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नवमांश कुंडली और नवमांश कुंडली फलादेश की सम्पूर्ण जानकारी।

By November 7, 2022December 4th, 2023No Comments
Navmash Kundli

ज्योतिष शास्त्र में नवमांश कुंडली को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। कुंडलियों के जीते भी वर्ग होते हैं उनमें से नवमांश कुंडली सबसे अधिक वैदिक कुंडली है। वैदिक ज्योतिष में जन्म कुंडली के पश्चात नवमांश कुंडली का सबसे अधिक अध्ययन किया जाता है। आज हम जानेंगे नवमांश कुंडली क्या है? नवमांश कुंडली का महत्व और नवमांश कुंडली से क्या पता चलता है?

नवमांश कुंडली क्या है?

जन्म कुंडली में कई भाग होते हैं। लग्न कुंडली के पश्चात नवमांश कुंडली को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। नवमांश कुंडली नौवां भाग होता है। जिसे भाग्य का भाव कहा जाता है। जन्म कुंडली के सप्तम भाव को नवमांश कुंडली का विस्तार माना जा सकता है। जन्म कुंडली के सप्तम भाव की सम्पूर्ण जानकारी नवमांश कुंडली से पता चलती है। वैदिक ज्योतिषियों के अनुसार कहा जाता है कि जिस तरह लग्न भाव शरीर की जानकारी देता है उसी प्रकार नवमांश भाव आत्मा की जानकारी प्रदान करता है।

Navmash Kundli

नवमांश कुंडली का महत्व-

वैदिक ज्योतिष में नवमांश कुंडली का अत्यधिक महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में लग्न कुंडली से बीज के बारे में पता चलता है तो नवमांश कुंडली से फल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। इसी कारण से ज्योतिषी लग्न कुंडली के अलावा नवमांश कुंडली का भी अध्ययन करते हैं और देखते हैं। अगर लग्न कुंडली में कोई ग्रह नीच और बुरी स्थिति में हो और नवमांश में उच्च स्थिति में हो। तब आवश्यक नहीं है कि दोनों का परिणाम ख़राब आएगा। अगर कभी लग्न कुंडली में कोई ग्रह उच्च और नवमांश में ग्रह नीच हो तो मिले जुले फल ही प्राप्त होते हैं। परंतु नवमांश कुंडली को अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसके बगैर पूरा परिणाम नहीं दे सकते हैं।

Planets

नवमांश कुंडली से क्या पता चलता है?

इस कुंडली से जीवन के कई पहलू के बारे में पता चलता है। नवमांश कुंडली से वैवाहिक जीवन के बारे में पता चलता है। आपका वैवाहिक जीवन कैसा चलेगा और आपके दांपत्य जीवन में क्या-क्या समस्याएं आएंगी। यह सम्पूर्ण जानकारी नवमांश से ही पता चलती है। साथ ही साथ आपका व्यावसायिक जीवन कैसा रहेगा। आपकी आय में वृद्धि या आपकी दैनिक आय क्या रहेगी। इसकी भी सम्पूर्ण जानकारी नवमांश कुंडली से पता होती है।
आपके जीवन में क्या शुभ या अशुभ घटित होने वाला है। नवमांश कुंडली से इसके बारे में विस्तार से पता कर सकते हैं।

Marraige

नवमांश कुंडली के शुभ और अशुभ योग-

  • जब कोई एक ग्रह लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली दोनों में स्थित हो तो यह स्थिति वर्गोत्तम योग की मानी जाती है।
  • वर्गोत्तम योग सकारात्मक और शुभ परिणाम प्रदान करते हैं।
  • अगर सूर्य ग्रह लग्न और नवमांश दोनों कुंडली में है तो मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
  • यदि दोनों कुंडली में चंद्र ग्रह विराजमान हो तो जातक शालीन होता है और स्मरण शक्ति तेज होती है।
  • अगर वर्गोत्तम में मंगल ग्रह की उपस्थिति होती है तो व्यक्ति के अंदर नेतृत्व की क्षमता और उत्साह की अधिकता पायी जाती है।
  • दोनों कुंडली में बुध ग्रह स्थित हो तो व्यक्ति बुद्धिमान और तार्किक क्षमता वाला होता है।
  • वर्गोत्तम में यदि गुरु ग्रह उपस्तिथ हो तो व्यक्ति अधिक जयंती होता है और मान-सम्मान प्राप्त करता है।
  • लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली दोनों में यदि दोनों में शुक्र ग्रह उपस्तिथ हो तो व्यक्ति सौंदर्य और कला प्रेमी होता है।

Sun

नवमांश कुंडली की जीवन में अहमियत-

वैवाहिक जीवन में-

  • नवमांश कुंडली में मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन की ही जानकारी प्राप्त होती है।
  • यदि आपके लग्न कुंडली के कारक प्रतिकूल हैं और नवमांश कुंडली के कारक अनुकूल हैं तो वैवाहिक जीवन में सामंजस्य बना रहता है।
  • साथ ही साथ नवमांश कुंडली से जीवनसाथी के व्यवहार के बारे में भी पता कर सकते हैं।

Married Life

करियर और शिक्षा के क्षेत्र में-

  • वैवाहिक जीवन के साथ ही साथ नवमांश कुंडली करियर और शिक्षा के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है।
  • लग्न कुंडली की स्थिति कैसी भी हो परंतु नवमांश में शुभ है।
  • तब आपके करियर और शिक्षा में सफलता हासिल होगी।

Career And Education

प्रेम-विवाह की जानकारी-

  • कभी-कभी लग्न कुंडली में प्रेम विवाह का योग नहीं होता है। परन्तु प्रेम विवाह संभव हो जाता है।
  • ऐसा इसलिए क्योंकि नवमांश कुंडली की स्थिति सही होती है।
  • नवमांश कुंडली में सप्तमेश और नवमेश का योग हो रहा है तो प्रेम विवाह संभव होता है।
  • शुक्र की स्थिति लग्न कुंडली में अच्छी नहीं है।
  • परन्तु नवमांश कुंडली में सही है तो प्रेम विवाह हो सकता है।

Love Marraige

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1-नवमांश कुंडली क्या है?

ज्योतिष शास्त्र में नवमांश कुंडली को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। लग्न कुंडली के पश्चात नवमांश कुंडली का अधिक महत्व है। जिस प्रकार लग्न कुंडली शरीर के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देती है। उसी प्रकार नवमांश कुंडली आत्मा के जानकारी प्रदान करती है।

2-नवमांश कितने प्रकार के होते हैं?

यह तीन प्रकार के होते हैं।1- देव नवमांश2- नर नवमांश3-राक्षस नवमांश

3-वर्गोत्तम क्या है?

यदि कोई ग्रह लग्न कुंडली और नवमांश कुंडली दोनों में विराजित हो या एक ही राशि में हो। यह वर्गोत्तम कहलाता है।

4-नवमांश कुंडली को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

इस कुंडली को अंगेजी में डी नाइन (D 9 चार्ट) के नाम से जाना जाता है।

यह भी पढ़ें: कुंडली के ग्रहों के अनुसार ना करें यह दान: बन सकता है मुसीबत का कारण।

कुंडली के बारे में अधिक जानकारी के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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