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Holashtak 2024: जानें होलाष्टक में क्या करें और क्या न करें।

By February 28, 2023March 15th, 2024No Comments
Holashtak 2024 जानें होलाष्टक में क्या करें और क्या न करें।

होली आने में बस कुछ ही दिन रह गए है। हिंदू परंपरा में होली के त्योहार को रौनक के साथ मनाया जाता है। लेकिन होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लगना हिंदू धर्म में बहुत अशुभ माना जाता है। इसलिए इन 8 दिनों में लोग कोई शुभ कार्य नहीं करते है। होलाष्टक शब्द होली और अष्टक से मिलकर बना है। इसलिए होलाष्टक का महत्व हिंदू धर्म में उतना ही है जितना की होली के त्योहार का है। अगर आप भी जानना चाहते है कि इस साल होलाष्टक आपके भाग्य में क्या लेकर आने वाला है।

ज्योतिष से जानिए होलाष्टक कब से लगेंगे-

हर साल फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होलाष्टक की शुरुआत होती है। इस साल 17 मार्च 2024 को होलाष्टक का आरंभ होगा। 8 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक की समाप्ति 24 मार्च 2024 को होलिका दहन के साथ होगी।

होलाष्टक से जुड़ी कथा-

पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन युग में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर राजा था। वह देवताओं से घृणा करता था और असुरों का राज पूरी दुनिया में स्थापित करना चाहता था। लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। अत: अपने पुत्र की विष्णु के प्रति भक्ति को समाप्त करने के लिए हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को आठ दिनों तक कठोर यातनाएं दी।

इन्हीं आठ दिनों को होलाष्टक के नाम से जाना गया। आठवें दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोदी में लेकर आग में बैठने के लिए कहा। लेकिन प्रहलाद बच गए और होलिका भस्म हो गई। उस दिन को होलिका दहन के नाम से जाना जाता है।

हिंदू धर्म में होलाष्टक का महत्व-

कई हिंदू प्राचीन ग्रंथों में होलाष्टक का महत्व क्या है। इसके बारे में बताया गया है। होलाष्टक से जुड़े महत्व के बारे में एक छोटी सी जानकारी नीचे दी गई है।

1. अकाल मृत्यु से दिलाता है मुक्ति-

होलाष्टक के आठ दिनों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के सिर से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। व्यक्ति की आयु 100 वर्ष से ऊपर होती है।

2. भगवान विष्णु की उपासना करना देता है लाभ-

होलाष्टक के दिनों में भगवान विष्णु की उपासना करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा जातक पर सदैव बनी रहती है।

3. शुभ कार्य करने की है सख्त मनाही-

होलाष्टक में किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही है। इसलिए यदि आप होलाष्टक के समय कोई भी शुभ कार्य करते है तो आपको उसके नकारात्मक परिणाम ही प्राप्त होंगे।

4. आध्यात्मिक गुणों का करता है संचार-

होलाष्टक की भावना भक्त और भगवान के विश्वास से जुड़ी है। जो बताती है कि विश्वास अगर सच्चा हो तो हर नामुमकिन कार्य भी मुमकिन हो जाता है। क्योंकि भगवान स्वयं मुसीबत में अपने भक्त का साथ देने आते है।

जानें होलाष्टक में क्या करें-

इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषियों से जाने होलाष्टक के दिन कौन से कार्य करने से आपके ऊपर कैसा पड़ेगा प्रभाव:

1. करे विष्णु मंत्र का जाप-

भगवान विष्णु के मंत्र का जाप करने से आपको सारी समस्याएं दूर होंगी। होलाष्टक के दिन विशेष रुप से भगवान विष्णु मंत्र का जाप करें।

2. करें जरूरतमंदों की मदद-

हिंदू मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि होलाष्टक के दिन किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करने से भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति से काफी प्रसन्न रहती है। इसके साथ ही उस व्यक्ति पर अपार धन वर्षा होती है।

3. करे माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा-

अगर आप भी अपनी किस्मत चमकाना चाहते है तो फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर माँ लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करे। ऐसा करने से जातक की कुंडली में धन योग का मुहूर्त आरंभ होता है।

