
आज हम आपको बताएँगे। रावण के जीवन से जुड़ी कथा। जिसे पढ़कर आप हैरान हो जाएंगे। क्या आप जानते आज हैं। रावण सीता को लंका ले जाने के बावजूद सीता जी को स्पर्श नहीं कर पाया था। ऐसा क्यों? इसकी पूरी जानकारी इस लेख में पढ़ें। रावण को क्या और क्यों श्राप मिला था।
रावण ने की शिव जी की तपस्या-
शिव जी तपस्या कई वर्षों तक रावण ने की थी। शिव जी रावण की तपस्या से अत्यधिक प्रसन्न हुए थे। शिव जी रावण जिस जगह तपस्या कर रहा था। उस जगह प्रकट हुए। शिव जी को रावण ने देखा। रावण ने शिव जी को प्रणाम किया। शिव जी ने रावण से कहा। मैं तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हुआ हूँ। तुम जो वरदान में मांगना चाहो, मांग सकते हो। रावण ने शिव जी की कटाक्ष को मांगा। शिव जी ने रावण को कटाक्ष दे दी। रावण कटाक्ष पाकर अत्यधिक शक्तिशाली हो गया था।
रावण ने रंभा के साथ किया दुराचार-
शिव जी का कटाक्ष पाकर रावण अत्यधिक शक्तिशाली और अहंकारी हो गया था। एक दिन रावण स्वर्गलोक पहुंचा।रावण की मुलाकात स्वर्ग की सबसे खूबसूरत अप्सरा रंभा से हुई। रंभा अत्यधिक सुन्दर थी। रावण रंभा की खूबसूरती पर मोहित हो गया था। रावण ने रंभा को जबरदस्ती पकड़ लिया। उसके साथ गलत व्यवहार करने लगा। रंभा के बार बार करने पर भी रावण नहीं माना। रावण ने रंभा के साथ दुराचार किया।
कुबेर ने रावण को दिया श्राप-
रंभा के साथ दुराचार वाली बात जब कुबेर जी को पता चली। तब कुबेर जी ने रावण को श्राप दे दिया। कुबेर ने कहा रावण अगर तुम किसी भी स्त्री के बिना चाहे। तुम उस स्त्री को स्पर्श करोगे। तो तुम्हारे सौं सिर हो जाएंगे।
इसी कारण रावण सीता माँ को छू नहीं पाया था।
आप इस प्रकार की अधिक जानकारी के लिए इंस्टााएस्ट्रो के साथ जुड़े रहें और हमारे लेख जरूर पढ़ें।