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जानें लंकापति रावण भगवान श्री राम के अलावा किन योद्धाओं से हुआ था पराजित?

By June 22, 2022November 23rd, 2023No Comments
Lankapati Ravan

आज हम आपको बताएँगे। रावण से जुड़ी ऐसी पौराणिक कथा। जिसे सुनकर आप अचंभित होने के साथ ही साथ आपको रोचक जानकारी प्राप्त होगी। हम सभी लोग जानते हैं। भगवान राम से रावण पराजित हुआ था। यह कथा हम सभी के जुबां पर छाई हुई है। पर आप यह सुनकर हैरान हो जायेंगे। अहंकारी रावण भगवान श्री राम के अलावा अन्य 4 योद्धाओं से पराजित हुआ था।
आज इस लेख में आपको बताएँगे। रावण के बारे में और अहंकारी रावण भगवान श्री राम के अलावा किन 4 योद्धाओं से हारा था।

रावण के बारे में-

लंका का राजा रावण था। इसे लंकापति रावण के नाम से भी जाना जाता था। लंकापति रावण को अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था। रावण इतना अहंकारी था। लोग अहंकारी रावण भी कहते थे। रावण भगवान राम को अपना परम शत्रु मानता था। लंकापति रावण महाप्रतापी, महापराक्रमी और महाज्ञानी था।रावण इतना शक्तिशाली था। उसने तीनों लोकों को कब्जे में ले रखा था।

रावण हुआ था राम के अलावा अन्य 4 योद्धाओं से पराजित-

अर्जुन से पराजित-

अर्जुन को सहस्त्रबाहु अर्जुन के के नाम से भी जाना जाता है। अर्जुन भगवान विष्णु के 24वें अवतार थे। वैसे अहंकारी रावण सबसे शक्तिशाली था। अर्जुन ने रावण को पराजित करके अत्यधिक शक्तिशाली योद्धा बने। आइये जानते है इसकी कथा। एक बार रावण अर्जुन के नगर में नर्मदा नदी में शिव की परिक्रमा करने आया था।

नर्मदा नदी में अर्जुन अपनी पत्नी के साथ जलक्रीड़ा में खोये हुए थे। अर्जुन ने अपने हजारों हाथों से नर्मदा नदी के जल प्रवाह को रोक दिया था। जिसके कारण नदी के किनारों में जल की मात्रा बढ़ गयी थी। जिससे रावण की पूजा में विघ्न आ रहा था। यह देखकर रावण क्रोधित हो गया। जब अहंकारी रावण को पता चला। यह कार्य अर्जुन का है तो उसने अर्जुन को युद्ध के लिए ललकारा। तब सहस्त्रबाहु अर्जुन ने अपने हजारों हाथों से लंकापति रावण को बंदी बना लिया था। अहंकारी रावण को अर्जुन से पराजय का सामना करना पड़ा था।

बाली से पराजित-

एक बार की बात है। जब बाली शाम के समय पूजा में व्यस्त था। उसी समय रावण ने बाली को युद्ध के लिए पुकारा। जिससे बाली की पूजा में विघ्न आ गया था। यह सुनकर बाली महल से बाहर निकले। तब रावण महल के अंदर पूजा के स्थान पर प्रवेश कर दिया था। यह देखकर बाली को क्रोध आया। तब बाली ने अपनी कांख यानी अपने बगल में दबाकर समुद्र की परिक्रमा करके पूजा को समाप्त किया था। पर कांख में दबे होने के कारण रावण का दम घुट रहा था। रावण ने बाली से माफ़ी मांगी। तब बाली ने उसे आजाद किया था। इस प्रकार बाली से पराजय का सामना करना पड़ा था।

भगवान शिव से पराजित-

एक बार रावण को अपनी शक्तियों पर घमंड हो गया था। अपने इस अहंकार की वजह से सभी देवी देवताओं को कमजोर समझने लगा था। घमंड में चूर रावण ने भगवान शिव को युद्ध के लिए ललकारा था। और शिव जी से युद्ध करने के लिए कैलाश पर्वत पर पहुंच गया था। उसने कैलाश पर्वत को उठाकर फेंकने की कोशिश की। यह देखकर भगवान शिव ने अपनी ऊँगली से कैलाश पर्वत को स्थिर कर दिया था। जिसके कारण रावण का हाथ कैलाश पर्वत के नीचे दब गया। जिससे रावण जोर जोर से चिल्लाने लगा था। रावण ने उसी समय शिव स्त्रोत की रचना की। भगवान शिव प्रसन्न होकर रावण को मुक्त कर दिया था।

राजा बलि से पराजित-

रावण ने तीनों लोकों पर कब्ज़ा कर लिया था। जिसकी वजह से तीनों लोक परेशान हो गया था।डरने लगा था। रावण पाताल लोक पर कब्ज़ा करने राजा बलि से युद्ध करने के लिए गया था। राजा बलि अधिक शक्तिशाली थे। जिसके कारण रावण वेष बदलकर राजा बलि के महल जा पहुंचा। राजा बलि के महल के पास खेल रहे बच्चों ने उसकी वेशभूषा देखकर उन्हें बहुत अजीब लगा। उन बच्चों ने रावण को घोड़े के अस्तबल में बाँध दिया था। रावण चाहकर भी अपने आप को छुड़ा नहीं पा रहा था। तब रावण ने राजा बलि से प्रार्थना कि वह मुक्त कर दे। तब राजा बलि से घोड़े के अस्तबल से छुड़ाया था।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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