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जानें मिथुन संक्रांति का मासिक धर्म से क्या सम्बन्ध है?

By May 19, 2022November 21st, 2023No Comments
Mithun Sankranti 2022

मिथुन संक्रांति (Mithun Sankranti 2022) क्या है?

संक्रांति एक सौरमंडल में होने वाली घटना होती है। जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरे राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं सूर्य के राशि परिवर्तन की प्रक्रिया संक्रांति कहलाती है। सूर्य प्रत्येक माह एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में चला जाता है। जब सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में जाता है। यह सूर्य का गोचर करने की प्रक्रिया मिथुन संक्रांति कहलाती है। सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश जेयष्ठ माह में करते हैं। मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। मिथुन संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है।
इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष के अनुसार इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से विशेष और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

मिथुन संक्रांति 2022 कब है?

मिथुन संक्रांति की तिथि 15 जून दिन मंगलवार को है। मिथुन संक्रांति आरम्भ होने का समय 15 जून को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट है। मिथुन संक्रांति समाप्त होने का समय 15 जून को शाम 7 बजकर 20 मिनट है।

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मिथुन संक्रांति की पूजा विधि-

  • इस दिन सिलबट्टे की पूजा की जाती है।
  • सिलबट्टे को भूदेवी के स्वरूप पूजा की जाती है।
  • मिथुन संक्रांति के दिन सिलबट्टे को दूध और पानी से स्नान कराया जाता है।
  • मिथुन संक्रांति के दिन तिल के लड्डू और देसी घी से बनी मिठाई मनायी जाती हैं।
  • इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए उनका पिंडदान करते हैं।
  • मिथुन संक्रांति के दिन चावल ग्रहण नहीं किया जाता है।
  • मिथुन संक्रांति के दिन दान जरूर करना चाहिए।
  • दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद बनाये रखते हैं।

मिथुन संक्रांति (Mithun Sankranti 2022)कथा –

मिथुन संक्रांति का मासिक धर्म से सम्बन्ध-

मिथुन संक्रांति कथा के अनुसार, कहा जाता है कि महिलाओं को प्रकृति ने मासिक धर्म प्रदान किया था। मासिक धर्म की वजह से ही महिला मातृत्व धर्म का सुख पा सकती हैं। कथाओं के अनुसार जैसे प्रत्येक माह महिलाओं को मासिक धर्म होता है उसी तरह भूदेवी को भी 3 दिन लगातार मासिक धर्म हुआ था। धरती का विकास का कारण यही माना जाता है। भूदेवी के तीन दिन तक मासिक धर्म होने के बाद चौथे दिन भूदेवी यानी सिलबट्टे को पानी या दूध से स्नान कराते हैं। अगर आप मिथुन संक्रांति के दिन पूजन या व्रत रखते हैं तो आपको मनोवांछित फल प्राप्त होता है। मिथुन संक्रांति के दिन सूर्य देव के अलावा भूदेवी की भी पूजा की जाती है। उड़ीसा के एक मंदिर में भूदेवी की चांदी की प्रतिमा है। लोग इसे पूरे भक्ति भाव से पूजा करते हैं।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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