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Pushkar Kumbh Mela: यहां मिलेगा पुण्य स्नान का अवसर, जानें तारीख!

By April 26, 2025May 20th, 2025No Comments
Pushkar Kumbh Mela

सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर 12 साल बाद पुष्कर कुंभ मेला का आयोजन शुरू हो गया है। यह पवित्र मेला माणा गांव के पास सरस्वती नदी के किनारे लगेगा। खास बात यह है कि इस बार मेले में दक्षिण भारत से सैकड़ों आचार्य और श्रद्धालु भी शामिल होंगे। यही वह स्थान है जहां महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना की थी। इस धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यह मेला भक्तों के लिए बहुत खास माना जा रहा है। अब आइए जानते हैं कि पुष्कर कुंभ मेला आरंभ तिथि (Pushkar Kumbh Mela Start Date) क्या है और कहां होगा?

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2025 में कब है पुष्कर कुंभ मेला?

मेला उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित माणा गांव में हर 12 साल में एक बार लगता है। इस बार पुष्कर कुंभ मेला आरंभ तिथि (Pushkar Kumbh Mela Start Date) 15 मई से 26 मई 2025 तक और 12 दिनों के लिए किया जाएगा। इस दौरान हज़ारों श्रद्धालु यहां आ रहे हैं और आध्यात्मिक शांति और पुण्य की प्राप्ति के लिए सरस्वती नदी के किनारे स्नान और पूजा करते हैं।

पुष्कर कुंभ मेला की विशेषताएं

माणा गांव पुष्कर कुंभ (Mana Village Pushkar Kumbh) के आयोजन से पूरे क्षेत्र में अच्छा महौल बन जाता है। यहां लोग दूर-दूर से आते हैं और पूजा करते हैं। आइए नीचे इसकी कुछ विशेषताएं भी जान लेते हैं।

  • यह मेला दक्षिण भारत के सैकड़ों आचार्यों और वेदज्ञ विद्वानों का मिलन स्थल होता है।
  • मेले में वैदिक अनुष्ठान, वेद पाठ, हवन, यज्ञ और धार्मिक चर्चा आयोजित की जाती है।
  • खास बात यह है कि इसका आयोजन सरस्वती नदी के स्थल पर होता है।
  • यह स्थान उत्तराखंड के माणा गांव में स्थित है।
  • सरस्वती नदी यहाँ केवल करीब 1 किलोमीटर तक दिखाई देती है।
  • इसके बाद यह नदी अदृश्य होकर जमीन में विलीन हो जाती है।
  • जिससे यह जगह और भी रहस्यमय और पवित्र मानी जाती है।

क्यों खास है ज्योतिषीय दृष्टि से यह मेला?

साल 2025 में एक खास ग्रह स्थिति बनेगी, जब बृहस्पति कुंभ राशि में और सूर्य तुला राशि में होंगे। ज्योतिषी अनुसार, ऋषि-मुनियों ने यहां अपने ज्ञानों का प्रसार करना शुरू किया था। पुष्कर कुंभ मेला (Pushkar Kumbh Mela) में अगर कोई स्नान, जप, तप या दान करता है तो उसकी कुंडली में मौजूद दोष या कर्म से जुड़े बुरे प्रभाव शांत हो जाते हैं।

माणा गांव पुष्कर कुंभ (Mana Village Pushkar Kumbh) मेले में स्नान करने से मन को शन्ति मिलती है। खास तौर पर उन लोगों के लिए यह समय और भी शुभ है जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो, बारहवें भाव में स्थित हो, या राहु और केतु से प्रभावित हो। उनके लिए यह मेला आत्मिक शुद्धि और अच्छे बदलाव का एक खास अवसर बन सकता है।

पुष्कर स्नान का धार्मिक महत्व

ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार, पुष्कर कुम्भ का महत्व (Pushkar Kumbh significance) बहुत खास माना जाता है। इस समय स्नान करने से कई पुण्य का लाभ मिलता है। जो व्यक्ति इस समय स्नान करता है, वह अपने तीन जन्मों तक के पापों से छुटकारा पा सकता है। यह समय बीते जन्मों के बुरे कर्मों को शुद्ध करने के लिए अच्छा मौका है। मान्यता है कि जो भक्त पुष्कर में आकर स्नान करता है, उसकी आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

पुष्कर कुंभ मेले के दौरान क्या करें क्या नहीं

इस मेले का महत्व (Pushkar Kumbh significance) जानने के बाद अब इस दौरान क्या करें और क्या नहीं इस पर एक नजर डालते हैं।

क्या करें

  • गुरु के मंत्रों का जाप करें।
  • पीला अन्न चढ़ाएं, नए वस्त्र पहने, चना चढ़ाएं और हल्दी का दान करें।
  • गुरु यंत्र की स्थापना करें।

क्या न करें

  • पुष्कर कुंभ मेला (Pushkar Kumbh Mela) के दौरान मांस खाने, शराब और तामसिक आहार करने से बचे।
  • बिना मंत्र के स्नान न करें।
  • बिना मुहूर्त जाने यात्रा न करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. पुष्कर कुंभ क्या है?

पुष्कर कुंभ हिमालय में स्थित बद्रीनाथ में हर 12 साल में एक बार होता है। कुंभ बद्रीनाथ के पास माणा गांव में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल पर आयोजित किया जाता है।

2. पुष्कर कुंभ 2025 कब आयोजित होगा?

पुष्कर कुंभ 2025 बद्रीनाथ में 15 मई से 25 मई 2025 तक आयोजित किया जाएगा ।

3. माणा गांव और सरस्वती नदी का क्या महत्व है?

माणा गांव को बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार माना जाता है और माना जाता है कि सरस्वती नदी इसी गांव से निकलती है। यह बहुत आध्यात्मिक महत्व रखता है क्योंकि यह भी माना जाता है कि वेद व्यास ने महाभारत की रचना पास की गुफाओं में की थी।

4. क्या पुष्कर कुंभ केवल साधु-संतों के लिए है या आम व्यक्ति भी लाभ ले सकता है?

यह मेला केवल साधु-संतों या सन्यासियों के लिए नहीं है। हर गृहस्थ, छात्र, व्यापारी, या अधिकारी आदि हर किसी के लिए है।

5. पुष्कर कुंभ 2025 में कौन भाग लेगा?

इस कार्यक्रम में सैकड़ों दक्षिण भारतीय आचार्य, आध्यात्मिक नेता और पूरे भारत से तीर्थयात्री शामिल होंगे।

6. इस मेला में क्या करने से लाभ मिलेगा?

इस दौरान स्नान के साथ जप, ध्यान, व्रत, गुरु मंत्र जाप, और गुरु ग्रह से संबंधित दान करें। मुहूर्त के अनुसार स्नान और पूजा करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

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Pratibha Pathak

About Pratibha Pathak

इंस्टाएस्ट्रो में हिन्दी कंटेट राइटर। पत्रकारिता में अमरउजाला से सफर की शुरूआत की। यहां से कारवां बढ़ता हुआ पंजाब केसरी, इंडिया न्यूज से होते हुए इंस्टाएस्ट्रो में पहुंची। लगातार कुछ बेहतर और अलग करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सिखने की कोशिश। एस्ट्रोलॉजी, राजनीतिक और सॉफ्ट खबरों में रूचि।