
नथ एक ऐसा आभूषण है जिसे एक लड़की अपने विवाह पर पहनती है। बिना नथ पहने दुल्हन, दुल्हन नहीं लगती है। नथ पहनने से विवाहिता के चेहरे पर एक रौनक सी छा जाती है। नाक में नथ शादीशुदा महिलाएं पहनती हैं। परन्तु अब आजकल की लड़किया भी नथ फैशन के लिए पहनती हैं। ज्योतिष शास्त्रों में नथ पहनने का एक नहीं बल्कि अनेकों फायदे होते हैं। इसका पता हमें ज्योतिष शास्त्रों और विज्ञान खंडों द्वारा पता चलता है। नथ पहनने के वैज्ञानिक फायदे भी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नथ को हमेशा नाक की बाईं तरफ ही क्यों पहना जाता है। और बाएं ओर नथ पहनने के लड़कियों को क्या लाभ मिलता है।
क्या आपको पता है कि किस तरफ नाक छिदवाना चाहिए जिससे आपको अनेक लाभ प्राप्त हो, हिन्दू धर्म में बायीं और नाथ पहनने का अपना विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब किसी लड़की का विवाह होता है तो फेरों और उसकी जयमाला के दौरान उसकी नाक में बायीं और नथ जरूर होनी चाहिए इससे उसका शादीशुदा जीवन अच्छा बीतता है। नोज रिंग पहनने से दुल्हन के अंदर माता लक्ष्मी का रूप जाग्रत हो जाता है और शादीशुदा जोड़े को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। आइए जानते हैं कि बाईं ओर नाक छिदवाने का क्या मतलब है और नाक में नथ पहनने का महत्व क्या है।
नाक में बाईं ओर नथ पहनने के लाभ
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि आप अपनी नाक में बाईं तरफ नथ पहनती हैं तो यह बहुत शुभ माना जाता है। यह शरीर को सभी बीमारियों से बचाती है। नथ पहनने और नाक छिदवाने के कई तरह के स्वास्थ्य लाभ विवाहिता को मिलते हैं।
- नाक में बाईं तरफ नथ पहनने से दुल्हन को लक्ष्मी माता का स्वरूप माना जाता है। क्योंकि नथ लक्ष्मी माता का गहना होता है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नथ दुल्हन की आने वाली शादीशुदा ज़िन्दगी को खुशहाल बनाती है। इसे पहनने से दुल्हन नकारात्मक ऊर्जा स्त्री के पास तक नहीं आ सकती है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार एक स्त्री को प्रत्येक शुभ मौके पर अपनी बाईं तरफ नथ अवश्य धारण करनी चाहिए उसे इससे लाभ मिलता है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार स्त्री यदि सोने और चांदी की नथ पहनती है तो इससे उसके मन को शांति मिलती है और उसके अंदर सकारात्मकता उत्पन्न होती है। स्त्री कभी अवसाद का शिकार नहीं होती है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाई ओर नाक में नथ पहनने से स्त्री के मस्तिष्क का विकास होता है। वह अपने काम को शांति से और दिमाग लगा कर पूरा कर सकती है।
- बायीं ओर नथ पहनने से महिला को होने वाली माहवारी के दर्द से राहत दिलाता है। पीरियड्स के दौरान होने वाला भयानक दर्द बाईं ओर नथ पहनने से खत्म हो जाता है।
- माता पार्वती और माता लक्ष्मी का मुख्य गहना नथ होता है इसलिए नथ पहनने से स्त्री को दोनों देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और वह अपने जीवन में तरक्की प्राप्त करती हैं।
- बाई ओर नथ पहनना विवाहिताओं के सुहाग की निशानी मानी जाती है। उन्हें इसे पहनने से सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाईं तरफ नथ पहनना स्त्री के सुहाग के लिए शुभ होता है और यह महिला के 16 श्रृंगार की निशानी होती है।
बाई ओर नाक छिदवाने के फायदे क्या हैं?
