
मीन राशि में देव गुरू बृहस्पति और दैत्य गुरू शुक्र की युति होती है। इस महासंयोग से सभी 12 राशियां प्रभावित होती हैं। जुलाई माह में यह महासंयोग हो चुका है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक बृहस्पति को देवताओं का गुरू। और शुक्र को शुक्राचार्य अथवा दैत्यों का गुरू बोला गया है।
नवग्रहों में देव ग्रह बृहस्पति गुरू इस समय उलटी चाल चल रहे हैं। 24 नवम्बर के बाद से गुरू मार्गी हो जायेंगे। यानि कि अपनी राशि मीन में सीधी चाल चलने लगेंगे। मार्गी होने के बाद बृहस्पति गुरू अखंड साम्राज्य योग बनायेंगे। जो किअत्यंत ही शुभ योग होता है।
बृहस्पति राशि परिवर्तन 2022
गुरु बृहस्पति अभी वक्री अवस्था में हैं। 29 जुलाई 2022 को बृहस्पति मीन राशि में वक्री हुए थे। 24 नवंबर 2022 को गुरु बृहस्पति का राशि परिवर्तन होगा। और बृहस्पति वक्री अवस्था से मीन राशि में मार्गी हो जाएंगे। मार्गी होने का मतलब है अपनी राशि में सीधी चाल चलने लगना।
गुरु और शुक्र की युति का फल
ज्योतिष शास्त्र में गुरू को भाग्य चमकाने वाला ग्रह। और शुक्र को धन धान्य का देवता माना जाता है। गुरू और शुक्र की युति के महासंयोग से सभी बारह राशियों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति राशि परिवर्तन 2022 से सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। गुरू बृहस्पति के मार्गी होने से कुछ राशियों पर प्रतिकूल तो कुछ पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।
आइये इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिषों से जानते हैं बृहस्पति राशि परिवर्तन का अन्य राशियों पर प्रभाव –
मेष राशि के जातकों के लिए बृहस्पति नौवें और बारहवें भाव के स्वामी होते हैं। धन लाभ होने की भी संभावना है। कुछ नौकरी वालों का ट्रांसफर भी हो सकता है।
वृषभ राशि के जातकों के लिए बृहस्पति आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी होते हैं। कारोबारियों को लाभ हो सकता है। नया कारोबार शुरू करने के लिए भी यह समय उपयुक्त है नौकरी पेशा लोगों के प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कार्यस्थल में बेहतर कार्य करने के योग हैं।
कर्क राशि के जातकों को भी करियर में सफलता मिल सकती है। व्यवसाय में धन लाभ होने के आसार हैं। आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। और पैसा बचाने में भी सफलता मिल सकती है। शारीरिक और मानसिक सेहत भी अच्छी रहेगी। निजी जीवन के लिए भी यह समय उपयुक्त है। आपसी संबंधों में मिठास आयेगी
कन्या राशि के जातकों के लिए बृहस्पति सातवें और चौथे भाव के स्वामी होते हैं। आकस्मिक धन लाभ होने की संभावना है। कारोबार में मुनाफा हो सकता है। पैसों की बचत करने के लिए उपयुक्त समय है। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।
मीन राशि का स्वामी कौन है ?
ज्योतिष चक्र की बारहवीं राशि मीन होती है। जिन लोगों के नाम का पहला अक्षर दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा या ची होता है, उनकी राशि मीन होती है। इस राशि का चिन्ह मत्स्य (मछली) होता है। मीन राशि का स्वामी देव गुरू बृहस्पति होता है।
क्या हैं मीन राशि के जातकों की विशेषताएं ?
ये लोग नम्र स्वभाव के होते हैं और उनका व्यवहार मित्रतापूर्ण होता है।
भावुक और कोमल स्वभाव वाले होने के कारण मीन राशि वाले बहुत जल्द किसी पर भी विश्वास कर लेते हैं।
इनकी कल्पनाशक्ति और रचनात्मकता प्रचुर होती है। ये कला प्रेमी भी होते हैं।
मीन राशि वालों को घूमने फिरने का बहुत शौक होता है।
मीन राशि वाले घर-परिवार में और कार्यक्षेत्र में खूब मान-सम्मान पाते हैं।
मीन राशि के भगवान कौन है ?
बृहस्पति मीन राशि के स्वामी होते हैं। चूँकि बृहस्पति देवताओं के गुरू माने जाते हैं अतः मीन राशि के भगवान बृहस्पति देव हैं। यह जल तत्व की राशि कहलाती है।
मीन राशि के जातकों के लिए –
शुभ दिशा – उत्तर
श्रेष्ठ दिन – रविवार, मंगलवार, गुरुवार
उत्तम रंग – लाल, गुलाबी, नारंगी, पीला
शुभ अंक – 1, 3, 4, 9
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. नवग्रह कौन कौन से होते हैं ?
2. राशियाँ कितने प्रकार की होती हैं ?
3. मीन राशि का स्वामी ग्रह कौनसा है ?
4. बृहस्पति ग्रह मार्गी कब होगा ?
5. ग्रहों के राशि परिवर्तन से मानव जीवन पर क्या असर पड़ता है ?
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