
हनुमान-
बजरंगबली हनुमान श्रीराम के प्रिय भक्त कहलाये जाते हैं। हनुमान जी उन देवताओं में शामिल हैं। जो प्रत्येक युग में अमर थे। हनुमान जी अत्यधिक बहुशाली थे। हनुमान जी अन्य देवताओं से अलग माने जाते हैं। क्योंकि हनुमान जी के पास स्वयं की शक्ति है। हनुमान जी श्री राम की भक्ति के प्रति समर्पित थे। कहा जाता है हनुमान जी अपने भक्तों की मदद करते हैं।
हनुमान जी का निवास गन्धमादन पर्वत है। ऐसा कहते हैं हनुमान जी आज भी इस पर्वत पर निवास करते हैं। जिस स्थान पर रामायण का पाठ होता है। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था। यह सुमेरु पर्वत के राजा थे। हनुमान जी की माता का नाम अंजना था।
हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है। प्रत्येक नाम के पीछे एक कथा होती है। आज हम आपको बताएँगे। हनुमान नाम के पीछे की हैरान कर देने वाली कथा।
कैसे पड़ा हनुमान नाम?
सूर्यदेव को खा लिया-
हनुमान जी बचपन में अत्यधिक नटखट थे। हनुमान जी को बजरंगबली हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। बजरंगबली नाम उनके पिता केसरी ने रखा था । एक बार की बात है। हनुमान जी खेल रहे थे। हनुमान जी को खेलते खेलते भूख लग गयी। उन्होंने सूर्यदेव को फल समझ कर खा लिया था। जिसके कारण पूरी सृष्टि पर अंधकार छा गया था।
देवराज इंद्र ने किया प्रहार-
सूर्यदेव को हनुमान जी ने अपने मुँह में ले लिए था। तब अंधेरा छा गया था। जिसके कारण भगवान इन्द्र अत्यधिक क्रोधित हुए। क्रोध में आकर इंद्रदेव ने हनुमान की ठोढ़ी पर अपने व्रज से प्रहार कर दिया। जिसकी वजह से हनुमान जी की ठोड़ी टूट गयी थी। इसके कारण ही हनुमान जी का नाम हनुमान पड़ा। क्योंकि संस्कृत भाषा में ठोड़ी को हनु कहा जाता है। यह हनुमान नाम के पीछे की कहानी थी।
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