हर साल में फ़रवरी महीना ही ऐसा होता है जिसे पूरी दुनिया इस महीने को प्यार के महीने के रूप में मनाती है। फ़रवरी का हर दिन ख़ास होता है। पूरी दुनिया के लोग इस महीने के हर एक दिन को बड़े उत्साह से मनाते है। फरवरी महीने की 14 तारीख़ को हर प्रेमी जोड़ा अपने प्यार का इज़हार करता है। साथ ही अपने चाहने वाले को तोहफे देकर उनकी ना को हां में बदल देता है। 14 तारीख़ को वैलेंटाइन ड़े के रूप में जाना जाता है। अगर प्रेम की बात की जाएं तो यह वो पवित्र एहसास है जो दिल को दिल से जोड़ता है। आत्मा को आत्मा से जोड़ता है। प्यार एक कभी न खत्म होने वाली खूशबु की तरह है।
हर इंसान अपनी पूरी जिंदगी में एक न एक बार किसी से प्यार जरूर करता है। पर किसी को उसका प्यार मिल जाता है तो किसी का शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाता है। अगर इश्वरीय प्रेम की बात की जाएं तो अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि प्रेम विवाह के लिए मैं किस भगवान की पूजा करुं जिससे मेरे साथी से मेरा विवाह जल्दी ही हो जाएं और यह विवाह इश्वरीय प्रेम की तरह पवित्र हो। क्योंकि हमारे पुराणों में एक से बढ़कर एक भगवान ऐसे है जो प्रेम विवाह के लिए शुभ माने गए है।
लव मैरिज के लिए इन देवताओं की पूजा
अगर आप भी अपनी प्रेम कहानी को पूरा करना चाहते है या अपनी जिंदगी में ऐसा हमसफर चाहते है जो आपको समझे तो जरूर करें इन देवताओं की पूजा।
करें भगवान कृष्ण की पूजा-
हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान कृष्ण को प्यार और रोमांश का देवता माना गया है। कृष्ण-राधा के पवित्र प्रेम के बारे में हम लोग बचपन से पढ़ते और सुनते आ रहे है। अगर कोई प्रेमी जोड़ा अपने प्रेम को पूरा करना चाहता है तो उसे भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
प्यार को पाने में भगवान शिव करेंगे आपकी सहायता-
जिस तरह सती ने शिव को पाने के लिए पार्वती रूप में दोबारा जन्म लिया और अपनी प्रेम कहानी को पूरा किया। उसी तरह लड़कियां भी चाहती है कि उनका प्रेम भी सती की तरह पवित्र हो। इसलिए लड़कियां महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखती है ताकि वो अपने हमसफर के रूप में भगवान शिव जैसा जीवनसाथी पा सकें। महाशिवरात्रि का दिन इसलिए भी अहम है क्योंकि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।
हिंदू धर्म में विवाह के देवता-
वैसे तो हिंदू धर्म में ऐसे कई देवताओं का जिक्र है जो आपके प्यार को पाने में आपकी सहायता करते है। लेकिन इनमें भी कुछ विशेष देवताओं के नाम है जो आपके प्रेम विवाह के लिए बहुत सिद्ध माने जाते है। जिनकी पूजा करने से आपकी शीघ्र प्रेम विवाह होने की संभावना रहती है। हिन्दू धर्म में विवाह के देवता के रूप में मुख्य है- कृष्ण-राधा, शिव-पार्वती, कामदेव-रति, भगवान चंद्रमा। इसके अलावा भगवान कामदेव को प्रेम का स्वामी भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को भी प्रेम का स्वामी ग्रह कहा जाता है।
हिन्दू धर्म में प्रेम और सौंदर्य की भारतीय देवी श्री ललिता महा त्रिपुरा सुंदरी को प्यार की हिन्दू देवी के रूप में भी जाना जाता है। त्रिपुरा सुंदरी का मतलब है जो तीनों लोक स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल में सबसे सुंदर है। इसका दूसरा नाम कामाक्षी भी है। जिसका मतलब हर समय आंखों में इच्छा जगाना है। प्रेम की एक अन्य देवी के रूप में श्री राधा को भी जाना जाता है। राधा को दया, मानवता और करुणा की देवी कहा जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों में राधा रानी और मीरा को प्यार की हिन्दू देवी कहा गया है। इनके अलावा प्रेम और सौंदर्य की भारतीय देवी में रूकमणी, मीरा, सीता, पार्वती, सती और अन्य कई देवियों के नाम भी लिए जाते है।
मैं किस भगवान की पूजा करू-
अक्सर लोगों का सवाल रहता है कि शीघ्र प्रेम विवाह के लिए किस भगवान की पूजा करनी चाहिए। तो इसका जवाब सीधा सा है। शीघ्र प्रेम विवाह के लिए आपको कामदेव की पूजा करनी चाहिए। हिन्दू शास्त्रों में कामदेव को प्रेम और काम का देवता माना गया है। दूसरा शिव-पार्वती की पूजा करें क्योंकि इनका विवाह सृष्टि का पहला प्रेम विवाह है। अगर आप इनकी पूजा करते है तो आपको जन्मो जन्म साथ निभाने वाला साथी मिलता है। राधा-कृष्ण का अलौकिक प्रेम भला कौन भूल सकता है। राधा-कृष्ण की भले शादी न हुई हो लेकिन उनका प्रेम लोगों की नज़रो में एक आदर्श है। प्रेम की भावना ऐसी है कि एक बार हो जाए तो छुटती नहीं है। स्वयं ईश्वर भी इनके बिना नहीं रह पाएंगे हम तो केवल मनुष्य है।
भारतीय परम्परा में शादी, कुंडली मिलान, लड़का लड़की के गुणों को देखकर की जाती है। हर माता पिता चाहते है कि उनके बच्चों का जीवन सुख में बीते। इसलिए लड़का- लड़की के 36 गुणों में से कुछ गुणों का मिलान आपस में होना जरूरी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. हिन्दू धर्म में कितनी तरह की शादियां होती है?
2. पिशाच विवाह क्या होता है?
3. क्या कृष्ण ने किया था रुक्मिणी का अपहरण?
4. श्री राधा और कृष्ण को प्रेम का प्रतीक क्यों माना जाता है?
5. श्रीकृष्ण ने क्यों तोड़ दी थी अपनी बांसुरी?
6. प्रेम विवाह के लिए कोन कोन से मंदिर प्रसिद्ध है?
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