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जानें अन्य ग्रहों पर शनि का दुष्प्रभाव

By November 12, 2022December 4th, 2023No Comments
Jupiter Planet

ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर, पापी और हानिकारक ग्रह माना गया है। शनि को कर्म का कारक ग्रह भी कहते हैं। लोगों में ऐसी मान्यता है कि शनि अशुभ ग्रह है। और शनि के प्रकोप से बने हुए काम भी बिगड़ जाते हैं। ऐसे में कई लोगों का सवाल है – कि क्या शनि अन्य ग्रहों के शुभ फलों को सीमित कर सकता है?
आपके इस सवाल का जवाब देंगे इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष।

वैदिक ज्योतिष में शनि उतना बुरा भी नहीं है जितना लोगों ने उसे बना दिया है। दरअसल शनि को लेकर सबके मन में गलत धारणाएं हैं। वास्तव में शनि अत्यंत ही बलवान ग्रह है। जिस मनुष्य पर शनि की कृपा हो, वह बड़े से बड़ा काम भी आसानी से कर सकता है। शनि के प्रभाव से व्यक्ति सफलता की राह में बहुत आगे जाता है। शनि को शिक्षक ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। जीवन की बड़ी से बड़ी सीख हमें शनि की कृपा से मिलती हैं।
कहा जाता है कि शनि बाधा उत्पन्न करने वाला ग्रह है। परन्तु ज्योतिषियों का मानना है कि शनि दूसरे शुभ ग्रहों की राह में कभी अवरोध पैदा नहीं करता है।

शनि क्या प्रदान कर सकता है ?

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि बलवान स्थति में है। तो वह व्यक्ति धैर्यवान तथा आध्यात्मिक गुणों से युक्त होता है। शनि की कृपा से व्यक्ति को निरंतर परिश्रम करने की शक्ति मिलती है। शनि के बल से व्यक्ति की सहनशक्ति और संघर्ष करने की क्षमता भी बढ़ जाती है। जिसकी कुंडली में शनि विद्यमान हो, वह व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हार नहीं मानता। शनि परिपक्वता भी प्रदान करता है।

Strong Shani In Kundli

शनि से जुड़े 5 रोचक तथ्य

1. सौरमंडल में बृहस्पति के बाद शनि दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है। शनि ग्रह पर मौजूद सात रिंग्स (छल्ले) के कारण शनि को अत्यंत ही आकर्षक ग्रह माना जाता है।
2. शनि ग्रह पश्चिम से पूर्व की और घूमता है। शनि और पृथ्वी की घूर्णन दिशा एक समान ही है।
3. शनि ग्रह एक राशि को पार करने में 2.5 वर्ष का समय लेता है। और पूरे राशि चक्र को पार करने में 30 वर्षों के आसपास का समय लेता है।
4. शनि ग्रह को पीड़ा, अभाव और दुख का कारक माना जाता है। शनि अलगाववादी तथा क्रूर प्रधान ग्रह है। शनि के प्रकोप से प्रत्येक व्यक्ति डरता है। ज्योतिष शास्त्र में शनि को मंदगामी, सूर्य-पुत्र और शनिश्चर आदि नामों से पुकारा जाता है।
5. शनि ग्रह पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों का स्वामी है। मकर और कुंभ राशियों का स्वामी ग्रह शनि है।

Jupiter Planet

शनि की खासियत

शनि ग्रह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शनि कर्मों के अनुसार फल देता है। यदि कोई अच्छे कर्म करेगा तो शनि उसका भला करेगा। पर यदि किसी व्यक्ति के कर्म सही नहीं है तो शनि उसके लिए हानिकारक रहेगा। यही शनि का स्वाभाव है। अतः शनि को न्याय का ग्रह माना गया है।

Truth Statue

शनि दोष से बचने के उपाय

शनि जब अपनी स्थिति बदलता है तो अशुभ संकेत देता है। जिसकी कुंडली में शनि दोष हो, उसे इन संकेतों से शनि के दुष्प्रभाव का पता चल जाता है।

शनि देता है ये अशुभ संकेत –

  • यदि किसी व्यक्ति को अचानक शारीरिक रोगों का और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो उसकी कुंडली पर निश्चित ही शनि का प्रकोप है।
  • शनि दोष होते ही व्यक्ति के जीवन में अकस्मात काम का बोझ और तनाव बढ़ जाता है।
  • जब शनि कुंडली में आता है तो वह शीघ्र ही अशुभ प्रभाव देने लगता है। व्यक्ति को अधिक क्रोध आने लगता है। धार्मिक कार्यों में मन नहीं लगता है। साथ ही व्यक्ति बुरी आदतों का शिकार हो जाता है।
  • शनी के दुष्प्रभाव से व्यक्ति किसी न किसी झूठे या फ्रॉड मामलों में फंस जाता है। इसके चलते मान-सम्मान की क्षति होती है।
  • शनि के अशुभ प्रभाव से नौकरी में अड़चन आने लगती है। या तो नौकरी छूट जाती है या तरक्की रुक जाती है।
  • शनि के अशुभ प्रभाव होने के कारण व्यक्ति पर किसी जानवर का हमला हो सकता है। इसके कारण व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो सकता है

इन संकेतों को समझकर आप पता कर सकते हैं कि आपकी कुंडली में शनि का दोष है या नहीं। शनि दोष का पता लगने पर व्यक्ति को इन उपायों का पालन करना चाहिए। इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष द्वारा बताए गए इन उपायों से शनि दोष से छुटकारा मिलता है 

शनि दोष से बचने के उपाय

  • शनि दोष को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • शनि दोष का अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करना चाहिए।शनिवार के दिन मछलियों को आटा खिलाने से शनिदोष मिट जाता है।
  • शनिवार को प्रातः कल पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें। और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। दीपक में थोड़ी सी काली तिल भी डाल लें।

Sarso Ke Tel Ka Deepak

अक्सर पूछे वाले प्रश्न –

1. शनि की विशेषताएं क्या हैं ?

वैदिक ज्योतिष में शनि को क्रूर, पापी और हानिकारक ग्रह माना गया है। शनि ग्रह को पीड़ा, अभाव और दुख का कारक माना जाता है। मान्यता है कि शनि अलगाववादी तथा क्रूर प्रधान ग्रह है।

2. शनि की खासियत क्या है ?

शनि ग्रह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शनि को न्याय का ग्रह माना गया है। शनि का स्वाभाव है कर्मों के अनुसार फल देना। यदि कोई अच्छे कर्म करेगा तो शनि उसका भला करेगा। पर यदि किसी व्यक्ति के कर्म सही नहीं है तो शनि उसके लिए हानिकारक रहेगा।

3. शनि के प्रकोप से बचने का उपाय क्या है ?

शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए रामबाण उपाय है – लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करना।

4. शनि क्या प्रदान कर सकता है ?

शनि की बलवान स्थिति से जातक धैर्यवान तथा आध्यात्मिक गुणों वाला होता है। शनि को परिपक्वता का भी गुरू माना जाता है।

5. शनि के अशुभ संकेत कैसे पता करें ?

जब व्यक्ति की कुंडली में शनि की ग्रह दशा बिगड़ती है तो अनेक प्रकार के संकेत दिखाई देते हैं। अचानक बीमार पड़ जाना या कोई भारी आर्थिक नुक़सान हो जाना, यह शनि के अशुभ संकेतों में आते हैं।

और पढ़ें – Shani Mantra: ( शनिमंत्र )

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Yashika Gupta

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