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कुंडली में धन योग का होना बनाता है व्यक्ति को मालामाल

By April 11, 2023December 6th, 2023No Comments
Kundli Me Dhan Yog

हर व्यक्ति दिन रात कड़ी मेहनत करके अपने और अपने परिवार के लिए एक सुरक्षित भविष्य का निर्माण करना चाहता है। लेकिन इतनी मेहनत के बावजूद भी मात्र कुछ गिने चुने लोगों की ही किस्मत चमकती है। बाकी लोग बस हाथ मलते रह जाते है और अपनी किस्मत को कोसने लगते है। लेकिन क्या आप जानते है कि आपकी इतनी मेहनत करने पर भी पैसा आपके हाथ से क्यों फिसल जाता है। तो इसका उत्तर बिल्कुल सीधा सा है और वह है आपकी कुंडली। जी हां आपकी कुंडली में कुछ ऐसे प्रबल योग होते है। जो आपके भाग्य में धन योग का लाभ लेकर आते है। जिस व्यक्ति की कुंडली में धन योग नहीं होता। उसे जीवन भर पैसों की दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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ज्योतिष से जानिए कुंडली में कैसे बनता है धन योग-

कोई भी नवजात शिशु जब जन्म लेता है। तो उसके जन्म के साथ ही उसकी जन्म कुंडली का निर्धारण हो जाता है। जिसके माध्यम से जातक की जनम कुंडली में धन योग और अन्य शुभ अशुभ चीजों का पता लगाया जाता है। जैसा की सबको ज्ञात है। ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 भावों का वर्णन मिलता है। आइए जानते है इन 12 भाव में से कौन सा भाव जातक की जनम कुंडली में धन योग का निर्माण करता हैं।

 किस ओर संकेत करता है व्यक्ति की कुंडली का द्वितीय भाव-

व्यक्ति की कुंडली का द्वितीय भाव वित्तीय प्रभाव के बारें में बताता है। जो व्यक्ति के लिए अपार धन वर्षा के रास्ते खोलता है। ज्योतिष शास्त्र में भी धन योग का प्रभाव जानने के लिए सबसे पहले जातक की कुंडली के द्वितीय भाव को देखा जाता है।

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क्या कहता है 7 वां भाव-

वैसे तो व्यक्ति की कुंडली का 7 वां भाव विवाह से संबंधित है। लेकिन यदि उसे 7 वें भाव में शनि की स्थिति अच्छी हो तो। जातक के लिए धन प्राप्ति के योग बनते है।

किस बात को दर्शाता है 8 वां भाव-

कुंडली का 8 वें घर व्यक्ति की आयु को दर्शाता है। इस दौरान यदि कुंडली के दूसरे घर का स्वामी 8 वें घर में गोचर कर रहा हो। तो मनुष्य अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भविष्य में धन संपदा अर्जित करता है।

कुंडली का 10 वां घर-

व्यक्ति की कुंडली के 10वें भाव में लग्न स्वामी का स्थित होना बताता है। कि जातक भविष्य में अपने माता पिता से अधिक धन कमाने में सक्षम होगा।इसके अलावा 10 वें भाव में यदि 5 वें भाव का स्वामी विराजमान हो। तो यह जातक के लिए प्रबल धन योग का प्रभाव लेकर आता है। इस स्थिति में जातक के भाग्य में अपनी संतानों के माध्यम से धन वृद्धि के योग बनते है। 

चौथे और पांचवे भाव में सूर्य की युति-

यदि व्यक्ति की कुंडली के चौथे और पांचवें घर में सूर्य और बुध की युति बन रही है। तो इस बात की संभावना होती है कि जातक प्रशासनिक कार्यों से धन कमाएगा।

8वें और 12 वें भाव का 11वें भाव से जुड़ना-

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि छठे, 8वें और 12वें भाव का स्वामी। जातक के 11वें भाव के स्वामी से जुड़ रहा है। तो जातक के लिए अचानक धन लाभ होने की स्थिति उत्पन्न होती है।

मेष आर कर्क राशि में बुध ग्रह का गोचर होना-

यदि मेष और कर्क राशि में बुध ग्रह का गोचर हो रहा है। तो यह व्यक्ति के धनवान होने के लक्षणों को बताता है। 

ज्योतिष के अनुसार कुंडली का 12 वां घर-

हमारे शास्त्रों में बृहस्पति को ज्ञान का देवता माना गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार अगर कुंडली के 12 भावों में से किसी भी भाव में बृहस्पति और शुक्र की युति बनती है। तो व्यक्ति कि कुंडली में धन योग की प्रबल संभावनाएं विकसित होती है।

