प्रत्येक मनुष्य चाहता है कि वह जीवन में कुछ हासिल करे। और सफलता की राह पर आगे बढे। नौकरी या व्यवसाय करने वाले लोग अपने काम में तरक्की होने की लालसा रखते हैं। लोग इसके लिए जी तोड़ मेहनत भी करते हैं। दिन रात एक करके पसीना बहाते हैं। पर कहते हैं कि सफलता के ताले की दो चाबियाँ होती हैं, एक मेहनत और एक भाग्य।
कई बार होता ये है कि लोग मेहनत तो कर लेते हैं परन्तु उनका भाग्य साथ नहीं देता। परिणामस्वरूप लोग असफल हो जाते हैं। आइये पढ़ते हैं कुछ ऐसी बातों के बारे में जिनसे आपको निश्चय ही सफलता मिलेगी। इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष लेकर आये हैं आपके लिए कुछ ऐसे उपाय। जिनका पालन करने से आपके बिज़नेस में होगी खूब तरक्की।
व्यापार ठीक ना चल रहा हो तो –
यदि व्यापर सही नहीं चल रहा है तो इस उपाय का पालन करें। इससे व्यापर में लाभ होने के योग बनते हैं। अपने व्यापारिक स्थल (दुकान , फैक्ट्री आदि ) के मुख्य दरवाज़े के बाहर की ओर दोनों तरफ गेंहू का एक -एक मुट्ठी आटा डालना है। इस उपाय को शुक्ल पक्ष की किसी भी तिथि से शुरू कर सकते हैं और इसे 1 महीने 13 दिन तक प्रतिदिन करना है।
व्यापार में बाधाएं आ रहीं हैं तो –
यदि व्यापर में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो किसी कारोबार के कोई भी सफल व्यक्ति के यहाँ से शनिवार के दिन लोहे की कोई वस्तु अपने यहाँ ले आयें। इसके बाद अपने व्यापर स्थल पर एक जगह हल्दी से स्वस्तिक बनाएं। स्वस्तिक के ऊपर थोड़ी सी साबुत काली उड़द रखें। और फिर उसके ऊपर लोहे की वह वस्तु रखें जो आप किसी सफल कारोबारी से लाये थे। इस उपाय को करने से आपके व्यवसाय में भी तरक्की होने लगेगी।
व्यवसाय में नुकसान हो रहा हो तो –
यदि आपको व्यापर में हानि हो रही हो तो इस उपाय का पालन करें। अपने वज़न के बराबर कच्चा कोयला लें और शनिवार के दिन उसे बहते पानी में बहा दें। ऐसा करने से आपको लगातार हो रहे नुकसान से छुटकारा मिल जायेगा।
व्यवसाय में बिक्री बढ़ानी हो तो –
बिक्री बढ़ाने के लिए शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार को पांच गोमती चक्र लें। उसे एक लाल वस्त्र में बांधकर अपनी दुकान के मुख्य द्वार की चौखट पर बांध दें। यह उपाय करने से व्यापर में वृद्धि होगी और बिक्री बढ़ने लगेगी।
कर्मचारी स्थिर ना हो रहे हों तो –
यदि आपके व्यवसायिक स्थल के कर्मचारी बार बार काम छोड़ कर चले जाते हैं, तो इस उपाय को करें। शनिवार के दिन रस्ते में पड़ी हुई कोई कील उठा लें। उसे भैस के मूत्र से धो लें। और फिर उसे अपने व्यवसाय स्थल की ज़मीन में गाड़ दें। यह अचूक उपाय करने के बाद आपके कर्मचारी पूरी मेहनत व लगन से काम करने लगेंगे। और आपको व्यापर में तरक्की होगी।
चाणक्य नीति व्यापार के लिए
आचार्य चाणक्य एक कुशल अर्थशाष्त्री, राजनीतिज्ञ व कूटनीतिज्ञ थे। इसके साथ ही उन्होंने एक सफल जीवन जीने के लिए कई नीतियाँ भी बताई हैं। चाणक्य नीति में मनुष्य जीवन से जुड़ी छोटी छोटी समस्याओं का समाधान है। चाणक्य ने व्यापर सम्बन्धी भी कई ऐसी बातें बताई हैं जिनका पालन करने से व्यवसाय में तरक्की मिलती है। आइये पढ़ते हैं चाणक्य नीति बिज़नेस के लिए –
फायदे और नुकसान का आकलन करें –
व्यवसाय करने से पहले अपने बाज़ार और प्रतिद्वंदी की अच्छी जानकारी ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही व्यापार के होने वाले फायदे व नुकसान पर विस्तार से विचार विमर्श कर लेना चाहिए। यदि किसी कारण वश व्यापार में वृद्धि ना हो रही हो तो ऐसे समय के लिए एक विकल्प पहले से तैयार रखना चाहिए।
नकारात्मक लोगों से दूरी बनाये रखें –
जो लोग आपका मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं, उनसे दूर ही रहना चाहिए। लोगों के व्यर्थ के ज्ञान को नजरअंदाज करते हुए हमें केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सब्र रखें –
कोई भी व्यवसाय शुरू होते ही सरपट दौड़ने नहीं लगता है। आपको अपना समय निवेश करना पड़ेगा तब ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। इसलिए व्यापार शुरू करते से ही फ़ायदे की ना सोचें। कुछ दिन सब्र रखें और शांति से इंतजार करें।
असफलता से कैसे बचें ?
व्यापार में असफलता से बचना चाहते हैं तो कभी भी व्यवसाय और संबंध को आपस में ना जोड़े। चाणक्य कहते हैं कि हर संबंध के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ छुपा रहता है। इसलिए दोस्ती, रिश्तेदारी या किसी भी निजी संबंध के कारण लोगों को उधार ना दें। अपने व्यावसायिक कार्यस्थल को अपने निजी जीवन से हमेशा अलग रखें।
जोखिम से घबराएं नहीं –
व्यापार में कभी भी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि आपको अपने ऊपर विश्वास है तो आप बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी मिनटों में हल कर सकते हैं। कभी अपनी काबिलियत पर शक ना करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. चाणक्य नीति क्या है ?
2. व्यापार में सफलता का अचूक उपाय क्या है ?
3. व्यापार शुरू करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
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