मेघनाद रावण और मंदोदरी का पुत्र था। रावण ऐसा पुत्र चाहता था। जो अजय और अमर हो। इसी वजह से रावण ने अपने पुत्र के जन्म के समय सारे ग्रहों को अपने वश में कर लिया था। मेघनाद अपने पिता रावण जैसा ही शक्तिशाली था। एक बार सभी देवताओं को रावण ने बंदी बना लिया था। इसके पश्चात सभी देवताओं ने रावण से कारागार से निकलने की योजना बनाई और रावण को नींद में बंदी बनाकर ले गए। मेघनाद को इस चीज़ का आभास हो गया। उसने अपने वाहन पर सवार होकर देवताओं पर आक्रमण कर दिया। मेघनाद ने देवताओं को पराजित कर दिया और अपने पिता को भी छुड़वा लिया था। साथ ही साथ इंद्र देव को बंदी बना लिया था। मेघनाद इतना अधिक शक्तिशाली था।
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मेघनाद को मिला श्राप-
रावण के पुत्र मेघनाद को श्राप मिला था। मेघनाद अत्यधिक शक्तिशाली था। मेघनाद को कई वरदान प्राप्त थे। जिससे वह अपने पिता रावण की तरह अहंकारी हो गया था। मेघनाद को श्राप मिला था कि वह नागों के स्वामी शेषनाग के हाथों मारा जाएगा।
कैसे मेघनाद लक्ष्मण के दामाद थे?
मेघनाद को श्राप मिला था कि वह शेषनाग के हाथों मारा जाएगा। इसलिए मेघनाद ने शेषनाग की पुत्री सुलोचना से शादी कर ली। मेघनाद अपने भाग्य को आजमाना चाहता था। उसने सोचा अगर मैं मेघनाद की पुत्री से विवाह कर लेंगे। तब शेषनाग अपनी पुत्री के पति यानी दामाद को नहीं मार पाएंगे। परन्तु मेघनाद यह नहीं जानता था कि शेषनाग का अवतार लक्ष्मण थे। शेषनाग का अवतार लक्ष्मण जी होने के कारण इस तरह मेघनाद, लक्ष्मण का दामाद था। राम और रावण के बीच हुए युद्ध में लक्ष्मण ने मेघनाद का सिर काटकर मेघनाद का वध किया था।
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