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जगद्धात्री पूजा 2022: कब है जगद्धात्री पूजा और मेला उत्सव का महत्व।

By November 2, 2022December 4th, 2023No Comments
Jaggadatri Puja

जगद्धात्री पूजा का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसकी पूजा नवरात्रि पूजा की तरह होती है। जगद्धात्री पूजा का मुख्य रूप से बंगाल और ओडिशा में धूमधाम से मनाई जाती है। जगद्धात्री दुर्गा जी का एक रूप होता है। सम्पूर्ण भारतवर्ष में पश्चिम बंगाल माँ दुर्गा की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। जगद्धात्री पूजा बंगाल के हुगली जिले में मनाई जाती है। इस पर्व में कई तरह के मेले लगाए जाते हैं और पंडाल लगाए जाते हैं।
मान्यता है इस पर्व का प्रारम्भ राम कृष्ण की पत्नी शारदा ने किया था। यह माँ दुर्गा जी की पुनर्जन्म की ख़ुशी में मनाया जाता है। आइये जानते हैं 2022 में जगद्धात्री पूजा कब है? और जगद्धात्री पूजा की विधि और जगद्धात्री पूजा का महत्व क्या है?

Jaggdatri Mata

जगद्धात्री पूजा 2022 कब है ?

इस पर्व का शरद ऋतु में अत्यधिक महत्व होता है। जगद्धात्री पूजा का पर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। यह पर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर दशमी तिथि तक मनाई जाती है। वर्ष 2022 में जगद्धात्री पूजा 2 नवंबर को प्रारंभ होगी और 5 नवंबर को समाप्त होगी।

November 2022 Calendar

जगद्धात्री पूजा क्यों मनाते हैं?

इस पर्व को उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पूजा देवी दुर्गा के अवतार को समर्पित है। माँ दुर्गा बुराई को खत्म करती और अच्छाई को जागृत करती हैं। जगद्धात्री पूजा के दिन पंडाल सजाए जाते हैं। सभी स्थानों पर माँ की मूर्ति को स्थापित किया जाता है। जगद्धात्री पूजा पूरे विधि-विधान से चार दिनों तक की जाती है। पंडालों में जागरण का आयोजन भी किया जाता है। जगद्धात्री माँ को भारत की माता का स्वरूप भी दिया गया है। जगद्धात्री पूजा के दौरान विशेष तरह के मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस मेले का अत्यधिक महत्व होता है। इसे मेला उत्सव के रूप में भी जाना जाता है।

Jaggdatri Puja

जगद्धात्री पूजा में मेला उत्सव का महत्व-

  • इस पर्व में मेले का भी आयोजन किया जाता है। यह मेला भव्य मेला होता है।
  • जगद्धात्री पूजा में सुन्दर- सुन्दर झांकियां सजाई जाती हैं।
  • इस पूजा का प्रारम्भ चन्दन नगर नमक शहर से हुआ था।
  • चन्दन शहर की पौराणिक कथाओं और इतिहास को झांकियों के माध्यम से दर्शाया जाता है।
  • जगद्धात्री पूजा में माँ का भजन-कीर्तन और गरबा का आयोजन भी किया जाता है।
  • उड़ीसा में जगद्धात्री पूजा और जगद्धात्री मेला अत्यधिक प्रसिद्ध है।
  • मेले का उत्सव आठ दिन से लेकर 15 दिनों तक चलता है।
  • जगद्धात्री पूजा के पंडाल अत्यधिक सुन्दर होते हैं।

जगद्धात्री पूजा में मेला

जगद्धात्री पूजा की विधि-

  • इस पूजा का आयोजन दुर्गा पूजा की तरह ही किया जाता है।
  • माँ की बड़ी प्रतिमा को पंडाल में सजाया जाता है।
  • दुर्गा पूजा की तरह ही माँ की प्रतिमा को लाल रंग की साड़ी और गहनों को पहनाया जाता है।
  • माँ की मूर्ति को फूलों से सजाते हैं और विधि विधान से माँ की पूजा की जाती है।

Jaggadatri Puja Thali

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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