जब भी कोई व्यक्ति फिल्में देखता है तो अक्सर उसके मन में यह सवाल उठता है कि काश में भी कोई फिल्म स्टार होता या होती। मुंबई जो सपनो का शहर कही जाती है। इस शहर में हर छोटा बड़ा व्यक्ति कुछ न कुछ सपने लेकर आता है। इनमें से कुछ के सपने पूरे होते है तो कुछ के नहीं। लेकिन यहां आने वाला हर शख्स यहां से जाते वक्त अपने साथ कुछ ख़ास पल, यादें, अनुभव साथ लेकर जाता है। मुंबई की फिल्म सिटी एक ऐसी मायानगरी है जो यहां आ जाए तो फिर कभी इससे दूर नहीं रह पाता। हर व्यक्ति चाहता है कि उसको किसी फिल्म में कोई छोटा मोटा ही रोल मिल जाए तो उसका मुंबई आना सफल हो जाए।
आपकी कुंडली के कुछ ऐसे ही योग की चर्चा यहां की जा रही है जो पूरा करेंगे आपके अभिनय का सपना
फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे ही कई स्ट्रगलिंग एक्टर, एक्ट्रेस आते है और स्ट्रगल ही बनकर रह जाते है। इतनी मेहनत करने के बाद भी इनको कोई खास किरदार नहीं मिल पाता और यह बैकस्टेज ही रह जाते है। लेकिन क्या आपको पता है सिर्फ मेहनत ही नहीं हमारी कुंडली के कुछ ऐसे योग भी हे जो हमें मालामाल होने के साथ साथ फिल्म स्टार भी बनाते है।
कुंडली में बुध की स्थिति-
बुध ग्रह बुद्धि, याददाश्त और कम्युनिकेशन का स्वामी माना जाता है। फिल्मी दुनिया में जाने के लिए कुंडली में बुध की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। क्योंकि अभिनय का क्षेत्र ऐसा है जहां आपको कला, संवाद, कम्युनिकेशन, की जरूरत होती है जो बनावटी न लगे। बुध ग्रह इन सभी कारणों का प्रतिनिधित्व करता है। अगर आप अपनी क्षमता को कैमरे के सामने निखार कर लाना चाहते हे तो आपका बुद्ध मजबूत होना चाहिए। अगर आप भी चाहते है आपके बोले गए डायलॉग, संवाद लम्बे समय तक लोगों के ऊपर हावी रहे तो आपकी जन्म कुंडली में बुध का संबंध चंद्र और शुक्र से होना चाहिए।
व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध का संबंध दूसरे भाव से होना चाहिए क्योंकि दूसरे भाव में चेहरा और आवाज देखी जाती है। बुध ग्रह का तीसरे भाव बातचीत कला को दिखाता है। इसलिए जो व्यक्ति एक्टिंग को अपना करियर बनाना चाहते है और इस क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहते है तो व्यक्ति के दूसरे और तीसरे भाव में बुद्ध का होना जरूरी है क्योंकि बुद्ध व्यक्ति को यह क्षमता देता है कि वह नामुमकिन काम भी कर सके।
कुंडली में शुक्र की स्थिति-
शुक्र ग्रह सौंदर्य काे देवता माना जाता है। इसलिए शुक्र को चमक-दमक, भोग-विलास, खूबसूरती से जोड़कर देखा जाता है। अगर आप अभिनय में अपना करियर बनाना चाहते है या अभिनय ही आपकी पहली पसंद है तो शुक्र ग्रह का आपकी कुंडली में होना आपके लिए काफी फलदायी साबित होता है। आमतौर पर जनता उस अभिनेता या अभिनेत्री को ज्यादा पसंद करती है जो दिखने में आकर्षक, चमक-दमक से पूर्ण और स्टाइलिश हो क्योंकि लोग फिल्म स्टार्स की इन्हीं खूबियों के कारण अक्सर उन्हें पसंद करते है और इनके जैसा दिखने की कोशिश करते है। इनके स्टाइल ट्रेंड़ को सोशल मीडिया पर फॉलो करते है। शुक्र मीडिया, फैशन, कैमरा, टी.वी को दिखाता है।