चौथा भाव करता है मालामाल-

यदि कुंडली के चौथे भाव में कुंभ, तुला और मकर राशि जैसे त्रिग्रही योग बनते है। तब भी उस व्यक्ति के लिए मालामाल होने की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अलावा मनुष्य की कुंडली के इन 12 घरों में से। यदि प्रत्येक घर में किसी भी शुभ ग्रह का कब्जा हो। तो यह उस मनुष्य के भाग्य में धन योग की स्थिति का निर्माण करता है।

धन योग के शुभ प्रभाव के बारे में-

हम सभी जानते है। कि आज के समय में हर मनुष्य की लिए धन क्या मायने रखता है। अभी अभी हमने ऊपर जनम कुंडली में धन योग के प्रभाव के बारे में चर्चा की। आइए अब हम जानते है कि कैसे किसी व्यक्ति की कुंडली में धन योग शुभ प्रभाव लेकर आता है।

धन योग से सुधरती है व्यक्ति की आर्थिक स्थिति-

धन योग जिसे कई मान्यता प्राप्त हिंदू शास्त्रों में लक्ष्मी योग भी कहा जाता है। यह तो सभी को मालूम है कि रोटी, कपड़ा और मकान के लिए धन की आवश्यकता होती है। व्यक्ति की कुंडली में धन योग होना व्यक्ति की इन सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। साथ ही जिस व्यक्ति की कुंडली में धन योग नहीं होता है। वह व्यक्ति लाख मेहनत करने पर भी दरिद्रता के जाल में फंसा रहता है।

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माँ लक्ष्मी खोलती है धन योग के रास्ते-

हिंदू धर्म में माँ लक्ष्मी को धन की देवी कहा गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि माँ लक्ष्मी अगर आपकी कुंडली के सभी घरों में विराजमान हो जाए। तो आपके लिए धन योग प्राप्ति के रास्ते में आ रही सभी अड़चनों को दूर करने में मदद करती है। साथ ही आपके भाग्य में अपार धन की वर्षा करती है।

मानसिक तनाव को भी दूर करने में मदद करता है धन योग-

बेरोजगारी के इस दौर में हर युवा मानसिक तनाव से गुजर रहा है। क्योंकि आजकल पैसों की जरूरत हर किसी को है। खासकर बेरोजगार युवा वर्ग को। अत: उन्हें किसी छोटी मोटी कंपनी में अपनी नापसंद का काम करने को मजबूर होना पड़ता है। या उच्च शिक्षा होने के बावजूद भी उन्हें कहीं रोजगार नहीं मिल पाता। जिस कारण उनके भीतर मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। लेकिन क्या आप जानते है। कि कभी कभी इस मानसिक तनाव का कारण आपकी कुंडली में धन योग का न होना भी हो सकता है। इसलिए अपनी कुंडली में धन योग शुभ प्रभाव के उपाय जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से सलाह लें।

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दानशील होता है वह मनुष्य जिसकी कुंडली में होता है धन योग-

हम अक्सर अपने बड़े बुजुर्गों और सलाहकारों से यह सुनते रहते है। कि अगर किसी व्यक्ति के पास जरुरत से ज्यादा धन है। तो उस व्यक्ति को उस धन का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने में करनी चाहिए। जिससे उस व्यक्ति को गरीबों की दुआएं मिलती है। साथ ही साथ उस व्यक्ति के धन में भी वृद्धि होती है। इसलिए जहां भी जरूरत हो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. किन संकेतों से पता चलता है कि आपको मिलने वाला है धन?

स्वप्न शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को अपने सपने में झाडू, हाथी, नेवला, सुराही, सितारा आदि चीजें दिखाई दे। तो यह धन मिलने के संकेत होते है।

2. धन प्राप्ति के लिए कौन से ग्रह को पूजा जाता है?

बृहस्पति/गुरु ग्रह को धन प्राप्ति के लिए पूजा जाता है। जो जातक की कुंडली में आर्थिक समृद्धि के योग बनता है।

3. क्या होता है भद्र योग?

यह योग बुध के विशिष्ट भावों में और विशिष्ट राशियों में उत्पन्न होने पर बनता है। पंचमहापुरुषों में से यह इकलौता योग होता है।

4. कैसे होता है कुंडली में धन योग का निर्माण?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब किसी व्यक्ति की कुंडली के 12 भाव में से पहला, दूसरा, पांचवा और नौवें भाव के स्वामी आपस में संयोग बनाते है। तो जातक की कुंडली में धन योग का निर्माण होता है।

5. कौन सा घर धन का भाव दर्शाता है?

व्यक्ति की कुंडली का द्वितीय भाव धन, यश और ऐश्वर्य का भाव दर्शाता है। जिससे जातक के भाग्य में अपार धन की संभावना बनती है।

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कुंडली में कितने प्रकार के होते है योग। इन योगों के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय जानने के लिए आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से संपर्क करें।

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