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ज्योतिष के 10 नियम जिससे जानें कौन से ग्रह आपके लिए शुभ और अशुभ हैं!

By April 7, 2025No Comments
जानें कौन से ग्रह आपके लिए शुभ और अशुभ हैं!

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारी जीवन की हर घटना का संबंध नौ ग्रहों से होता है। सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु, ये सभी ग्रह हमारे भाग्य, करियर, रिश्तों पर गहरा असर डालते हैं। क्या आप जानते हैं कि ये ग्रह शुभ और अशुभ कब होते हैं? और इन ग्रहों के प्रभाव क्या होते हैं? इस संदर्भ में, कुछ 10 ज्योतिषीय नियम हैं, जो यह तय करते हैं कि कौन सा ग्रह शुभ है और कौन सा अशुभ।

ग्रहों की स्थिति का असर कई तरीके से लोगों पर पड़ता है। जिसके बारे में हम नीचे पढ़ेगे। हालांकि कुंडली में स्थिति, गति और अन्य प्रभावों के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, अगर गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में है, तो यह शिक्षा, करियर और समृद्धि में सकारात्मक प्रभाव डालता है।

वहीं, शनि की खराब स्थिति आर्थिक नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म देती है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि हर ग्रह की स्थिति का हमारी जीवन पर अलग असर पड़ता है और इसी के साथ ग्रह शुभ और अशुभ को समझकर हम अपनी जीवनशैली और फैसलों को बेहतर बना सकते हैं।

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यहां जानें 10 प्रमुख ज्योतिषीय नियम

पहला नियम-

  • जब कोई ग्रह अपनी उच्च राशि, स्वगृही (अपनी खुद की राशि) या मित्र ग्रह की राशि में स्थित होता है, तो वह शुभ फल देता है।
  • उच्च राशि में स्थित ग्रह लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।
  • इसी तरह, स्वगृही ग्रह भी अच्छे परिणाम देता है।
  • अगर ग्रह अपने मित्र ग्रह की राशि में होता है, तो यह जातक के लिए शुभ होता है।

दूसरा नियम-

  • ज्योतिष शास्त्र नियम के मुताबिक जब ग्रह अपनी स्वयं की राशि को देखता है, तो वह शुभ फल देता है।
  • यह स्थिति ग्रह के प्रभाव को और मजबूत करती है, जिससे लोगों को अच्छे परिणाम मिलते हैं।

तीसरे नियम-

  • यदि कोई ग्रह अपने मित्र ग्रह के साथ बैठा हो, तो यह भी शुभ फल प्रदान करता है।
  • मित्र ग्रह के साथ बैठने से दोनों ग्रहों के अच्छे प्रभाव एक साथ मिलते हैं।

चौथा नियम-

  • जब कोई ग्रह अपनी नीच राशि से उच्च राशि की ओर जाता है, तो वह शुभ फल देने लगता है।
  • ऐसे में यह ग्रह जातक के लिए अच्छे अवसर उत्पन्न करता है।

पांचवा नियम-

  • कुंडली में यदि कोई ग्रह त्रिकोण भाव (1वें, 5वें, 9वें) का स्वामी हो और वह लग्नेश का मित्र हो, तो यह शुभ फल देता है।

छठा नियम-

  • वहीं, 3वें, 6वें, और 11वेेभाव (क्रूर भाव) के स्वामी ग्रह आमतौर पर अशुभ होते हैं।

सांतवा नियम-

  • ज्योतिष शास्त्र नियम के मुताबिक यदि ग्रह 6वें, 8वें या 12वें भाव में स्थित हो, तो वह जातक को कष्ट देता है।

आठवा नियम-

  • चंद्रमा की स्थिति भी महत्वपूर्ण है; यदि वह मजबूत हो और शुभ ग्रहों से युक्त हो, तो यह जीवन में सुख और समृद्धि लाता है।

नौ नियम-

  • दूसरी ओर, सूर्य के पास आने से ग्रह अस्त हो जाते हैं और अपनी शक्ति खो देते हैं।

दसवाँ नियम-

  • बुध, राहु और केतु तटस्थ ग्रह माने जाते हैं, और वे जिस ग्रह के साथ होते हैं, उसी के अनुरूप फल देते हैं।

इस प्रकार आप ज्योतिष शास्त्र नियम को समझकर जान सकते हैं कि कौन से ग्रह आपके लिए शुभ हैं और कौन से अशुभ। इनका प्रभाव आपकी जीवनशैली और फैसलों पर अहम भूमिका निभाता है।

कुंडली ग्रह योग क्या है?

