अशोक स्तंभ को भारत का गौरव और प्रतिष्ठा का स्तंभ माना जाता है। अशोक का स्तम्भ भय के उन्मूलन का प्रतीक माना जाता है। भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चक्र महान अशोक स्तम्भ से ही लिया गया है। यह वीरता और प्रतिष्ठा दोनों का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है।
अशोक स्तम्भ में कितने जानवर हैं ?
इसके ऊपरी हिस्से में चार सिंह दिखाई देते हैं। ये चारों पीठ-से-पीठ सटाये खड़े हैं और चारों दिशाओं की ओर मुँह किए हुए हैं। शीर्ष स्तंभ पर बने ये सिंह शक्ति, साहस, आत्मविश्वास और गौरव का प्रतीक हैं। इसके नीचे एक घोड़ा, एक हाथी, एक शेर और एक बैल हैं। इनेक बीच में धर्मचक्र बना हुआ है। चक्र के पूर्वी भाग में हाथी, पश्चिमी भाग में बैल, दक्षिणी भाग में घोड़ा और उत्तरी भाग में शेर हैं। ये चारों पशु चलायमान स्थिति में हैं, अतः ये धर्मचक्रपरिवर्तन का प्रतीक हैं।
अशोक स्तंभ कहाँ है ?
सम्राट अशोक ने देश के विभिन्न क्षेत्रों में अशोक स्तंभ का निर्माण करवाया था। इनमें सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ इतिहास की दृष्टि से सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त इलाहाबाद, वैशाली (बिहार) और साँची (मध्य प्रदेश) में भी अशोक स्तंभ है।
अशोक स्तंभ का इतिहास
इस प्रकार है अशोक स्तंभ का इतिहास – मौर्य राजवंश के शक्तिशाली और प्रख्यात सम्राट – चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने इसका निर्माण करवाया था। सम्राट अशोक अपने प्रत्येक युद्ध में विजयी हुए। वह एक निर्भीक और साहसी योद्धा थे। राजा कलिंग से युद्ध कर विजय प्राप्त करने वाले पहले थे राजा सम्राट अशोक। भारतीय इतिहास में उनके राज्य काल को स्वर्ण काल कहा जाता है। कलिंग युद्ध विजय करने के बाद ही उन्होंने अशोक स्तम्भ का निर्माण करवाया था।
अशोक स्तम्भ का मतलब क्या है ?
इसे प्राचीन भारत की धरोहर माना जाता है। भारत की प्राचीन सभ्यता, धर्म, संस्कृति, और ज्योतिष विद्या से भी अशोक स्तंभ का गहरा सम्बन्ध है। लोग गौरव और साहस के इस प्रतीक को अपने घरों में एक सजावट के रूप में रखते हैं।
वास्तु की दृष्टि से अशोक स्तंभ का महत्व
ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार अशोक स्तम्भ सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। यह सूर्य ग्रह के विभिन्न पहलुओं पर शासन करता है। साथ ही सफलता, विजय एवं गर्व का प्रतीक कहलाता है। अशोक स्तंभ को वास्तु अनुसार सही दिशा में रखने से यह अत्यंत ही लाभकारी साबित होता है। इससे समृद्धि और प्रतिष्ठा का भी आगमन होता है।
घर में कहाँ रखे अशोक स्तम्भ ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार अशोक स्तम्भ को उत्तर पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। घर के इस हिस्से में अशोक स्तंभ को रखने से सरकारी नौकरी पाने में सहायता मिलती है। वहीं, अशोक स्तम्भ को दक्षिण–पूर्व या दक्षिण दिशा में रखने से उन्नति नहीं होती। यह अशुभ दिशा मानी जाती है।
उत्तर पश्चिम दिशा में अशोक स्तंभ रखने के लाभ
- विदेश यात्रा का अवसर प्राप्त हो सकता है।
- किसी उच्च स्तरीय प्रशासनिक सेवा का लाभ मिल सकता है। साथ ही पदोन्नति या नौकरी में पद वृद्धि का लाभ भी मिल सकता है।
- इसे घर में रखने से आत्मविश्वास बढ़ता है। तथा समाज में मान-सम्मान मिलता है।
- सरकारी पदों पर आसीन जातकों के लिए यह सहायक है।
- इस के प्रभाव से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में विकास होता है।
- साथ ही व्यक्ति के चरित्र में उदारता और का भी विकास होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
1. अशोक स्तम्भ में कितने जानवर हैं ?
2. अशोक स्तंभ कहाँ है ?
3. अशोक स्तंभ का इतिहास ?
4. अशोक स्तम्भ का मतलब क्या है ?
5. अशोक का स्तम्भ घर के किस दिशा में रखना चाहिए ?
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