पकुआ दर्पण आठ कोण वाला एक विशेष प्रकार का दर्पण होता है। यह दर्पण फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पकुआ दर्पण के कई लाभ होते हैं। इसे लगाने का प्रमुख स्थान घर के मुख्य द्वार पर होता है। मान्यता है कि पकुआ दर्पण का इस्तेमाल अपने घर में करने से जीवन में ऊर्जा बनी रहती है और वातावरण एकदम सकारात्मक हो जाता है।
आइये जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से कि आखिर पकुआ दर्पण क्या है और पकुआ दर्पण के लाभ क्या हैं ?
पकुआ दर्पण क्या है ?
पकुआ दर्पण को बागुआ दर्पण के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अष्टकोण होते है और शीशा लगा होता है। दर्पण के आठों किनारों पर तीन-तीन फेंगशुई की लकीरें बनी होती हैं। इनमें कुछ लकीरें छोटी तो कुछ बड़ी होती हैं। पकुआ दर्पण का फ्रेम उज्जवल रंगों को जोड़कर बनाया जाता है।
पकुआ दर्पण के लाभ
फेंगशुई और वास्तु शास्त्र में पकुआ दर्पण के लाभ बताये गये हैं। घर के मुख्य द्वार पर पकुआ दर्पण लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती है। यह दर्पण बुरी नजर से घर की रक्षा करता है।
गणपति पकुआ भी पकुआ दर्पण के अष्टकोण का एक प्रकार होते हैं। पकुआ और गणपति पकुआ में यह अंतर है कि इसमें मध्य भाग में गणेश जी बने होते हैं। गणपति पकुआ दर्पण को रसोईघर में लगाने से रसोई से उत्पन्न वास्तु दोषों को दूर किया जाता है।
नजर दोष
पकुआ दर्पण नजर दोष को समाप्त करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। यदि किसी घर पर बुरी नजर पड़ जाती है, तो उस घर के मुख्य द्वार पर पकुआ दर्पण लगाने से घर की सुरक्षा हो जाती है। यह उपाय अत्यंत ही लाभदायक साबित होता है।
दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार सकारात्मक उर्जा हमेशा पूर्व से पश्चिम की दिशा में और उत्तर से दक्षिण दिशा में चलती है। पकुआ दर्पण का संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए इसे हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति दक्षिण-पश्चिम की दीवारों पर पकुआ दर्पण लगाता है तो दर्पण उल्टी दिशा से आ रही ऊर्जा को वापस कर देता है। अतः पकुआ दर्पण पूर्व या उत्तर दिशा की दीवार पर ही लगायें।
पकुआ दर्पण के नियम
पकुआ दर्पण से जुड़े कुछ नियम होते हैं। यदि आप पकुआ दर्पण से अत्यधिक लाभ लेना चाहते हैं तो अपने घर में इसे लगाने से पूर्व इन नियमों को अच्छी तरह समझ लें। आइये पढ़ते हैं पकुआ दर्पण के नियम –
- अपने घर के बाहर पकुआ दर्पण लगाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उस का शीशा टूटा हुआ तो नहीं है। साथ ही शीशा गंदा भी नहीं होना चाहिए।
- अगर पकुआ दर्पण का शीशा टूटा या गंदा है, तो इससे आपको फायदा नहीं मिलेगा। अतः इस नियम का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
पकुआ दर्पण को कभी भी घर या ऑफिस के अंदर नहीं लगाना चाहिए। यह हानिकारक साबित हो सकता है। - पकुआ दर्पण हमेशा घर के बाहर की दीवार पर या बालकनी की तरफ लगाना चाहिए इससे बाहर से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
- इस दर्पण का प्रयोग तभी करना चाहिए जब नकारात्मक ऊर्जा घर को प्रभावित कर रही हो। बिना आवश्यकता के पकुआ दर्पण का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- पकुआ दर्पण का आकार अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। फेंगशुई के अनुसार यह जितना बड़ा और हल्का होता है उतना ही शुभ माना जाता है।
- पकुआ दर्पण के रंग का भी ध्यान रखें। यह नीला, काला, लाल, गुलाबी और नारंगी नहीं होना चाहिए। इसका फ्रेम बनाने के लिए हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए – आसमानी, हरा, सफेद, ऑफ वाइट।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. पकुआ दर्पण क्या है?
2. पकुआ दर्पण कहाँ लगाया जाता है?
3. गणपति पकुआ दर्पण क्या होता है और इसका लाभ क्या है?
4. पकुआ दर्पण किस दिशा में लगाना चाहिए?
5. पकुआ दर्पण से जुड़े कुछ नियम क्या हैं?
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