
प्रत्येक वर्ष सावन के महीने में पंचमी तिथि को पड़ने वाली नागपंचमी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व होता है। नागपंचमी 2023 (NagPanchami 2023) के दिन नागों की पूजा की जाती है। नागों को भगवन महादेव से जुड़ा हुआ माना जाता है। इस दिन दूध, फल, फूल , धूप और मिठाई अदि नागों को चढ़ाया जाता है। नागपंचमी का यह त्यौहार न सिर्फ भारत में बल्कि नेपाल और दक्षिण एशिया के भी कुछ हिस्सों में बड़ी ही भक्ति और श्रद्धा के साथ प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी 2023 (NagPanchami 2023) के दिन नागों की पूजा करने से जातक को विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। नागों से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है क्योंकि नाग भी देवताओं का एक रूप हिन्दू धर्म में माने गए हैं और शिव भगवान से जुड़े हैं। नागपंचमी में के दिन भगवान शिव की भी पूजा की जा जाती है। नागपंचमी 2023 के दिन व्रत का भी विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार नागपंचमी के दिन व्रत और विधि अनुसार पूजा करने से व्यक्ति को धन, सम्पति, ख़ुशी और मनवांछित इच्छा की पूर्ति होती है। आइए जानते हैं, नाग पंचमी कब है?और नाग पंचमी 2023 के बारे में विस्तार अनुसार।
नाग पंचमी 2023 तिथि और समय
पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को सोमवार के दिन मनाई जाएगी। नाग पंचमी 2023 तिथि 21 अगस्त, सोमवार के दिन रात को 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 22 अगस्त 2023, मंगलवार के दिन दोपहर को 02 बजकर 00 मिनट नाग पंचमी तिथि समाप्त हो जाएगी।
नाग पंचमी 2023 पूजा का शुभ मुहूर्त
21 अगस्त 2023 के दिन सुबह 05 बजकर 53 मिनट पर नागपंचमी मुहूर्त शुरू हो जाएगा और 08 बजकर 29 मिनट पर यह खत्म हो जायेगा। इस प्रकार से पूजा के लिए कुल समय अवधि 2 घंटे 36 मिनट तक रहेगी।
नाग पंचमी का राहुकाल मुहूर्त
नागपंचमी मुहूर्त के बाद राहुकाल मुहूर्त सुबह 07 बजकर 56 मिनट पर शुरू हो जाएगा और 09 बजकर 31 मिनट पर खत्म हो जायेगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार राहुकाल मुहूर्त के दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
नाग पंचमी पूजा विधि
- नाग पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर अपने घर में अच्छे से साफ करने के पश्चात स्नान आदि करें और घर में गंगा जल का छींटा लगाएं। ताकि घर शुद्ध हो जाये।
- अब अपने सीधे हाथ में थोड़ा सा जल लेकर अपने मन में पूरी श्रद्धा और शांति के साथ व्रत को पूर्ण करने का प्रण लें और जल को धरती पर विसर्जित करें। इसके पश्चात सूर्य देवता को जल अर्पित करें।
- अब पूजा स्थल पर एक चौकी लगाएं और उस पर नाग देवता और नागिन की मूर्ति को स्थापित करें। मूर्ति स्थापित करने के पश्चात मूर्ति को पानी में दूध और गंगाजल मिलाकर स्नान करवाएं।
- अब मूर्ति पर हल्दी, चावल, फल, फूल, चंदन, दूध और कुमकुम अर्पित करें। इसके पश्चात सबसे पहले धूप और दीपक जला कर नागपंचमी के मंत्रों का जाप करना चाहिए। कम से कम 108 बार नागपंचमी के मंत्रों का जाप करें।
- अब अपने घर में ही नाग- नागिन की मूर्ति को गाय के कच्चे दूध में शक्कर मिला कर उसका भोग लगाएं। इसके पश्चात उनको शहद भी अर्पित करें।
- अब आपको नाग देवता की आरती करनी चाहिए और ज्योत प्रज्वलित करके उससे आरती उतारनी भी चाहिए। आरती पूर्ण होने के पश्चात नाग पंचमी की कथा पढ़नी या सुननी चाहिये।
- पूजा समाप्त होने के पश्चात शंख बजाना चाहिए। शंख बजाने से नकारात्मक खत्म होगी और नाग देवता का आशीर्वाद आपको प्राप्त होगा। इसके यदि आप नागपंचमी व्रत कर रहे हैं, तो पुरे दिन का व्रत श्रद्धा के साथ करें और दूध, फलों का सेवन करें।
नाग पंचमी का महत्व
हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का महत्व अधिक और विशेष माना जाता है। नाग पंचमी पर भगवान शिव के प्रिय नाग देवता को पूजा जाता है। इस दिन नाग देवता को दूध, फल, फूल, शहद, हल्दी, कुमकुम, बेलपत्र आदि अर्पित करने से व्यक्ति के घर में सुख- समृद्धि, सफलता और प्रगति आती है। नाग पंचमी का व्रत करने से नाग देवता अधिक प्रसन्न होते हैं साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की भी भक्तों पर असीम कृपा बरसती है। इस दिन यदि कोई व्रत करता है तो उसके वह अपने जीवन में संतान सुख से कभी वंचित नहीं रहता है साथ ही उसका विवाह होने में भी कभी कोई बाधा नहीं आती है। नाग पंचमी पर कुल मिलाकर 8 नागों की पूजा को विशेष माना जाता है। इन 8 नागों में ये नाग शामिल हैं, वासुकि, कालिया, तक्षक, ऐरावत, मणिभद्रक, धनंजय, धृतराष्ट्र और कार्कोटक। इन सभी की पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
