वास्तु शास्त्र में दिशा अधिक महत्वपूर्ण होती है। घर अगर सही दिशा के हिसाब से बना या व्यवस्थित हो तो घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। अगर ऐसा नहीं है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं और अपना डेरा जमा लेती हैं। वास्तु शास्त्र में सूर्य को ऊर्जा का प्रमुख स्रोत माना गया है। सूर्य पूर्व दिशा में उदय होने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। सूर्य पश्चिम दिशा में अस्त होता है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। दैवीय और सकारात्मक ऊर्जा का वास पूर्व दिशा को माना जाता है। वास्तु में पूर्व दिशा को ईशान कोण की दिशा भी कही जाती है। दूसरी तरफ पश्चिम और दक्षिण में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
मनुष्य के अंदर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की ऊर्जा होती हैं। उसी पारकर घर के अंदर भी दोनों प्रकार की ऊर्जा होती हैं। घर में सकारात्मक ऊर्जा से सुख-शांति समृद्धि आती है। घर में नकारात्मक ऊर्जा से लड़ाई-झगडे होते हैं। घर में खुशियों का नामोनिशान नहीं रहता है। घर में परेशानियां आने लगती हैं और धन की हानि होने लगती हैं। इसके लिए उपाय करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
नकारात्मक ऊर्जा क्या है?
हम सभी सोच रहे होंगे नकारात्मक ऊर्जा का अर्थ यहाँ भूत-प्रेत या बुरी आत्मा से नहीं हैं। नकारात्मक ऊर्जा का मतलब घर के वास्तु दोष से है। यह नकारात्मक ऊर्जा घर पर और हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव डालती है। वास्तु के उपाय करके हम नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण-
- अगर घर पर सूर्य की किरणें पूर्व दिशा से आना किसी कारण बंद हो जाए।
- घर पर उत्तर पश्चिम दिशा से वायु आना बंद हो और उत्तर पूर्व दिशा में स्थान ख़राब हो जाए।
- घर में मंदिर का स्थान दूषित हो जाए ऐसी जगहों पर नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
- वास्तु के अनुसार बिल्ली,मछली और अन्य पालतू जानवर का मर जाना नकारात्मक ऊर्जा की तरफ संकेत देते हैं।
- घर का कोई सदस्य अचानक बीमार हो जाता है और इलाज कराने पर ठीक नहीं हो रहा है। यह भी नकारात्मक ऊर्जा को दर्शाता है।
- नौकरी और व्यापार कर रहे व्यक्तियों का बार-बार काम रुक जाता है। अतः वह मेहनत पूरी करते हैं।
- सोचने समझने की बुद्धि खो देना, हर समय आलस रहना और किसी कार्य पर मन नहीं लगना।
- आत्महत्या के बारे में विचार करना,मन का शांत नहीं रहना और बार- बार मन में नकारात्मक विचार आना।
- घर की सफाई करने के बावजूद भी बार बार कीड़े आ जाना यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत देते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा के अन्य संकेत-
वास्तु के अनुसार घर में नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करते समय कई प्रकार का संदेश देती है।
बच्चे का बार-बार रोना-
अगर आपका बच्चा बेवक्त रोने लगता है या बार-बार रोता रहता है। यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत होता है। इसके लिए आपको घर में भजन और कीर्तन करना चाहिए।
चिड़चिड़ापन महसूस होना-
घर में सिर का बार-बार दर्द करना और चिड़चिड़ापन महसूस करना नकारात्मक ऊर्जा की तरफ इशारा करता है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो आप इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं। साथ साथ इंस्टाएस्ट्रो पर हवन और पूजन ऑनलाइन उपलब्ध है।
नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए उपाय-
- घर के मुख्य दरवाजे को और उसके पास साफ -सफाई रखनी चाहिए।
- जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश न हो।
- वास्तु के अनुसार घर के बाहर की सफाई भी अत्यधिक आवश्यकता होती है।
- पोछा लगाते वक्त पानी में नमक को डाल देना चाहिए परन्तु यह उपाय गुरुवार को मत करें।
- इस उपाय से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और यह एक अचूक उपाय है।
- घर में पूजा पाठ जरूर करना चाहिए और सुबह-शाम घी का दीपक अवश्य जलाना चाहिए।
- दीपक अँधेरे को मिटाता है जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
- रात को कहीं बाहर जाने पर इत्र को नहीं लगाना चाहिए।
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आप नकारात्मक ऊर्जा से परेशान है या आपके सभी काम बिगड़ते जा रहे हैं तो इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।