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Raksha Bandhan 2025: जानिए रक्षाबंधन 8 अगस्त को है या 9 अगस्त को।

By July 30, 2025July 31st, 2025No Comments
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प्रत्येक वर्ष भाई- बहनों का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन सावन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में रक्षा बंधन विशेष महत्व रखता है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहनों के लिए सबसे खास दिन होता है।

इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर रंग- बिरंगी सुंदर राखी बांधती हैं और उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त हो इस बात की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों को उनकी आजीवन रक्षा करने का वचन देते हैं और साथ ही ढेर सारे उपहार भी देते हैं।

भद्रा काल होने के कारण अधिकतर लोग राखी कब है? और रक्षाबंधन किस दिन मनाएं? यह सोचकर परेशान हो रहे हैं। तो, आइए जानते हैं कि, आखिर वर्ष 2025 में  कब है? भद्रा काल क्या है? और किस दिन मनाएं रक्षाबंधन 2025।

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रक्षा बंधन 2025 तिथि और रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार वर्ष 2025  में 9 अगस्त दिन शनिवार को है। रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त को सुबह 5  बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 24  मिनट तक रहेगा। आप इस समय के दौरान राखी बांध सकते हैं। 

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रक्षाबंधन पूजा विधि

रक्षाबंधन भाइयों और बहनों का एक पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस दौरान बहुत सी बहनें अपने भाई की सलामती के लिए व्रत भी करती हैं और उन्हें राखी बांधती हैं।  आइए जानते हैं, राखी बांधने की सही विधि पूजा विधि क्या है?

  • रक्षाबंधन के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें।
  • अब पूजा स्थल को साफ करके दीपक और धूप प्रज्वलित करें और भगवान की आरती करें।
  • रक्षाबंधन के दिन सुन्दर और नए वस्त्र पहनें।
  • इस दिन पारंपरिक पोशाक ही पहनना चाहिए ऐसा करना शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद देखें कि राखी का शुभ मुहूर्त क्या है उसी के अनुसार राखी बांधें।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र को राखी मुहूर्त 2025 के अनुसार ही बांधना चाहिए।
  • अब बहनें अपने भाइयों के लिए राखी की एक थाली सजाएं जिसमें अक्षत, राखी, मिठाई और चंदन या हल्दी तिलक रखें।
  • सबसे पहले भगवान गणेश को राखी अर्पित करें और मिठाई का भोग लगाएं साथ ही तिलक करें।
  • हाथ जोड़ कर उनसे अपनी रक्षा करने आशीर्वाद मांगें।
  • इसके पश्चात लाल या पीले रंग के आसान लेकर भाई बहन उनपर बैठ जाएँ ।
  • बैठने के पश्चात बहन रक्षाबंधन की तैयार की गयी थाली से तिलक लेकर भाई को तिलक करें, अब राखी बांधें और मिठाई खिलाए।
  • अब भाई भी बहन को मिठाई खिलाये और यदि बहन भाई से बड़ी हैं तो उनके पैर छूकर भाई उनसे आशीर्वाद लें।
  • रक्षाबंधन के दिन राखी बांधते समय बहनें कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी कर सकती हैं जो फायदेमंद रहेगा। ये मंत्र इस प्रकार हैं:

येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।

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रक्षाबंधन का महत्व

हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन पर्व को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है और भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते हैं। इस दिन बहनें अपनी भाई की कलाई पर बहुत दूर- दूर से आकर भी राखी बांधती हैं।

रक्षा बंधन के इस पावन त्यौहार को अपने भाई के साथ मनाती हैं। यह त्यौहार भाई और बहन के बीच में प्रेम को बढ़ाता है और पूरे परिवार में रौनक उत्पन करता है। ऐसा माना जाता है की राखी का त्यौहार शुभ मुहूर्त में ही मनाना चाहिए। इससे भाई- बहन के बीच का रिश्ता गहरा होता है। 

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  • रक्षाबंधन में भद्रा काल का अर्थ

 2025 के रक्षाबंधन वाले दिन भद्राकाल नहीं हैं फिर भी भद्राकाल क्या है? जान लेते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल एक अशुभ समय होता है। जिस समय भद्रा काल लगता है उस समय कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।

