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धन हर व्यक्ति की जरूरत है। किसी भी व्यक्ति को अपना जीवन चलाने के लिए धन की आवश्यकता होती है। हर मनुष्य दिन रात मेहनत करता है ताकि पैसे कमा सके क्योंकि इन्ही पैसों से व्यक्ति अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। धन के बिना जीवन जीने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। धन ही व्यक्ति के जीवन जीने का ऐसा माध्यम है। जो व्यक्ति का पेट भरने के साथ साथ उसे समाज में सम्मान और प्रतिष्ठा भी दिलाता है। लेकिन अगर यहीं धन मनुष्य के पास न हो तो न ही उसे घर में कोई सम्मान मिलता है और न ही समाज में। इसलिए व्यक्ति रूपया, पैसा पाने के लिए भगवान शिव को प्रसन्न करने में लगा रहता है।
धन की समस्या से निपटने मे भगवान शिव के यह उपाय करेंगे आपको मालामाल:
भगवान शिव को हिंदू धर्म के सभी देवताओं में मुख्य और देवाधिदेव कहा गया है। इसलिए कहा जाता है कि जिसने भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया उसने हर विपदा को पार कर लिया।
शिवलिंग के सामने दीपक जलाएं-
हिन्दू परम्परा के अनुसार घरों में दीपक जलाना शुभ माना जाता है। भारत में दीपावली का उत्सव भी दीयो के कारण ही ज्यादा खास लगता है। हम देखते है कि कई लोग तुलसी के पौधे पर भी दीया जलाते है क्योंकि यह करना समृद्धि की निशानी माना जाता है और साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। अगर आपके पास धन की कमी है और आप अपनी इस कमी को पूरा करना चाहते है। तो हर रोज़ रात को 11 से 12 के बीच शिवलिंग के सामने दिया जलाएं। पुराणों में गुणनिधि नाम के एक व्यक्ति की चर्चा की गई है। जिसमें शिवलिंग के समक्ष दीया जलाकर अपनी गरीबी को दूर किया।
समृद्धि और सुख के देवता है भगवान शिव-
भगवान शिव को इस सृष्टि का निर्माणकर्ता माना गया है। अगर यूं कहे कि इनकी मर्जी के बिना इस दुनिया में कुछ भी होना नामुमकिन है। तो यह गलत नहीं होगा क्योंकि भगवान शिव को महाकाल भी इसी कारण से कहा जाता है। भगवान शिव का दूसरा नाम भोलेनाथ भी है। एक कथा के अनुसार भस्मासुर की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने भस्मासुर को एक वरदान दे ड़ाला कि जिसके सर पर तुम अपना हाथ रखोगे वो मनुष्य वहीं राख हो जाएगा। लेकिन भस्मासुर ने शिव के इस वरदान का गलत फायदा उठाने का सोचा और भगवान शिव के सर पर ही हाथ रख कर उन्हें भस्म करने की कोशिश की लेकिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार ने भगवान शिव की रक्षा करी।
इसी बात से पता चलता है कि भगवान शिव को मनाना बहुत आसान है। लेकिन कोई भोलेनाथ की कृपा का अनुचित लाभ उठाने का प्रयास करता है। तो भगवान शिव उससे उसकी समृद्धि और सुख छीन लेते है और उसे दर-दर का भिखारी बना देते है।
धन से जुड़ी समस्या को दूर करती है भगवान शिव की पूजा-
शिव पुराण ऐसा ग्रन्थ है जिसमें भगवान शिव की महिमाओं के बारे में बताया गया है। शिव पुराण को व्यक्ति के लिए इतना शुभ माना गया है कि जो व्यक्ति शिव पुराण या शिव चालीसा को हर दिन पढ़ता है उसकी जिंदगी में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती। शिवपुराण में ऐसे अनेक उपाय बताए गए है। जिन्हें करने से व्यक्ति की न सिर्फ धन संबंधी बल्कि हर समस्या दूर हो जाती है। वैसे तो भगवान शिव की पूजा करने से ही मनुष्य की आधी तकलीफ दूर हो जाती है। पर अगर यह उपाय पूरे मन और सच्ची श्रद्धा से की जाएं तभी भगवान शिव का आशीर्वाद मनुष्य की झोली में आता है।
भगवान शिव के उपाय करें और बनाए अपने भाग्य को मजबूत-
अगर आप भगवान शिव की कृपा का पात्र बनना चाहते है और अपने किए हर कार्य में सफलता चाहते है। तो सोमवार के दिन शिवजी पर एक कपड़ा चढ़ाकर उसके ऊपर अक्षत रखकर समर्पित करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। दूसरा हर दिन काले तिल को जल में डालकर शिवलिंग पर चढ़ाने से मनुष्य के पाप नष्ट होते है। तीसरा जल में जौ मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने से भी सूख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। धन प्राप्ति में आ रहीं बाधाएं भी दूर होती है।
कुंडली के दोष रोकते है धन प्राप्ति के स्त्रोत-
बच्चे के जन्म के समय परिवार वाले सबसे पहले बच्चे की कुंडली बनाते है। ताकि उससे बच्चे के भविष्य के बारे में जाना जा सके और उस पर आने वाली बाधाओं को पहले ही कोई हवन,पूजा कराकर दूर किया जा सके। अक्सर हमें ऐसे व्यक्तियों की कुंडली में कालसर्प, मांगलिक या कोई अन्य दोष देखने को मिलता है। वास्तुशास्त्र में भी ऐसे दोषों को बहुत हानिकारक और खतरनाक बताया गया है। इसलिए इन सब दोषों से क्षुटकारा पाने के लिए भगवान भोलेनाथ की पूजा ख़ासकर कालसर्प दोष को खत्म करने के लिए भगवान शिव की पूजा और हवन करना विशेष रूप से बताया गया है।
हर किसी की झोली धन से भरते है धन धान्य भोलेनाथ-
त्रिकालदर्शी कहे जाने वाले भगवान शिव अपने भक्तों की पूजा करने से ही इतने खुश हो जाते है की वे अपने भक्त की झोली धन से भर देते है और दुर्भाग्य को सौभाग्य बना देते है। फिर चाहे कोई भक्त दिखावे की भक्ति ही क्यों न करे या फिर अनजाने में भगवान शिव की पूजा करें जैसा भीलनी ने की थी तभी भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उसके सारे दुख दूर कर दिए। भगवान भोलेनाथ की इसी करूणा के कारण शिव के भक्त उन्हे धन्य धन्य भोलेनाथ कहकर भी बुलाते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. भगवान शिव को त्रिकालदर्शी क्यों कहा जाता है?
2. शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है?
3. मां सती के कितने शक्तिपीठों की पूजा की जाती है?
4. भगवान शिव क्या सच में भांग का सेवन करते थे?
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