मनचाहे वर के लिए कुंवारी कन्याओं के व्रत-
आज कल के समय प्रत्येक लड़की अपने मनचाहे वर से विवाह करना चाहती है। अपने जीवन के लिए सुयोग्य जीवनसाथी की तलाश करती हैं। लड़कियाँ हमेशा सुयोग्य वर को पाना पसंद करती हैं। अगर आप भी मनचाहे और अच्छे वर को प्राप्त करना चाहते है। तो हम आपको बताएँगे। कुंवारी कन्याओं द्वारा किये जाने व्रत। मनचाहे वर को प्राप्त करने के लिए जया पार्वती व्रत और गौरी व्रत को रखना चाहिए।
हिन्दू धर्म में जया पार्वती व्रत और गौरी व्रत का अत्यधिक महत्व है। इन दोनों व्रत को कुंवारी कन्याएं और विवाहित महिला रख सकती हैं। गौरी व्रत को मंगला गौरी व्रत भी कहते हैं। क्योंकि यह व्रत मंगलवार को रखा जाता है।
जया पार्वती व्रत और मंगला गौरी व्रत-
पार्वती व्रत माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस व्रत को विजया पार्वती व्रत भी कहा जाता है।यह व्रत विवाहित स्त्रियां विशेषकर इस व्रत को रखती हैं। इस व्रत को रखने से स्त्रियां सौभाग्यशाली और समृद्धशाली होती हैं। इस व्रत को रखने से स्त्रियों को विधवा होने का दुख नहीं सहन करना पड़ता है।
मंगला गौरी व्रत कुंवारी कन्याओं के अत्यधिक महत्वपूर्ण व्रत है। व्रत में भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा की जाती है। इस व्रत को करके कन्याएं सुयोग्य वर पाने का आशीर्वाद लेती हैं। जया पार्वती व्रत और मंगला गौरी व्रत रखने से कन्या को मनचाहा व्रत प्राप्त होता है।
जया पार्वती व्रत और मंगला गौरी व्रत 2022 की तिथि और समय-
जया पार्वती व्रत आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखते हैं। 2022 में जया पार्वती व्रत 12 जुलाई को किया जाएगा। इस व्रत की अवधि एक दिन की होती हैं। किसी-किसी स्थान पर जया पार्वती व्रत को 5 दिन तक भी रखते हैं।
मंगला गौरी व्रत प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आरम्भ किया जाता है। 2022 में गौरी व्रत 9 जुलाई दिन शनिवार से आरम्भ होगा। गौरी व्रत समाप्त होने की तिथि 13 जुलाई दिन बुधवार है।
जया पार्वती व्रत और मंगला गौरी व्रत का महत्व-
हिन्दू मान्यता के अनुसार, जया पार्वती व्रत और मंगला गौरी व्रत में विशेष रूप से माँ पार्वती की पूजा की जाती है। जो कन्याएं और स्त्रियां इस व्रत को विधि पूर्वक करती हैं। उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा और सुयोग्य वर प्राप्त होता है। विवाहित स्त्रियों का वैवाहिक जीवन प्रेम से भरा हुआ होता है। इसके अलावा जो स्त्रियां संतान को प्राप्त करना चाहती हैं। यह दोनों व्रत अत्यधिक शुभ फलदायी होते हैं।
अगर वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बार- बार परेशानियां उत्पन्न हो रही है। तो यह व्रत करने आपका वैवाहिक जीवन सुचारू रूप से चलता रहेगा। आपकी जीवन में सुख आएगा। वैवाहिक जीवन की कलह और कष्ट दूर होंगे।
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