- बाईं ओर नाक छिदवाने के फायदे हिन्दू धर्म में अनेक हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाईं ओर नाक छिदवाने से एक स्त्री के संपूर्ण जीवन को शक्ति प्रदान करता है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार स्त्री का बाईं ओर नाक छिदवाना उसके प्रजनन अंगों से जुड़ा हुआ रहता है इसलिए यदि वह बाईं ओर से नाक छिदवाती है तो उसके प्रजनन अंगों में कभी कोई रोग नहीं होता है।
- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाईं ओर नाक छिदवाने से एक महिला जब बच्चा पैदा करती है तो उसको उस समय जो दर्द सहन करना पड़ता है वह उसको नहीं होता है।
- बाईं ओर नाक छिदवाने से महिला की इम्युनिटी शक्ति बढ़ती है। और उसे कोई रोग नहीं छू सकता है।
- महिला मानसिक रोगों से मुक्त होती है और उसके अंदर रोग निवारण क्षमता उत्पन्न होती है।
नाक छिदवाना क्यों जरूरी है
यदि आप जानना चाहते हैं की बाईं ओर नाक छिदवाना क्यों जरूरी है तो ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाई ओर नाक छिदवाना इसलिए जरुरी है क्योंकि यह महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है। इससे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा पास नहीं आती है और यह देवी लक्ष्मी और देवी पार्वती से जुड़ा हुआ गहना है वही वैज्ञानिक तौर पर कहा जाता है कि नाक में नाथ पहनने से महिला की प्रजजन क्षमता बढ़ जाती है और नाक में बाईं ओर नथ पहनने से महिला जो सांस लेती है वह शुद्ध होकर उसके अंदर प्रवेश होती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार नाथ चांदी या सोने की पहनने से अत्यधिक लाभ मिलता है।
नाक छिदवाने का महत्व
नाक छिदवाने का महत्व और नाक में नथ पहनने का महत्व ज्योतिष और विज्ञान दोनों में बताया गया है। हिन्दू धर्म में लड़किया अपने विवाह से पहले ही अपनी नाक और कान छिदवाने लग जाती है। यहाँ नेक छिदवाने का महत्व बहुत अधिक है। नाक छिदवाने से जिसको माइग्रेन की समस्या होती है उसमें भी राहत मिलती है। और महिलाओं से संबंधित लगभग सभी रोगों का नाश होता है।
क्या कहता है विज्ञान
अभी तक हमने जाना की ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बाई और नाक छिदवाने के फायदे और नाक में नथ पहनने का महत्व क्या है। अब हम आपको बताएंगे कि वैज्ञानिकों के अनुसार बाईं ओर नाक छिदवाने का क्या मतलब है और किस तरफ नाक छिदवाना चाहिए।
- वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार भी बाईं तरफ पहनी गयी नथ महिलाओं को मासिक धर्म में होने वाली दर्द की पीड़ा से छुटकारा दिलाती है। और उनकी प्रसव पीड़ा को काम करती है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार बाईं ओर नाक छिदवाने के फायदे अनेक हैं। उनके अनुसार इसे पहनने से स्त्री को सर्दी खांसी और जुकाम नहीं होता है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति को श्वास से संबंधित बीमारी होती है जैसे अस्थमा तो इसे पहनने से वह भी दूर हो जाती है।
- बाईं तरफ से नाक इसलिए छिदवायी जाती है क्योंकि इस तरफ की सभी नसें महिला के प्रजनन वाले अंगों से जुड़ी होती हैं और जब वह किसी बच्चे को जन्म देती हैं तो उन्हें पीड़ा नहीं होती है।
- बाईं और से नाक छिदवाने वाली महिलाओं का स्वास्थ्य सम्बन्धी किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। उनके मानसिक विकास में भी बेहतर वृद्धि होती है।
- जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है वह भी नाक छिदवाने से नियंत्रण में रहता है। और महिला को अधिक गुस्सा नहीं आता है उनका दिमाग शांत रहता है।
नाक छिदवाते समय इन बातों का रखें ध्यान
- जब नाक छिदवाने जाते हैं तो किसी ढंग की साफ सुथरी दुकान में ही जाना चाहिए और अच्छे साफ उपकरण देख कर अपनी नाक छिदवाएँ। ऐसा नहीं करने से आपके नाक संक्रमण जा सकता है।
- नाक छिदवाने के बाद उसमें सोने या चांदी की बाली ही पहननी चाहिए अन्यथा नाक में एलर्जी हो सकती है और वह लम्बे समय तक पक सकती है।
- जो व्यक्ति आपकी नाक छेद रहा है उसके हाथों को देखें यदि वह साफ- सुथरे नहीं हैं तो उससे नाक न छिदवाएँ क्योंकि आपकी नाक की नसें आपके प्रजनन अंगों से जुड़ी होती है इससे रोग होने की स्थिति बनती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. नाक छिदवाना क्यों जरूरी होता है?
2. बायीं ओर ही नाक क्यों छिदवाई जाती है?
3. किस प्रकार की नाथ पहननी शुभ होती है?
4. एक महिला का नथ ग्रहण करना कब जरूरी होता है।
5. क्या कुंवारी कन्या भी नथ पहन सकती है?
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