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कुंडली में गुरु के मजबूत होने से मिलते है अनेकों लाभ

By April 17, 2023December 6th, 2023No Comments
Guru In Kundli

सभी ग्रहों में गुरु ग्रह पांचवें स्थान पर आता है। अन्य किसी भी ग्रह की तुलना में गुरु सबसे अधिक भारी होता है। हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह को सभी 9 ग्रहों में सबसे ज्ञानी माना गया है। इसलिए इस ग्रह को गुरु की संज्ञा दी जाती है। गुरु ग्रह का एक अन्य नाम बृहस्पति भी है। हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन गुरु ग्रह को समर्पित है। जैसा की नाम से ही पता चलता है इस ग्रह को ज्ञान का देवता कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में स्थित होता है। तो उस व्यक्ति को परम ज्ञान की प्राप्ति होती है।

क्या कहती है गुरु ग्रह की दशा/महादशा-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु ग्रह की दशा 16 साल तक चलती है। कई हिंदू शास्त्रों में इस दशा को गुरु की महादशा के नाम से भी जाना जाता है। 16 साल तक चलने वाली गुरु की यह दशा मनुष्य की कुंडली में शुभ अशुभ प्रभाव लेकर आती है।

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ज्योतिष से जानिए गुरु की महादशा के उपाय-

मनुष्य की कुंडली में गुरु की महादशा ज्ञान प्राप्ति, ऐश्वर्य प्राप्ति और सफलता प्राप्ति के योग लेकर आती है। अगर आप भी जानने चाहते है कि आपकी कुंडली में गुरु की महादशा कैसी है? तो आप इंस्टाएस्ट्रो की वेबसाइट पर जाकर अपनी सभी समस्याओं का हल पा सकते है। गुरु की महादशा के उपाय जानने के लिए एक बार नजर डाले इन कथनों पर।

रखें गुरुवार का व्रत-

हिंदू धर्म में व्रत को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। व्रत रखने से शारीरिक शुद्धि के साथ साथ मन की भी शुद्धि होती है। जिसमें गुरुवार के दिन व्रत रखने का अपना एक अनोखा महत्व है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति गुरुवार का व्रत रखता है। उसपर गुरुदेव यानी बृहस्पति की विशेष कृपा होती है और वह अपने जीवन में हमेशा सफलता पाता है।

गुरुवार के दिन करें इन चीजों का दान-

गुरु की महादशा को सुधारने के लिए गुरुवार के दिन गरीबों में हल्दी, पीले वस्त्र, किताबें, और अन्य जरूरी चीजों का दान करें।

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करें अपने गुरुजनों की सेवा-

हमारी संस्कृति में गुरु को माता पिता से भी ऊंचा स्थान दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि जो छात्र अपने गुरु की आज्ञा का पूरे मन से पालन करते है। उन पर बृहस्पति देव का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।

नियमित रूप से करे केले के पेड़ की पूजा-

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार केले के पेड़ में बृहस्पति देव का वास माना जाता है। क्योंकि केले का पेड़ बृहस्पति देव का प्रिय पेड़ है। इसलिए बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए जातक को नियमित रूप से केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।

बृहस्पति देव को लगाएं सात्विक आहार का भोग-

हिंदू संस्कृति में सात्विक आहार को व्यक्ति के लिए काफी अच्छा भोग माना गया है। लेकिन गुरुवार के दिन आप बृहस्पति देव को सात्विक आहार का भोग लगाते है और स्वयं भी सात्विक आहार ग्रहण करते है। तो आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है। अगर यह भोग पीले रंग का हो तो यह और भी अच्छा फल प्रदान करता है।

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गुरु की कृपा प्राप्त करने के लिए करें इन मंत्रों का जाप-

ऊँ बृं बृहस्पतये नम:।।
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ज्योतिषी के अनुसार गुरु के इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के ऊपर से गुरु ग्रह के बुरे प्रभाव टलते है।

गुरु ग्रह को कैसे मजबूत करें-

क्या आप जानते है कि गुरु ग्रह के मजबूत होने से आपके जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है। मजबूत गुरु ग्रह न केवल आपकी किस्मत चमकाता है। बल्कि यह अन्य चीजों में भी आपकी सहायता करता है। आइए जानते है गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय-

करें पुखराज रत्न को धारण-

ज्योतिषी सलाह देते है कि गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए व्यक्ति को पुखराज रत्न धारण करना चाहिए। यदि पैसों की समस्या या अन्य कारणों से मनुष्य पुखराज रत्न को धारण नहीं कर पा रहा है। तो उसे पुखराज का उपरत्न सोनल या सुनेला पहनना चाहिए।

