Get App
HindiVastu & Feng Shui

जानें ईशान कोण क्या है और वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का क्या महत्व है?

By June 24, 2022November 23rd, 2023No Comments
north-east corner

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का महत्व-

वास्तु शास्त्र में दिशाएं बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। वास्तु शास्त्र में दिशाओं के हिसाब से गृह का निर्माण किया जाता है। सही दिशाओं में घर के सामान को व्यवस्थित किया जाता है। अगर दिशाओं के हिसाब से घर का निर्माण और घर के सामान को व्यवस्थित किया जाए तो लाभ प्राप्त होता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। अगर हम वास्तु शास्त्र के हिसाब से चीज़ों को नहीं रखते हैं। इससे हमें वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए वास्तु शास्त्र बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार 8 दिशाएं होती हैं। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और इसके अलावा वास्तु शास्त्र में आग्नेय,नैऋत्य,वायव्य और ईशान कोण प्रमुख दिशा होती हैं।

इन 8 दिशाओं का अपना अलग ही महत्व है। वास्तु शास्त्र में ईशान कोण सबसे महत्वपूर्ण दिशा मानी जाती है। वास्तव में यह दिशा पवित्र दिशा कहलाती है। इस दिशा में शयनकक्ष को बनाना शुभ नहीं माना जाता है। वास्तु से जुड़े नियम का आप पालन करते हैं तो आपके घर में खुशियाँ अवशय दस्तक देंगी।

ईशान कोण क्या है?

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण को पवित्र दिशा माना जाता है। ईशान कोण भूमि के उत्तर-पूर्व कोने को कहते हैं। वास्तु शास्त्र में उत्तर-पूर्व दिशा को शुभ दिशा कहा जाता है।

ईशान कोण का महत्व-

वास्तु शास्त्र में ईशान कोण का अत्यधिक महत्व है। क्योंकि इस दिशा को पवित्र दिशा माना गया है। कहा जाता है कि देवी देवताओं का निवास ईशान कोण में होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिशा को शिव की दिशा भी कहते हैं। ईशान कोण जमीन के उत्तर पूर्व दिशा में होता है। उत्तर-पूर्व दिशा अत्यधिक शुभ दिशा कही जाती है। क्योंकि भगवान और आध्यात्मिक शक्ति का वास इस दिशा में माना जाता है। इसलिए ईशान कोण की दिशा को सबसे पवित्र दिशा माना गया है। इस दिशा में भूमिगत पानी की टंकी का निर्माण करवा सकते हैं। इस दिशा में अतिथि कक्ष और बैठक के लिए कक्ष बनवाना शुभ माना जाता है।

ईशान कोण की दिशा में शयन कक्ष का निर्माण नहीं करना चाहिए। अगर आप विवाहित जोड़े हैं तो आपको इस दिशा के कमरे में नहीं रहना चाहिए। यह दिशा नए जोड़ों के लिए शुभ दिशा नहीं मानी जाती है।

ईशान कोण में क्या निर्माण करें?

पूजा घर का निर्माण-

ईशान कोण की दिशा को पवित्र दिशा माना गया है। क्योंकि इस दिशा में देवी देवताओं का वास होता है। इसलिए इस दिशा में पूजा घर का निर्माण करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह बहुत लाभदायक होता है।

तिजोरी का निर्माण-

ईशान दिशा में तिजोरी रखना घर के लिए लाभदायक होता है। वास्तु शास्त्र में कहा जाता है। अगर उत्तर ईशान कोण में घर की तिजोरी रखते हैं। तो घर की लड़किया और पूर्व दिशा में तिजोरी रखते हैं तो घर के लड़के बुद्धिमान होते हैं। जीवन में ऊंचाइयों तक जाते है।

घर के मुख्य द्वार का निर्माण-

इस दिशा में घर के मुख्य द्वार का निर्माण करना अत्यधिक शुभ होता है। घर का मुख्य द्वार ईशान कोण की दिशा में है तो आपके घर सकारात्मक ऊर्जा आती है। घर के रसोईघर और शयन कक्ष का निर्माण वास्तु के अनुसार ही करना चाहिए।

आप इस प्रकार की अधिक जानकारी के लिए इंस्टाएस्ट्रो के साथ जुड़े रहें और हमारे लेख जरूर पढ़ें।

और पढ़ें: घर में मोर पंख रखने का लाभ और कैसे दूर करता है घर की दशा समस्या?

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Jaya Verma

About Jaya Verma

I love to write, I participated as co-author in many books, also received prizes at national level for writing article, poetry and I got a letter of appreciation from hirdu foundation. I have 4 year of experience in this field.