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गायत्री मंत्र: जानें अर्थ, इतिहास और महत्व

By February 17, 2023December 16th, 2024No Comments
Gayatri Mantra

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंत्रों की शक्ति से साधक अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकता है। अतः हिंदू धार्मिक ग्रंथों में मंत्रों का काफी महत्व बताया गया है।

गायत्री मंत्र क्या है ?

सभी मंत्रों में सबसे अधिक आवश्यक गायत्री मंत्र माना जाता है। इसका जाप करने से जातक से मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है तथा वातावरण शुद्ध हो जाता है। चलिए जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से गायत्री मंत्र का अर्थ और गायत्री मंत्र महत्व।

कैसे हुई गायत्री मंत्र की शुरुआत ?

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र की उत्पत्ति विश्वामित्र द्वारा की गई थी। जब इंद्रदेव ने मेनका का रूप धारण करके विश्वामित्र की तपस्या भंग की थी। तब विश्वामित्र ने ध्यान लगाने का कई बार प्रयास किया। परंतु उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। तब विश्वामित्र ने ईश्वर का ध्यान करते हुए ‘‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।” मंत्र का उच्चारण किया। इस मंत्र का जाप करने के बाद विश्वामित्र की तपस्या सफल हो गई। साथ ही ऐसी मान्यता है कि इस प्रसंग के बाद ब्रह्मा जी ने विश्वामित्र को ऋषि की उपाधि दी थी।

गायत्री मंत्र की उत्पत्ति से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा भी है। इस कथन के अनुसार गायत्री ब्रह्मा जी की पत्नी थी। उन्हें चेतना शक्ति माना जाता था। और उन्होंने गायत्री मंत्र की उत्पत्ति की।

Rishi Muni

गायत्री मंत्र से क्या होता है ?

मान्यताओं के अनुसार गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से सभी परेशानियां हल हो जाती हैं। हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र को अत्यंत ही पवित्र माना जाता है। जो भी जातक गायत्री मंत्र का जाप करता है उसके बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। मांगलिक कार्य में अनुष्ठान के दौरान गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि गायत्री मंत्र चेतना और बुद्धि का मंत्र है। अतः छात्रों के लिए यह मंत्र लाभदायक होता है।

गायत्री मंत्र छात्रों के लिए

यदि कोई छात्र इस मंत्र का रोजाना 108 बार जाप करें, तो उसे पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है। इस मंत्र के शुभ फल से छात्रों को परीक्षा में सफलता प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त गायत्री मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से बीमारियों का नाश होता है और निरोगी शरीर का वरदान मिलता है।

Gayatri Mantra For Students

गायत्री मंत्र महत्व : गायत्री मंत्र का जाप करने के लाभ

  • आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
  • संतान से मिलने वाली समस्याओं का समाधान होता है।
  • मन को शांति मिलती है। तथा मानसिक विकारों से छुटकारा मिलता है।
  • ध्यान केंद्रित करने में सहायता होती है।
  • शरीर को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
  • दमा की बीमारी तथा अन्य श्वास रोगों से भी छुटकारा मिलता है।
  • व्यक्ति के क्रोध पर नियंत्रण होता है।
  • जातक का मन प्रसन्न रहता है।
  • शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है।

गायत्री मंत्र का अर्थ

आइये जानते हैं कि ॐ भूर्भव: स्व: का अर्थ क्या है ?
ॐ : है प्रणव
भूर : मनुष्य को जीवन देने वाला।
भुवः: सभी दुखों को खत्म करने वाला।
स्वः : मनुष्य को सुख देने वाला।
तत : वह
सवितुर : सूर्य के समान उज्जवल होना।
वरेण्यं : सबसे उत्तम या प्रबल होना।
भर्गो : सभी कर्मों से मनुष्य का उद्धार होना।
देवस्य: देव या प्रभु।
धीमहि: : आत्मचिंतन करना
धियो: : बुद्धि।
यो: : जो
नः : हमारी
प्रचोदयात : हमें शक्ति प्रदान करें।

Gayatri Mantra Meaning

गायत्री मंत्र से जुड़े नियम

इस मंत्र का जाप बिना स्नान किए अथवा गंदे कपड़ों में नहीं करना चाहिए। मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष या अन्य माला का प्रयोग करना चाहिये। हमेशा एकांत स्थान में मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र जाप के दौरान बाधा उत्पन्न करने वाली चीजों से दूर रहना चाहिए।

गायत्री मंत्र जाप करने की विधि

प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान के बाद सूर्य देवता को अर्घ देते हुए गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र का जाप करते समय रुद्राक्ष या तुलसी की माला का प्रयोग अवश्य करें। अपने इष्ट देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा करने के बाद 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।

Gayatri Mantra Jap Karne Ki Vidhi

गायत्री मंत्र जाप का उपयुक्त समय

हिंदू धर्म में गायत्री मंत्र का जाप समय अनुसार करना अत्यंत आवश्यक होता है। सूर्योदय से पहले अथवा सूर्य के उदित होने के तुरंत बाद इस मंत्र का जाप करें। संध्या काल में सूर्यास्त से पहले ही गायत्री मंत्र का जाप कर लें। रात्रि के समय गायत्री मंत्र का जाप करना निषेध होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. गायत्री मंत्र क्या है ?

सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे अधिक आवश्यक माना जाता है। इसका जाप करने से मन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है तथा वातावरण शुद्ध हो जाता है। इसकी उत्पत्ति ऋषि विश्वामित्र ने की थी।

2. ॐ भूर्भव: स्व: का अर्थ क्या है ?

पृथ्वी लोक, भूलोक और स्वर्गलोक में व्याप्त उस सृष्टिकर्ता, परमात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं। हमारी बुद्धि को सही मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

3. क्या है गायत्री मंत्र महत्व ?

गायत्री मंत्र का उच्चारण करने के अनेक फायदे हैं – मन को शांति मिलती है। तथा मानसिक विकारों का नाश होता है। ध्यान केंद्रित करने में सहायता होती है। शरीर को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

4. गायत्री मंत्र का जाप करने का सही समय कौन सा है ?

इस मंत्र के जाप का उपयुक्त समय है सूर्योदय से पहले अथवा सूर्य के उदित होने के तुरंत बाद। संध्या काल में भी सूर्यास्त से पहले गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। रात्रि के समय गायत्री मंत्र का जाप करना निषेध होता है।

5. गायत्री मंत्र से क्या होता है ?

जो भी जातक गायत्री मंत्र का जाप करता है उसके बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। मांगलिक कार्य के दौरान गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

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Yashika Gupta

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