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कामिका एकादशी 2022: कामिका एकादशी व्रत कथा और व्रत पूजा विधि।

By July 6, 2022November 23rd, 2023No Comments
Kamika Ekadashi 2022

कामिका एकादशी के बारे में-

हिन्दू पंचांग के अनुसार कामिका एकादशी सावन के माह में पड़ती है। सावन माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान विष्णु के उपेंद्र रूप की आराधना की जाती है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार इस एकादशी का व्रत करने से पूर्व जन्म के पाप दूर होते हैं। व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। कामिका एकादशी का व्रत करने से हजार गौ दान के समान पुण्य मिलता है। इस व्रत की कथा सुनने से पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। कामिका एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख-शांति आती है।
आज आप इस लेख में जानेंगे। कामिका एकादशी क्यों मनाते हैं। कामिका एकादशी व्रत कथा विधि। कामिका एकादशी की तिथि और कामिका एकादशी का महत्व।

कामिका एकादशी 2022 की तिथि-

यह एकादशी 2022 में 24 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है। कामिका एकादशी आरंभ की तिथि 23 जुलाई है। शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 27 मिनट है। कामिका एकादशी समाप्त होने की तिथि 24 जुलाई है। समाप्त होने का समय दोपहर 1 बजकर 45 मिनट है।

कामिका एकादशी क्यों मनाते हैं?

यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। इस एकादशी को मनाने से पापों से प्राप्त कष्ट दूर होते हैं। पुण्य प्राप्त होता है। कामिका एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है। जो जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।

कामिका एकादशी व्रत कथा-

एकादशी व्रत कथा के अनुसार। एक गांव में एक बलशाली व्यक्ति और ब्राह्मण थे। दोनों एक दूसरे को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे। एक दिन दोनों के बीच लड़ाई हो गयी। बलशाली व्यक्ति ने ब्राह्मण की हत्या कर दी। हत्या करने की वजह से बलशाली व्यक्ति को समाज से निकाल दिया गया। वह अपनी गलती का प्रायश्चित करने के लिए ऋषि के पास गया। ऋषि ने उसे कामिका एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। बलशाली व्यक्ति ने कामिका एकादशी व्रत करा। भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की। जिससे वह दोष मुक्त हो गया।

कामिका एकादशी व्रत पूजा विधि-

  • इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान चाहिए।
  • इसके पश्चात भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें।
  • व्रत का संकल्प लें।
  • विष्णु जी को पंचामृत,फल,फूल और दूध आदि अर्पित करें।
  • कामिका एकादशी के दिन विष्णु जी का सहस्त्रनाम पाठ करना चाहिये।
  • एकादशी का व्रत समाप्त करने के लिए अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं।
  • इसके पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करें।

कामिका एकादशी का महत्व-

  • इस दिन विष्णु जी की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।
  • व्रत के प्रभाव की वजह से सभी काम हो जाते हैं।
  • जो भक्त इस दिन पूजा करता है।
  • उनके पूर्वजों के कष्ट भी दूर होते हैं।
  • यदि आपको भगवान विष्णु को प्रसन्न करना है।
  • तो भगवान विष्णु की पूजा तुलसी से करनी चाहिए।
  • कामिका एकादशी की व्रत की कथा को सुनना यज्ञ के समान मानी जाती है।
  • कामिका एकादशी का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व है।

इस प्रकार की अधिक जानकारी के लिए इंस्टाएस्ट्रो के साथ जुड़े रहें और हमारे लेख जरूर पढ़ें।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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