भद्रा काल के दौरान आपको राखी नहीं बांधनी है। ज्योतिष के अनुसार भद्रा काल में राखी बांधने से भाई के ऊपर खतरा बनता है और भाई बहन के रिश्ते में प्यार कम हो जाता है।

रक्षाबंधन की कथाएं:

वैसे तो रक्षाबंधन की कई कथाएँ हैं पर आज हम रक्षाबंधन से जुड़ी प्रमुख कथा के बारे में जान लेते हैं। 

हिन्दू पौराणिक ग्रथों में मौजूद एक कथा के अनुसार, एक समय भगवान श्री कृष्णा के हाथ में किसी कारणवश चोट लग गयी थी। इस चोट का पता चलने के पश्चात महारानी द्रौपदी ने भगवान श्री कृष्ण के हाथ पर अपनी साड़ी से एक छोटा टुकड़ा फाड़ कर बांध दिया।

यह देखकर भगवान श्री कृष्ण बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने महारानी द्रौपदी को हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन दिया। इसके पश्चात दुःशासन ने जब महारानी द्रौपदी का अपमान करना चाहा तो भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं वहां आकर महारानी द्रौपदी की रक्षा की और उनका अपमान होने से उन्हें बचाया। तभी से रक्षाबंधन मनाया जाता है।

रक्षाबंधन के दिन क्या करें?

  • रक्षाबंधन के दिन अपने घर में एक बड़े कीर्तन या हवन का आयोजन किया जा सकता है।
  • इससे लाभ मिलेगा और सकारात्मक ऊर्जा घर में आकर्षित होगी।
  • ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन भगवान गणेश और सूर्य देवता की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
  • साथ ही पहली राखी भगवान गणेश को अर्पित करनी चाहिए।
  • रक्षाबंधन का त्यौहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि पर आता है।
  • इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी अवश्य करें और शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
  • माता लक्ष्मी जिनके घर में प्रवेश करने से सुख समृद्धि और धन की कोई कमी नहीं रहती है रक्षाबंधन के दिन देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें।
  • रक्षाबंधन के दिन व्रत रखना भी शुभ होता है।
  • भाई बहन के लिए और बहन भाई के लिए इस दिन व्रत करके सुख समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

रक्षाबंधन के दिन क्या न करें?

  • रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल में राखी बिलकुल भी न बांधें।
  • राखी को रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त में ही बांधना चाहिए।
  • रक्षाबंधन के दिन घर में क्लेश, लड़ाई, झड़गा या मानसिक तनाव न रखें।
  • मन को शांत और खुश रखें।
  • राखी के दिन यदि व्रत कर रहें हैं तो मांस मदिरा का सेवन न करें।
  • अपने भाई को बिना विधि के अनुसार राखी न बांधे।
  • विधि के अनुसार ही राखी बांधें और शुभ मुहूर्त में ही बांधें।
  • रक्षाबंधन के दिन यदि व्रत नहीं कर रहें हैं तो राखी बांधने से पहले भाई और बहन को कुछ नहीं खाना चाहिए।

अक्सर पूछें जाने वाले प्रश्न-

1. रक्षाबंधन कब है?

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार रक्षाबंधन का त्यौहार वर्ष 2025 में 9 अगस्त दिन शनिवार को है।

2. रक्षाबंधन पर क्या होता है?

रक्षाबंधन भाई और बहन का पर्व होता है। इस दिन बहन, भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इसके बाद भाई बहन को उपहार देता है।

3. रक्षा बंधन पर किस रंग की राखी बांधना शुभ होगा?

रक्षाबंधन के दिन आप राशि के अनुसार राखी बांध सकते हैं। राशि के अनुसार राखी बांधना बहुत शुभ होता है।

4. क्या रक्षाबंधन पर व्रत भी रखा जाता है?

रक्षाबंधन के त्यौहार पर भाई बहन के लिए और बहन भाई के लिए व्रत रख सकते हैं। व्रत रखने के अच्छे परिणाम मिलेंगे।

5. रक्षाबंधन पर भद्रा काल क्या है?

रक्षाबंधन पर भद्रा काल लग रहा है जो किसी भी मंगल कार्य के लिए शुभ नहीं होता है। इसलिए इसके लगते हुए राखी न बांधे। शुभ मुहूर्त के अनुसार ही राखी बांधे।

रक्षाबंधन पर ज्योतिष के कौन से उपाय देंगे लाभ? जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।

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