कई बार सब कुछ सही होने के बाद भी व्यक्ति को जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण जीवन में असफलता झेलनी पड़ती हैं। यह परेशानियां वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हो सकती हैं। जब घर वास्तु शास्त्र के अनुसार न बना हो, तब जीवन में कई कष्ट पैदा हो जाते हैं। यदि घर का बाथरूम या कमरे, किचन आदि सही दिशा में ना बनाया जाए, तो कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अतः घर बनाते समय वास्तु शास्त्र काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। तो आइये जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से बाथरूम का वास्तु शास्त्र तथा वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय।
बाथरूम का वास्तु शास्त्र
घर बनवाते समय बाथरूम की दिशा अवश्य ध्यान में रखना चाहिए क्योंकि यह वास्तु शास्त्र की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण होता है। गलत दिशा में बाथरूम होने से घर में वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इसके कारण व्यक्ति को कई तरह की आर्थिक और शारीरिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बाथरूम का वास्तु दोष
कैसे उत्पन्न होता है बाथरूम का वास्तु दोष ?
दिशा : सही दिशा में बाथरूम ना बनाए जाने से वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। जिसके कारण जातक की सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
पौधे और तस्वीर: अगर बाथरूम की दीवार में किसी प्रकार की तस्वीर या पौधे लगे हो तो यह सही नहीं है। इससे बाथरूम में वास्तु दोष पैदा होता है।
बाल्टी और मग : बाथरूम में मग और बाल्टी का रंग काला, बैंगनी, नीला या कत्थई नहीं होना चाहिए। गहरे रंगों को अशुभ माना जाता है अतः इन रंगों की बाल्टी रखने से वास्तु दोष पैदा होता है।
दरवाजे : बाथरूम के दरवाजे प्लास्टिक या लोहे के नहीं होनी चाहिए। साथ ही दरवाजा टूटा नहीं होना चाहिए। बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए।
बाथरूम और शौचालय : वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम चंद्र ग्रह का और शौचालय राहु ग्रह का स्थान माना जाता है। इसलिए इन दोनों को एक साथ नहीं बनाना चाहिए। शौचालय का वास्तु दोष निवारण इस तरह किया जा सकता है।
पानी का बहाव : बाथरूम में पानी का बहाव उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए।
बाथरूम के वास्तु दोष के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में हर दोष के उपाय बताये गए हैं। बाथरूम में उत्पन्न वास्तु दोषों को दूर करने के लिए इन उपायों का पालन करना चाहिए। वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय
नमक का उपाय
कांच के एक बर्तन में नमक डालकर बाथरूम में रख दें। इससे बाथरूम का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। परन्तु हर सप्ताह नमक को बदलते रहना है।
बाथरूम में पानी का निकास
बाथरूम में पानी की निकासी उत्तर या पूर्व दिशा में ही होनी चाहिए। यदि बाथरूम का पानी दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ जाता है, तो इससे घर में अशांति पैदा होती है।
शीशा
यदि बाथरूम में शीशा लगा है, तो उसका मुंह दरवाजे की तरफ नहीं होना चाहिए। दरवाज़े की ओर शीशा लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा पैदा होती है।
टब और बाल्टी
बाथरूम में रखे टब और बाल्टी को हमेशा भरा हुआ रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में खुशियां आती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट
बाथरूम में गीजर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को दक्षिण-पूर्व दिशा में लगाना उपयुक्त होता है।
बेडरूम और बाथरूम
घर के बेडरूम और बाथरूम को अलग-अलग दिशा में बनवाना चाहिए। इससे घर में स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है।
ईशान कोण में शौचालय के उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार ईशान कोण में देवताओं का वास होता है। अतः बाथरूम और शौचालय का निर्माण ईशान कोण में नहीं करना चाहिए। ईशान कोण में टॉयलेट बनाने से सेहत पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही आर्थिक नुकसान भी होता है।
बाथरूम और किचन
बाथरूम का निर्माण हमेशा किचन से दूर करवाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम और रसोई घर पास होने से स्वास्थ सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. बाथरूम का वास्तु शास्त्र क्या होता है ?
2. ईशान कोण में शौचालय के उपाय क्या हैं ?
3. बाथरूम वास्तु दोष निवारण के आसान उपाय क्या हैं ?
4. शौचालय का वास्तु दोष निवारण कैसे करें ?
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार बाथरूम में पानी का निकास कैसे होना चाहिए ?
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