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध मजबूत नहीं है लेकिन शुक्र मजबूत है तो ऐसा व्यक्ति शायद अच्छा एक्टर न बन पाएं लेकिन एक अच्छा मॉडल जरूर बन सकता है। शुक्र के आपकी कुंडली में मजबूत होने का एक फायदा यह भी है कि भले ही आप सुंदर नहीं है लेकिन कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होने से आप अपनी एक्टिंग के दम पे अपने हुनर का लोहा मनवा सकते है। शुक्र का संबंध कला, अदा, नृत्य, संगीत,गीत, अभिनय से है। कालपुरूष की कुंडली के मुताबिक दूसरा और सातवां भाव शुक्र के अधिकार में आता है। शुक्र के दूसरे भाव में चेहरा तो सातवे भाव में जनता का कारक देखा जाता है। शुक्र 64 कलाओं का कारक माना जाता है। शुक्र व्यक्ति को 64 कलाओं में निपुण बनाता है।
राहु-
शुक्र और बुध के बाद बात आती है राहु की। हमारी दिन-प्रतिदिन की जिंदगी में टेक्नोलॉजी का प्रभाव देखने को मिलता है। इसमें राहू एक अहम भूमिका निभाता है क्योंकि राहु को टेक्नोलॉजी का कारक माना जाता है। कुंडली में राहु की स्थिति भ्रम पैदा करने का काम करती है। हम अक्सर फिल्मों में अभिनेता या अभिनेत्री के डुप्लीकेट्स को देखते है जो बिल्कुल राहु जैसी स्थिति बनाती है। जिसे साइंस की भाषा में मृगरीचा कहा जाता है।
अगर जन्म कुंडली में राहु और शुक्र की युति हो रही है तो यह व्यक्ति के जीवन में काफी अच्छा माना जाता है। राहु और शुक्र की युति व्यक्ति को आकर्षक पर्सनालिटी तो देती ही है पर यह अभिनेता को यह ताकत देती है कि वो अपने भाव, मेक अप से दूसरों को धोखा दे सकें। शुक्र और राहु की युति हीरो को विलेन और विलेन को हीरो बना सकती है। कुंडली में राहु की स्थिति अगर अच्छी हो तो व्यक्ति के लिए नए नए अवसरों के द्वार खुलते है।
सूर्य-
कालपुरूष के मुताबिक सूर्य को कुंडली में पांचवे भाव का स्वामी माना गया है। सूर्य को यश और मान प्रतिष्ठा का कारक माना गया है। पांचवे भाव और य़श का कारक होने से सूर्य की स्थिति को जन्म कुंडली में अनदेखा नहीं किया जा सकता। शुक्र और सूर्य की यति से व्यक्ति कला के किसी भी क्षेत्र में एक्सपर्ट बन सकता है। सूर्य के तेज के साथ साथ उसके पास शुक्र की सौम्यता भी आती है। हालांकि शुक्र और सूर्य की युति मनुष्य के वैवाहिक जीवन के लिए नकारात्मक फल लेकर आती है। हमे आए दिन फिल्मो की ऐसी खबरे सुनने को मिलती है जिसमें आए दिन किसी न किसी सेलिब्रेटी का ब्रेकअप या तलाक आम बात होती है। यदि व्यक्ति की कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति नामुमकिन काम भी आसानी से कर लेता है।
मंगल बनाए लाइफ परफेक्ट-
मंगल ग्रह को हिन्दू धर्म में काफी शुभ माना जाता है। हिंदुस्तान में अक्सर कई लोग अपनी आस्था प्रकट करने के लिए मंगलवार का व्रत रखते है। मंगल रचनात्मक कार्यों को दिखाता है। कुंडली में मंगल की स्थिति व्यक्ति की रचनात्मक क्षमता को दिखाती है। कला के क्षेत्र में रचनात्मक व्यक्ति की बहुत मांग है इसलिए जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल की स्थिति मजबूत होती है वो अक्सर टेंशन फ्री होता है और अपनी रचनात्मक शक्ति का खुलकर उपयोग कर पाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. कुंडली में कितने तरह के योग होते है?
2. कैसे जाने कुंडली में सरकारी नौकरी का योग है या नहीं?
3. कब होता है कुंडली में राजयोग?
4. नौकरी का ग्रह कौन सा है?
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