आजकल ज़िन्दगी तेज़ गति से चल रही है। भाग-दौड़ भरी दिनचर्या में लोगों के पास अपने परिवार के लिए ही समय नहीं बचा है। सभी को पैसा कमाने की इतनी लालसा है कि वह अपने परिवार से दूर होते जा रहे हैं। खासकर पति-पत्नी का रिश्ता बहुत कमज़ोर होते जा रहा है। पति सारा दिन घर से बाहर रहकर काम करता है। शाम को घर आकर थक हारकर सो जाता है। ऐसे में पति पत्नी के बीच संवाद नहीं हो पाता। इसका असर यह होता है कि पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव होने लगते हैं। दोनों के बीच दूरियां आने लगती हैं। इन छोटी छोटी गलतियों से शादीशुदा ज़िन्दगी अक्सर बर्बाद हो जाती है।
सफल शादीशुदा जीवन के लिए चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य एक कुशल अर्थशाष्त्री, राजनीतिज्ञ व कूटनीतिज्ञ थे। इसके साथ ही उन्होंने एक सफल जीवन जीने के लिए कई नीतियाँ भी बताई हैं। चाणक्य नीति नीमें मनुष्य जीवन से जुड़ी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान है । आइये पढ़ते हैं उन गलतियों के बारे में जिनसे शादीशुदा जीवन ख़राब हो सकता है –
ताने मारना – यदि आपके पति या पत्नी ने कोई गलती कर दी है, तो उन्हें उनकी गलती का एहसास कराने के लिए कभी भी ताने नहीं मारना चाहिए। यदि मामूली गलती है तो उसे नज़रंदाज़ कर दें। और यदि कोई बड़ी गलती है तो अपने पार्टनर को प्यार से समझाएं। एक दूसरे को ताने मारकर नीचा दिखाने से रिश्ते में दूरियां आ जाती हैं इसलिए ऐसा कभी भी न करें।
बात न करना – वैवाहिक जीवन में चाहे कितनी भी परेशानियाँ क्यों ना आ जाएँ, पति पत्नी को एक दूसरे से बात करना कभी नहीं छोड़ना चाहिए। यदि किसी बात पर झगड़ा हो गया है तो शांति से बैठकर उस झगड़े को सुलझाना चाहिए। अपने पार्टनर से बात करना बंद कर देना बहुत बड़ी गलती है इसलिए ऐसा कभी न करें।
सहयोग में कमी – पति पत्नी को एक दूसरे के कामों में मदद करनी चाहिए। घर सँभालने, खाना बनाने, साफ़-सफाई आदि कार्यों में पति को पत्नी का हाथ बंटाना चाहिए। वैवाहिक जीवन की गाड़ी को चलाने के लिए दोनों पहियों ( पति और पत्नि) को बराबर का सहयोग देना चाहिए।
परिवार की बुराई – अपने घर की बातें और घरेलु मसले कभी भी किसी बाहर वाले को नहीं बताना चाहिए। झगड़ा पति-पत्नी के बीच हुआ है तो उसका समाधान भी उन्हें ही निकालना चाहिए। ना कि किसी तीसरे इन्सान को। चाणक्य नीति की एक और महत्वपूर्ण बात है – जिस तरह पत्नी अपने पति के माता पिता की इज्ज़त करती है। उसी प्रकार पति को भी अपनी पत्नी के माता पिता को सम्मान देना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन सुखी बीतता है।
शक करना – अपने पार्टनर पर कभी बेवजह संदेह न करें । कई बार लोग अपने पति या पत्नी पर बेबुनियाद शक करते हैं, इससे रिश्ता कमज़ोर पड़ जाता है। और आपसी विश्वास टूट जाता है। जब तक आपके पास कोई ठोस सबूत ना हो, तब तक संदेह नहीं करना चाहिए।
भावनाओं को ज़ाहिर न करना – कई बार लोग अपने मन की बात छुपा लेते हैं। इससे पति पत्नी के रिश्ते में दरार आने लगती है। यदि आपको अपने पार्टनर की कोई बात या आदत पसंद नहीं है। तो इस विषय पर अपने पार्टनर से बात करनी चाहिए। बात को मन में दबा लेने से रिश्तों में कटुता आ जाती है।
प्यार न दिखाना – अक्सर पति-पत्नी शादी का कुछ समय बीत जाने के बाद एक दूसरे के प्रति अपना प्यार जताना भूल जाते हैं। ऐसा करने की वजह से समय के साथ प्यार फीका पड़ने लगता है । और शादीशुदा ज़िन्दगी उबाऊ लगने लगती है। इसलिए सुखी व सफल शादीशुदा ज़िन्दगी के लिए रोमांच बना रहना चाहिए। अपने पार्टनर की तारीफ करें, समय समय पर एक दूसरे को उपहार दें, साथ घूमने जाएँ और अकेले वक़्त बिताएं ।
इन सभी छोटी छोटी गलतियों को सुधारने के बाद आपकी शादीशुदा ज़िन्दगी संवर जाएगी।
शादीशुदा ज़िन्दगी को बेहतर बनाने के कुछ और टिप्स –
समय – अपने काम में इतना भी व्यस्त न हो जाएँ कि पति या पत्नी को समय ना दे पायें। शादीशुदा जीवन को सफल बनाने का सबसे बड़ा मंत्र है – अपने पार्टनर को भरपूर समय देना। उनके पास बैठें, हाल चाल पूछें, और प्यार से बातचीत करें। यदि उन्हें कोई समस्या है तो उसका हल निकालें।
घमंड – जब आप किसी को अपना जीवन साथी बनाते हैं तो आपको उसके सामने अपना घमंड नहीं लाना चाहिए। प्यार का सबसे ज़रूरी तत्व है समर्पण। यदि आप अपनी अकड़ में रहेंगे तो अपने पति या पत्नी को कभी खुश नहीं रख पाएंगे। इसलिए सफल शादीशुदा जीवन के लिए झुकना, माफ़ करना और अपने घमंड को तोड़ना आना चाहिए।
विश्वास – कहते हैं कि प्यार की पहली सीढ़ी अपने पार्टनर पर भरोसा करना होती है। परिस्थिति चाहे कुछ भी हो, अपने पति या पत्नी पर विश्वास रखें। एक मजबूत शादीशुदा जीवन की कुंजी यही है – अपने रिश्ते में कभी भी शक को बीच में ना आने दें।
माफ़ी – यदि आपने कोई गलती करी है या आपकी किसी बात से आपके पति या पत्नी को ठेस पहुंची है। तो तुरंत माफ़ी मांग लेनी चाहिए। माफ़ी मांगने से बिगड़ी हुई बात संभल जाती है। इसलिए शादीशुदा ज़िन्दगी को टूटने से बचाने के लिए अपनी गलती को स्वीकार, करके माफ़ी मांग लेनी चाहिए।
आज़ादी – पति और पत्नी दोनों को अपने अनुसार जीने का अधिकार होना चाहिए। दोनों को एक दूसरे पर रोक-टोक नहीं लगनी चाहिए। और खुलकर जीने की आ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. पति-पत्नी के बीच झगड़े क्यों होते हैं ?
2. किन गलतियों से शादीशुदा जीवन ख़राब होता है ?
3. पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत करने के उपाय ?
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