नाग पंचमी का ज्योतिष अनुसार महत्व
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी राहु और केतु से जुड़ी हुई होती है। नाग पंचमी के दौरान बारिश का मौसम होता है और बरसात के मौसम में सभी जीव जानवर और नाग बहार निकल जाते हैं। दोनों ग्रहों के अंदर नागों की ऊर्जा होती है ऐसा माना जाता है। राहु और केतु को यदि शांत नहीं किया जाता है तो दोनों ग्रह अशुभता लाते हैं। ये दोनों ग्रह सांपों से संबंधित होते हैं इसलिए इनकी शांति के लिए नाग पंचमी का व्रत और पूजा की जाती है। राहु को सांप के सर और केतु को सांप की पूंछ से संबंधित माना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सांप को इस दिन दूध अवश्य अर्पित करें दूध अर्पित करने से राहु और केतु के बुरे प्रभाव और सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है।
नाग पंचमी पर अपनी राशि के अनुसार करें ये ज्योतिष उपाय
नाग पंचमी का त्यौहार नागों को प्रसन्न करने और ज्योतिष के अनुसार राहु- केतु ग्रह के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए मनाई जाती है। इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित करने से नाग दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख शांति भी आती है। ज्योतिष के अनुसार इस दिन राशि के अनुसार विभिन्न उपाय करने से जातक को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ज्योतिष के वह उपाय:
1. मेष राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मेष राशि को इस दिन विशेष रूप से नाग और नागिन की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। साथ ही पूजा के बाद नाग देवता को दूध अर्पित करना चाहिए।
2. वृषभ राशि
ज्योतिष के अनुसार वृषभ राशि को इस दिन एक शंख में गंगाजल और गाय का दूध मिलाकर ड़ालना चाहिए। इसके पश्चात नाग देवता का ध्यान करके इसके अगर धूप जलाकर नाग मंत्रों का जाप करना चाहिए। आपको लाभ मिलेगा।
3. मिथुन राशि
मिथुन राशि के व्यक्तियों को नाग पंचमी के दिन एक नाग और नागिन की तस्वीर या प्रतिमा अपने घर के मुख्य दरवाजे पर ऐसी जगह लगाएं जो आने- जाने वालों सबको दिखाई दे। ऐसा करने से नकारात्मकता घर में प्रवेश नहीं करेगी और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
4. कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों को नाग पंचमी पर खासतौर पर नागिन को पूजना चाहिए और उसे दूध और शहद का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से इस राशि को लाभ मिलेगा।
5. सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों को नाग पंचमी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और नाग देवता की प्रतिमा की विधि अनुसार पूजा करनी चाहिए। सिंह राशि को इस दिन शिवलिंग पर दूध और पुष्प भी अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से आपको कोई बीमारी नहीं होगी और घर में सुख- समृद्धि आती है।
6. कन्या राशि
कन्या राशि को नाग पंचमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि के पश्चात सबसे छिपा कर एक नागिन की प्रतिमा को अपने घर के एकदम पीछे और बीचों बीच में रखनी चाहिए। इससे कन्या राशि को लाभ मिलेगा।
7. तुला राशि
तुला राशि के व्यक्तियों को नाग पंचमी के दिन सुबह सूर्योदय के दौरान किसी पवित्र नदी में जाकर स्नान करना चाहिए और गंगा नदी से गंगा जल लाकर उसे शिवलिंग और नाग देवता पर अर्पित करना चाहिए। आपको लाभ प्राप्त होगा।
8. वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों को नाग पंचमी पर जीवित नागों को गाय का दूध पिलाना चाहिए और उनकी प्रतिमा पर अर्पित भी करना चाहिए। ऐसा करने से आपको जीवन में सफलता प्राप्त होगी और लाभ मिलेगा।
9. धनु राशि
धनु राशि के लोगों को नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से अपने घर के पीछे वाली दीवार पर नाग- नागिन की मूर्ति और प्रतिमा अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में कोई बाधा नहीं आती है।
10. मकर राशि
