सम्पूर्ण देश में गुरु नानक जयंती का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती, गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भारतवर्ष में गुरु नानक जयंती धार्मिक पर्व होता है। इस पर्व को मुख्य रूप से सिख धर्म के लोग मनाते हैं। इस दिन सिख धर्म के लोग कई तरह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। साथ ही साथ गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन का भी आयोजन होता है। गुरु नानक जयंती के दिन गुरु नानक की पूजा भी की जाती है। गुरु नानक जयंती को गुरुपुरब उत्सव और प्रकाश पर्व भी कहते हैं।
गुरु नानक कौन थे?
सिख समुदाय के प्रथम गुरु नानक देव थे। इनके जन्म दिवस को गुरुनानक जयंती के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 में हुआ था। इनका जन्म एक हिन्दू परिवार में हुआ था। नानक जी के पिता का नाम मेहता कालू चंद्र खत्री और माता का नाम तृप्ता देवी था। गुरु नानक जी का जिस जगह जन्म हुआ उसे ननकाना साहिब कहा जाता है। गुरु नानक का विवाह 16 वर्ष की आयु में सुलक्खनी नामक कन्या से हुआ था। नानक जी कई देशों की यात्रा की थी। नानक ने तीन यात्रा चक्र पूरे किये थे। गुरु नानक जी मूर्तिपूजा,रूढ़ियों और कुसंस्कारों का विरोध करते थे।
गुरु नानक जी का कहना था कि ईश्वर हमारे अंदर है वह कहीं बाहर नहीं है। गुरु नानक जी के विचार समाज में कई परिवर्तन लाये। गुरु नानक जी की मृत्यु 22 सितम्बर 1539 को हो गयी।
गुरु नानक जयंती 2023 कब है?
यह पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। वर्ष 2023 में गुरु नानक जयंती 27 नवंबर दिन सोमवार को है। सिख धर्म के लोग गुरु नानक जयंती धूमधाम से मनाते हैं।
गुरु नानक जयंती कैसे मनाते हैं?
- प्रातः काल से स्नान करके प्रभात फेरी की शुरुआत करी जाती है।
- इस दिन सिख धर्म के लोग गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन करते हैं।
- गुरु नानक जयंती के दिन विशेष रूप से रुमाला भी चढ़ाया जाता है।
- इस दिन शाम को लंगर का आयोजन किया जाता है।
- गुरु नानक जयंती के दिन गुरूद्वारे में सेवा अवश्य करनी चाहिए
- इस दिन सेवा दान भी करना चाहिए।
- इस जयंती को गुरबाणी का पाठ करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
गुरु नानक जयंती का महत्व-
इस जयंती को मुख्य रूप से सिख धर्म के लोग मनाते हैं। गुरु नानक जी सिखों के प्रथम गुरु थे। गुरु नानक जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। गुरु नानक जी ने सिख धर्म का प्रचार-प्रसार किया और कई रूढ़वादी प्रथा का अंत किया था। यह पर्व दीपावली के त्यौहार जैसा मनाया जाता है इसलिए इसे प्रकाश पर्व भी कहते हैं। गुरु नानक जयंती के दिन लोग गुरुद्वारे में प्रार्थना करते हैं कि उन पर गुरु जी की कृपा बनी रहे। इस दिन विशेष रूप से नानक जी को श्रद्धांजलि दी जाती है।
गुरु नानक जी की शिक्षाएं-
नानक देव की शिक्षाएं और सिद्धांत निम्नलिखित हैं।
- भगवान के शरण में रहने वाले व्यक्ति को कभी भी डरने की जरूरत नहीं होती है।
- क्योंकि भगवान सभी की रक्षा करते हैं।
- ईश्वर का स्वरूप एक होता है और सबका मालिक एक है।
- सभी लोगों को सच्चाई और निष्ठा के साथ भगवान की पूजा करनी चाहिए।
- ईश्वर के दर्शन सभी को प्राप्त होते हैं चाहे वो मनुष्य हो या पेड़- पौधे या जंतु।
- इंसान को स्वस्थ रहने के लिए अच्छा भोजन करना चाहिए।
- व्यक्ति को कभी लालच या लोभ नहीं करना चाहिए।
- भगवान के लिए स्त्री और पुरुष दोनों एक समान होते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1- 2023 में गुरु नानक जयंती कब मनाई जाएगी?
2-गुरु नानक जयंती के दिन विशेष तौर पर कौन सा भोजन बनाया जाता है।
3-गुरु नानक जयंती क्यों महत्वपूर्ण पर्व है?
4-घर पर गुरु नानक जयंती कैसे मना सकते हैं?
5-गुरु नानक किस शाखा के कवि थे?
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