
रामसेतु-
रामायण का अहम हिस्सा राम सेतु का निर्माण माना जाता है। रामायण के अनुसार इसका निर्माण वानर सेना द्वारा किया गया था। इस पुल से श्री राम लंका गए थे। रामसेतु पुल भारत के रामेश्वरम से श्रीलंका के मन्नार तक बना है। रामसेतु की आयु का कोई निष्कर्ष नहीं मिला है। रामसेतु की आयु का पता लगाने के लिए शोध किये जा रहे हैं। रामसेतु निर्माण के लिए राम सेतु पत्थर का उपयोग किया गया था। वर्तमान समय में अमेरिका के द्वारा शोध करा गया था। जिसमे रामेश्वरम और श्रीलंका के बीच कुछ ऐसे पत्थर पाए गए हैं। जो 7000 साल पुराने हैं। माना जा रहा है यह रामसेतु पत्थर हैं।
आज हम जानेंगे। रामसेतु का रहस्य, रामसेतु कितने दिन में बना? और प्रभु श्री राम ने लंका विजय हेतु किन की पूजा करके सेतु निर्माण किया था?
रामसेतु का निर्माण-
रावण का वध करने के लिए श्री राम जी को लंका जाना था। परन्तु लंका तक जाने पर एक समुद्र था। जिसको पार करना अत्यधिक कठिन था। प्राचीन समय से माना जा रहा है। पत्थर पर श्री राम का नाम लिखा और वह पत्थर आसानी से तैरने लगे थे। पर यह सत्य नहीं है।स्वयं राम जी पल बनाने के लिए समुंद्र पर खड़े रहे। रामसेतु का निर्माण के लिए समुद्र देव से मदद मांगी थी।
जब समुद्र देव ने बताया। कि आपकी सेना में नल और नील दो वानर हैं। जिसके पास पल निर्माण की सम्पूर्ण जानकारी है। पर नल और नील भी इसमें असफल रहे। फिर गुरु कबीर साहेब ने उन पत्थर पर श्री राम लिखा और तैरने के काबिल बनाया। तब रामसेतु का निर्माण हुआ। इसका निर्माण पांच से छह दिन में पूरा हो गया था।
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