मकर राशि के लोगों को नाग पंचमी पर एक नया शंख लेकर उसमें दूध और गंगाजल डालकर उसकी पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय भगवान शिव का और नाग देवता का ध्यान करें।
11. कुम्भ राशि
कुम्भ राशि के लोगों को नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा। नाग देवता की पूजा भी अवश्य करें। शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
12. मीन राशि
मीन राशि को नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से नागिन की मूर्ति या तस्वीर को अपने घर में स्थापित करना चाहिए और उसकी पूजा विधि के अनुसार करनी चाहिए। इसके पश्चात दूध का भोग लगाना चाहिए। लाभ मिलेगा।
नाग पंचमी कथा
एक पौराणिक हिन्दू कथा के अनुसार महाभारत के अर्जुन के पुत्र परीक्षित की मृत्यु एक सांप जिसका नाम तक्षक था उसके के डस लेने से हुई थी। जब यह बात परीक्षित के पुत्र जन्मजेय को पता चली तो वह क्रोध से भर गए और उन्होंने सम्पूर्ण नागवंश से अपना बदला लेने के लिए नागवंश के विनाश के लिए एक यज्ञ करना शुरू कर दिया। जब इस बात का पता एक महान ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि को पता चली तो वह यह यज्ञ रुकवाने के लिए जन्मजेय के पास पहुंच गए। नागों के रक्षा के लिए उन्होंने राजा जन्मजेय से यह यज्ञ यह आग्रह करते हुए रोकने को कहा कि एक सर्प की गलती की सजा सम्पूर्ण नागवंश को नहीं मिलनी चाहिए। उनकी यह बात सुनकर राजा जन्मजेय प्रसन्न हो गए और यज्ञ को वहीं रोक दिया। इसी दिन सावन महीने की पंचमी तिथि थी। इसी प्रकार तभी से नागपंचमी व्रत रखा जाता है और पूजा की जाती है। इस दिन व्रत पूजा करने से नाग दोष से छुटकारा मिलता है और साँप के काटने से भी मुक्ति मिलती है।
नाग पंचमी पर क्या करें?
- नाग पंचमी के दिन नाग देवता और शिव भगवान की पूजा अवश्य करनी चाहिए। शिवलिंग और नागों को दूध अवश्य अर्पित करें।
- नाग पंचमी पर व्रत भी अवश्य करना चाहिए। विधि- विधान के अनुसार किया गया व्रत आपको लाभ प्रदान करता है। इससे जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- नाग पंचमी पर प्रसाद अवश्य ग्रहण करना चाहिए। इस दिन प्रसाद ग्रहण करने से व्यक्ति को कोई भी शारीरिक बीमारी नहीं रहती है। वह शरीर से हष्ट- पुष्ट रहता है।
- नाग पंचमी के दिन जातक को नाग मंदिर में जाकर भी पूजा करनी चाहिए और दूध अर्पित करना चाहिए। इस दिन दूध का दान गरीबों में भी करना चाहिए। इससे नाग देवता प्रसन्न होते हैं।
- नाग पंचमी के दिन नाग पंचमी की कथा और आरती जरूर करनी चाहिए। इससे घर में नाग देवता की कृपा बनती है और घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है।
- इस दिन कुंडली में राहु केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए व्रत करना अवश्य करना चाहिए और नाग देवता को दूध चढ़ाना चाहिए।
नाग पंचमी पर क्या न करें?
- वैसे तो किसी भी दिन किसी नाग या किसी भी जीव- जंतु को कोई नुकसान या हानि नहीं पहुंचानी चाहिए लेकिन विशेष रूप से ध्यान दें की नाग पंचमी के दिन गलती से भी आपके द्वारा किसी नाग या जानवर को किसी भी तरह की हानि न पहुंचे।
- नाग पंचमी के दिन मांसाहार, मदिरा या तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। आपको भारी पाप लग सकता है।
- यदि आप व्रत कर रहें है तो आपको एक भी समय अन्न का सेवन नहीं करना हैं। आप दूध और फलों का सेवन करके यह व्रत रख सकते हैं। याद रखें इस व्रत में नमक का नहीं खाया जाता है।
- नाग पंचमी के दिन किसी भी स्थान की खुदाई करना बिलकुल शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस दिन खेती में होने वाली खुदाई से भी बचना चाहिए।
- नाग पंचमी पर सिलाई सुई और धागे का भी कोई उपयोग नहीं करना चाहिए। सिलाई का और सुई धागे का चलाना इस दिन शुभ नहीं होता है।
- ज्योतिष के के अनुसार इस दिन लोहे की चीजों का उपयोग करने से बचना चाहिए। लोहे की चीजों का उपयोग करने से नाग देवता खुश नहीं रहते हैं। इस दिन किसी को बुरा भला भी नहीं बोलना चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. नाग पंचमी कब है?
2. नाग पंचमी पर क्या किया जाता है?
3. क्या नाग पंचमी पर व्रत भी किया जाता है ?
4. नाग पंचमी के व्रत में क्या खाया जा सकता है?
5. नाग पंचमी ज्योतिष से कैसे संबंधित है?
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ज्योतिष के अनुसार नाग पंचमी पर भगवान शिव की पूजा करना क्यों है जरूरी? जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।