
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस प्रकार हर माह में 2 बार प्रदोष व्रत रखा जाता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। प्रदोष व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए रखा जाता है। इस दिन महादेव की उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से प्रदोष व्रत पूजा विधि, प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त और प्रदोष व्रत का महत्व।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
- प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें।
- फिर पूजा घर में एक चौकी पर भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
- विधि विधान से महादेव और माँ पार्वती की पूजा करें। दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- फिर शिवलिंग पर सफेद चंदन लगाएं। बेलपत्र, मदार, भांग, आदि अर्पित करें।
- फल अथवा मिठाई का भोग लगाएं। अंत में आरती करें।
- इस प्रकार प्रदोष व्रत पूजा विधि संपन्न हो जाएगी।
प्रदोष व्रत का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
जिन जातक की कुंडली में कालसर्प दोष या ग्रह दोष होता है, उन्हें प्रदोष व्रत जरूर रखना चाहिए।
प्रदोष व्रत रखने और महादेव की पूजा करने से रोग, कष्ट, पाप आदि सब दूर होते हैं।
मान्यता है कि कुंवारी लड़कियां जब प्रदोष व्रत रखती है तब उन्हें भगवान शिव से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
कृष्ण पक्ष प्रदोष व्रत तिथि
जानें वर्ष 2023 में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्रत तिथि –
माघ – 19 जनवरी
फाल्गुन – 18 फरवरी
चैत्र माह – 19 मार्च
वैशाख माह – 17 अप्रैल
ज्येष्ठ माह – 17 मई
आषाढ़ माह – 15 जून
श्रवण माह – 14 जुलाई
भाद्रपद माह – 12 सितंबर
अश्विन माह – 11 अक्टूबर
कार्तिक माह – 10 नवंबर
मार्गशीर्ष माह – 10 दिसंबर
जानें प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत की पूजा संध्या काल में की जाती है। सूर्यास्त होने से 45 मिनट पहले और 45 मिनट बाद तक प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त रहता है।
इन बातों का रखें ध्यान प्रदोष व्रत के दिन
1. इस दिन अपने घर और पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई करनी चाहिए।
2. इस दिन घर के सदस्यों से लड़ाई-झगड़ा या वाद-विवाद न करें।
3. व्रत कर रहे साधकों को अपने मन में दूसरों के प्रति बुरी भावना नहीं लाना चाहिए।
4. इस दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें। मांसाहारी भोजन, मदिरा आदि का भी परहेज करें। लहसुन प्याज युक्त भोजन ना खाएं।
5. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। और इस दिन दोपहर में ना सोएं।
6. व्रत के दिन भगवान शिव की आराधना करें। और ध्यान मग्न रहें।
7. व्रत रखने वाले साधकों को चोरी, झूठ या हिंसा से दूर रहना चाहिए।
8. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महिलाओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से माता पार्वती नाराज हो जाती हैं।
9. प्रदोष व्रत के दिन महादेव को तुलसी की पत्तियां, केतकी के फूल, कुमकुम, नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
10. प्रदोष व्रत के दिन काले कपड़े नहीं पहनना चाहिए। इस दिन लाल या पीले जैसे शुभ रंगों के कपड़े पहनने चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. किस समय होता है प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त ?
2. प्रदोष व्रत का महत्व क्या है ?
3. प्रदोष व्रत पूजा विधि क्या है ?
4. प्रदोष व्रत किस दिन रखा जाता है ?
5. प्रदोष व्रत से जुड़े नियम क्या हैं ?
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