4. करे विभिन्न एकादशी का पूजन-

यह समय एकादशी का व्रत करने के लिए अनुकूल है। क्योंकि इस समय आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी, पापमोचनी एकादशी आदि कई एकादशी पड़ रही है। जो मनुष्य की किस्मत के बंद द्वार खोल सकती है। इसलिए ज्योतिष सलाह देते है कि इन एकादशी का व्रत अवश्य रखे और भगवान विष्णु का पूजन करे।

5. घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक-

होलाष्टक के दिनों में घर के प्रवेश द्वार पर स्वास्तिक बनाना एक अचूक उपाय के रुप में काम करता है। स्वास्तिक नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

6. शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना रखता है निरोग-

क्या आप पूरी जिंदगी निरोग रहना चाहते है या किसी बीमारी को अपने पास भटकने से रोकना चाहते है। तो शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना एक अचूक उपाय है।

जानें होलाष्टक में क्या न करें? 

हिंदू धर्म शास्त्र और ज्योतिष भी यह सलाह देते है कि होलाष्टक के दिनों में कुछ अवांछित कार्यों को करने से बचना चाहिए। होलाष्टक में क्या न करें जानने के लिए निम्नलिखित कथनों को पढ़े:

1. किसी प्रकार की प्रॉपर्टी खरीदने से बचें-

होलाष्टक के दिनों में कोई जमीन, नया घर या किसी प्रॉपर्टी में निवेश नहीं करना चाहिए। इससे आपके जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

2. न करे कोई मांगलिक कार्य-

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि इन दिनों कोई शुभ समारोह आयोजित नहीं करने चाहिए। जैसे विवाह, मुंडन कार्य, गृह प्रवेश आदि।

3. खरीदारी से रखें परहेज-

होलाष्टक के दिनों में सोना, चांदी जैसे आभूषण और कोई नया वाहन आदि खरीदने से परहेज रखें। क्योंकि ऐसा करना आपके भाग्य के लिए अशुभ संकेत लेकर आता है।

4. धार्मिक अनुष्ठान से बनाए दूरी-

होलाष्टक के दौरान घर में किसी प्रकार का धार्मिक अनुष्ठान करना जातक के लिए कष्टकारी साबित हो सकता है।

5. लंबी यात्रा से रखें दूरी-

एक लंबी यात्रा को होलाष्टक में वर्जित कार्य माना गया है। खासकर जो महिलाएं गर्भवती हो उन्हें लंबी यात्रा से परहेज करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं का अपने मायके में रहना उपयुक्त माना गया है।

6. नए वस्त्र खरीदना भी है वर्जित-

इन सबके अलावा होलाष्टक में नए वस्त्र खरीदने की भी मनाही है। नए वस्त्र पहनना बेशक हर किसी को अच्छा लगता है पर होलाष्टक के दिनों में बिल्कुल भी ऐसा न करे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-

1. होलाष्टक को अशुभ क्यों माना जाता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक में सभी ग्रह उग्र स्वभाव में होते है। इसलिए इस दिन किए गए किसी भी शुभ कार्य का फल जातक को नहीं मिलता।

2. होलाष्टक में कौन सा ग्रह उग्र होता है?

यह पर्व फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इन दिनों चंद्र ग्रह उग्र स्थिति में होता है।

3. होलाष्टक में क्या न करे?

हिंदू शास्त्र के अनुसार होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। जैसे घर खरीदना, विवाह करवाना, नामकरण करवाना आदि।

4. होलाष्टक कब तक चलता है?

प्रत्येक साल होलाष्टक 8 दिनों तक चलने वाला त्योहार है लेकिन इस साल होलाष्टक 9 दिनों तक चलेगा।

5. 2024 में होलाष्टक कब से लगेंगे?

इस साल 17 मार्च 2024 को होलाष्टक का आरंभ होगा। 8 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक की समाप्ति 24 मार्च 2024 को होलिका दहन के साथ होगी। होलाष्टक हर साल फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।

और पढ़ें: Holi 2024: राशियों के अनुसार करें रंगों का प्रयोग मिलेगा लाभ

अगर आप भी जानना चाहते है होलाष्टक की शुभ तिथि और पूजा मुहूर्त के बारे में तो आज ही इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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