  • कुंडली ग्रह योग का मतलब है ग्रहों की स्थिति और उनके बीच के संबंधों के आधार पर बनते हैं।
  • जो व्यक्ति के जीवन पर शुभ और अशुभ प्रभाव डालते हैं।
  • ये हैं कुंडली ग्रह योग के नाम- राजयोग, पंच महापुरुष योग, गजकेसरी योग, ग्रहण योग, कालसर्प योग, चतुर्ग्रही योग, अल्पायु योग, विपरीत राजयोग।

ग्रहों को पहचान कर उपाय करें-

ज्योतिष शास्त्र नियम के मुताबिक लोगों पर ग्रहों के प्रभाव के साथ- साथ ग्रहों दोष निवारण के भी उपाय दिए गए हैं तो चलिए ये भी जान लेते हैं।

सूर्य दोष निवारण

  • सूर्य की पूजा करें, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
  • विष्णु की उपासना करें, गेहूं, गुड, एवं तांबे का दान करें।

चन्द्रमा दोष निवारण

  • चन्द्रमा ग्रह दोष निवारण के लिए शिवजी की उपासना करें।
  • महामृत्युंजय का जाप करें, चावल, दूध, चांदी का दान करें।

बुध दोष निवारण

  • दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, मां दुर्गा की उपासना करें, साबूत मूंग दान में दें।

बृहस्पति दोष निवारण

  • गुरू पूजन करें, हरिवंष पुराण का पाठ करें, बृहस्पति की पूजा करें।
  • चने की दाल या सोना दान करें।

शुक्र दोष निवारण

  • लक्ष्मी की पूजा उपासना करें, स्त्री का सम्मान करें।
  • विधवाओं की मदद करें, घी, दही, कपूर, का दान करें।

शनि दोष निवारण

  • काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें, लोहा या उड़द का दान करें।

राहु दोष निवारण

  • राहुु ग्रह दोष निवारण के लिए भैरव बाबा की उपासना करें, गोमेद का दान करें।

केतु दोष निवारण

  • लहसुनिया धारण करें, गरीब बच्चों को कपड़े, आदि दान करें।
  • मन्दिर में अपने हाथों से ध्वजारोहण करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

1. सबसे पावरफुल ग्रह कौन सा है?

बृहस्पति ग्रह हमारे सौरमंडल का सबसे शक्तिशाली ग्रह है।

2. बदनामी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

ज्योतिष के मुताबिक, कुंडली में ग्रहों के खराब दशा के कारण बदनामी हो सकती है। इनमें बृहस्पति, राहु, शनि, और चंद्रमा जैसे ग्रह शमिल हैं।

3. कौन सा ग्रह मान-सम्मान दिलाता है?

ज्योतिष के मुताबिक, सूर्य ग्रह मान-सम्मान दिलाता है, सुर्य को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है।

4. कौन से मंत्र का जाप करने से मान-सम्मान बढ़ता है?

ओम घृणि सूर्याय नमः, ॐ भानवे नमः, ओम सूर्याय नमः, ओम वासुदेवाय नमः, ओम आदित्य नमः।

5. कौन सा ग्रह अमीर बनाता है?

ज्योतिष के मुताबिक, बृहस्पति, शुक्र, मंगल, चंद्र, और राहु जैसे ग्रह आपको अमीर बनाता है।

6. कौन सा ग्रह गरीबी देता है?

व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या लंबे समय तक बना रहता है। शनि ग्रह की दृष्टि होने से आर्थिक स्थिति कमजोर होना, नौकरी-बिजनेस में हानि होना आदि सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही व्यक्ति को कर्ज में इतना डूबा देते है, जिससे मनुष्य कंगाल भी बन जाते हैं।

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Pratibha Pathak

About Pratibha Pathak

इंस्टाएस्ट्रो में हिन्दी कंटेट राइटर। पत्रकारिता में अमरउजाला से सफर की शुरूआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ पंजाब केसरी, इंडिया न्यूज से होते हुए इंस्टाएस्ट्रो में पहुंची। लगातार कुछ बेहतर और अलग करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सिखने की कोशिश। एस्ट्रोलॉजी, राजनीतिक और सॉफ्ट खबरों में रूचि।