौ रूपों में से मां पार्वती को धैर्य, कार्यक्षेत्र में प्रगति दिलाने वाली और अध्यात्म की देवी के रूप में जाना जाता है। अत सपने में माँ पार्वती के दर्शन होने से जातक के रुके हुए कार्य शीघ्र पूरे होते है। इसके साथ ही व्यक्ति को करियर, व्यापार आदि क्षेत्रों में सफलता हासिल होती है।
महिला या कन्या को नृत्य करते हुए देखना-
इन दिनों अगर आप अपने सपने में किसी कन्या को नृत्य करते हुए देखते है। तो यह भी धन प्राप्ति का सूचक माना जाता है। इस दौरान आपको किसी गुप्त जगह से या किसी अपने से धन की प्राप्ति हो सकती है।
नवरात्रि पूजा विधि में शामिल करें ये चीजें-
नवरात्रि का त्योहार साल में 4 बार आता है। आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। अगर आप भी जानना चाहते है नवरात्रि की पूजन विधि के बारे में तो इंस्टाएस्ट्रो की साइट आपके लिए एक उपयुक्त विकल्प है। जहां आपको नवरात्रि पूजन विधि की सटीक जानकारी मुहैया कराई जाती है। नीचे नवरात्रि पूजन विधि की निम्नलिखित चरणों की चर्चा की गई है।
- इस त्योहार का पहला दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन घटस्थापना होती है और माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
- दुर्गा माता की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से पवित्र करके एक साफ चौकी पर नौ दिनों के लिए विराजमान किया जाता है।
- नवरात्रि के कलश पर कलावे के साथ आम और अशोक के पत्ते बांधने की परंपरा है।
- इस दिन माँ के लिए शुभ वस्त्रों का चयन करते है। माँ को लाल वस्त्रों से सजाया जाता है और लाल चुनरी चढ़ाई जाती है।
- उसके बाद धूप, दीप आदि से माँ की आराधना की जाती है और दुर्गा चालीसा का पाठ पूरे नौ दिनों तक किया जाता है।
- आरती के बाद माँ को हल्वे, किशमिश, बादाम जैसे पंचमेवा आदि का भोग लगाया जाता है।
- नवरात्रि के नौ दिनों तक माँ के सामने अखंड जोत को प्रज्वलित किया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस जोत का नौ दिनों तक जलना अनिवार्य बताया गया है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. नवरात्रि नौ दिनों तक ही क्यों मनाई जाती है?
2. माता का प्रिय भोग क्या है?
3. व्रत के समय कैसा भोजन ग्रहण करना चाहिए?
4. कितने घंटो का होता है व्रत?
5. नवरात्रि के नौवें दिन को किस नाम से जाना जाता है?
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नवरात्रि के दिन कन्या पूजन करने का क्या है लाभ। जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।