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करें अपने माता पिता और गुरुजनों का सम्मान-

अपने माता पिता और गुरुजनों का सम्मान करने से न केवल आपको अपने माता पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद मिलता है। बल्कि आपका गुरु ग्रह भी मजबूत होता है और आप शिक्षा के क्षेत्र में काफी तरक्की करते है।

पीपल के पेड़ और ब्रह्मा जी की करें पूजा-

गुरु ग्रह को मजबूत करने के उपाय में एक अन्य उपाय। जिसमें आप पीपल के पेड़ की परिक्रमा करके और ब्रह्मा जी की पूजा करके भी कर सकते है। जिससे आपको गुरु की कृपा के साथ साथ ब्रह्मा जी की भी कृपा प्राप्त होती है।

गुरु को मजबूत करने के लिए अपने आहार में शामिल करें इन चीजों को-

जिन लोगों का गुरु कमजोर होता है। उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्योतिषी गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए व्यक्ति को अपने आहार में घी और बेसन से बने लड्डू, चने से बनी चीजों आदि का सेवन करने की सलाह देते है।

पहने पीले रंग के वस्त्र-

गुरु का प्रिय रंग पीला है। इसलिए ज्योतिषी किसी भी व्यक्ति को गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने और पीले रंग की चीजें खाने की सलाह देते है। जो जातक की कुंडली में गुरु को मजबूत करने में सहायक बनता है।

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करे गुरु मंत्र का जाप-

गुरु को मजबूत करने के उपाय में एक अन्य उपाय गुरु मंत्र का जाप करना भी है। आप हर गुरुवार गुरु मंत्र यानी ग्रां ग्रीं ग्रौं स गुरवे मंत्र का जाप करके भी अपनी कुंडली में गुरु के स्थान को मजबूत कर सकते है। जरुरी नहीं की आप गुरु मंत्र का जाप करने के लिए गुरुवार का दिन ही चुने। आप अपनी सुविधानुसार किसी अन्य दिन भी गुरु मंत्र का जाप कर सकते है।

शिक्षा से संबंधित चीजों का रखें विशेष ख्याल-

किसी भी छात्र या व्यक्ति के लिए जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा की जरुरत होती है। शिक्षा ही वह साधन है। जिसके माध्यम से व्यक्ति हर नामुमकिन कार्य पूरा कर सकता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में अपनी पढ़ाई से संबंधित चीजों जैसे कलम, किताब आदि का उचित रुप से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि शिक्षा की चीजों के अपमान से गुरु ग्रह रुष्ठ होते है और व्यक्ति की कुंडली में बुरे भाव में सदा के लिए विराजमान हो जाते है। इसलिए व्यक्ति को गलती से भी शिक्षा से संबंधित चीजों का अपमान नहीं करना चाहिए।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. गुरु ग्रह को कैसे मजबूत करें?

गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए व्यक्ति को गुरु मंत्र का जाप, गरीबों में दान करना और छोटे-बड़ों का सम्मान करना चाहिए आदि।

2. किसका कारक है गुरु ग्रह?

ज्योतिष के मुताबिक गुरु ग्रह व्यक्ति के अंदर ज्ञान और अध्यात्म को विकसित करने का कारक माना जाता है।

3. कौन सी राशियां गुरु की मित्र राशियां कहलाती है?

मेष, सिंह, कर्क और वृश्चिक गुरु की मित्र राशियां होती है। इन सबकी गुरु के साथ युति व्यक्ति की कुंडली में शुभ अवसरों का निर्माण करती है।

4. कौन सा घर गुरु ग्रह के लिए अच्छा माना जाता है?

बृहस्पति के लिए व्यक्ति की कुंडली का चौथा भाव अच्छा माना जाता है। जो पोषण, शिक्षा, घरेलु शांति आदि से संबंधित है।

5. गुरु को कितनी दृष्टियां प्राप्त है?

गुरु को तीन दृष्टियां प्राप्त है। इसके अलावा गुरु के पास पंचम, सप्तम और नवम दृष्टि भी होती है।

6. बृहस्पति किस राशि में उच्च भाव का होता है?

बृहस्पति कर्क राशि में उच्च भाव का होता है। तो वहीं मकर राशि में नीच भाव का रहता है।

और पढ़ें: जानें आध्यात्मिकता और आंतरिक संतुलन क्या होता है ?

बृहस्पति की ही तरह अन्य ग्रहों को मजबूत करने के उपाय जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।

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