अधिक मास या मलमास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है। अधिक मास की परमा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। परमा एकादशी पर भगवान विष्णु की विधि- विधान के अनुसार पूजा करने से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। किसी विशेष इच्छा पूर्ति के लिए भी परमा एकादशी व्रत किया जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है साथ ही यह व्रत मोक्ष प्राप्ति के लिए भी किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार परमा एकादशी व्रत को करने से जातक को अपार धन, संपदा प्राप्त होती है। इस व्रत में दान करने का विशेष महत्व होता है। गाय का दान, गरीबों को अन्न दान, वस्त्र दान और जरुरत अनुसार चीजें दान करनी चाहिए। दान करने से आपके घर में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है, बल्कि उसका दोगुना आपको प्राप्त होता है। आइए जानते हैं परमा एकादशी व्रत का महत्व और परमा एकादशी व्रत मुहूर्त के बारे में।
परमा एकादशी 2023 समय और तिथि
परमा एकादशी व्रत 12 अगस्त 2023 को शनिवार के दिन रखा जाएगा। परमा एकादशी व्रत की शुरुआत 11 अगस्त 2023 से सुबह 05 बजकर 06 मिनट पर होगी।
पारण समय शुभ मुहूर्त
13 अगस्त 2023 को सुबह 5 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। यह कुल समय अवधि 2 घंटे 38 मिनट की रहेगी। इस दौरान आप अपना व्रत पारण करें।
परमा एकादशी 2023 पूजा विधि
- परमा एकादशी पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। सुबह उठने के पश्चात स्नान आदि करें और सुंदर वस्त्र धारण करें। पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है। अतः पीले रंग के वस्त्र ही पहनने चाहिए।
- घर में साफ सफाई करके उगते हुए सूर्य को ॐ सूर्यदेव नमः मंत्र बोलकर जल अर्पित करें और कुछ देर तक सूर्य दर्शन करें।
- इस दिन पितरों का श्राद्ध भी किया जाता है तो इसके पश्चात अपने घर की विधि अनुसार अपने पितरों का श्राद्ध करें।
- अब एक साफ स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और उनके ऊपर और आस- पास गंगाजल छिड़के। गंगाजल छिड़कने से शुद्धि होती है। अब भगवान विष्णु को गंगा जल और दूध या पंचामृत बनाकर उससे स्नान करवाएं।
- अब हाथ में गंगा जल लेकर पूरी श्रद्धा और निष्ठा के साथ व्रत करने का अपने मन में संकल्प लें और भगवान विष्णु के बारे में विचार करते रहें।
- अब भगवान विष्णु के श्री चरणों में गुलाब, कमल, गेंदा और किसी भी प्रकार के महकते पीले रंग के फूलों को अर्पित करें। विभिन्न प्रकार के फल भी अर्पित करें। अब शुद्ध गाय के घी में दीपक प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
- धूप, दीप प्रज्वलित करने के पश्चात पूजा की थाली में रखकर भगवान विष्णु की आरती गाएं और करें। साथ ही घंटी भी बजाये। घंटी की आवाज़ से नकारात्मकता दूर होती है।
- आरती सम्पूर्ण हो जाने के बाद परमा एकादशी की कथा सुने या पढ़ें। विष्णु कवच का पाठ भी करें। और 108 विष्णु मंत्रों का जाप करें।
- अब पूजा पूर्ण होने के पश्चात पंचामृत का प्रसाद सब भक्तों में वितरित करें और खुद में ग्रहण करें। भगवान को अर्पित किये गए फलों को गाय को खिला कर थोड़े गरीब लोगों में बांट दें।
- पुरे दिन निर्जला या फलों पर व्रत करें और शाम के समय श्री हरि का जागरण या कीर्तन कराएं। कीर्तन और जागरण के पश्चात भी प्रसाद अवश्य बाटें।
- व्रत के पश्चात अपना व्रत पारण करने से पहले सात या नौ ब्रह्माण्डों को भोजन ग्रहण कराएं और दान- दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद ही आपको भोजन ग्रहण करना है।
परमा एकादशी व्रत का महत्व
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार परमा एकादशी व्रत विधि अनुसार करने से जातक को एक नहीं बल्कि अनेकों लाभ प्राप्त होते हैं। हिन्दू धर्म में रखा जाने वाला परमा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु का अति प्रिय माना जाता है। यह व्रत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अधिक मास में आता है और अधिक मास में आने के कारण यह 3 साल में एक बार ही आता है। जो भी व्यक्ति परमा एकादशी व्रत विधि अनुसार और सही तरीके से करता है भगवान विष्णु उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं। इस व्रत को करने से परिवार में सुख- शांति बनी रहती है। किसी भी प्रकार का बड़े से बड़ा पाप भी इस व्रत को करने से खत्म हो जाता है। सभी दुःख खत्म हो जाते हैं और कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। साथ ही परमा एकादशी पर दान करने का अधिक महत्व बताया गया है। आप अपनी राशि के अनुसार भी दान कर सकते हैं। इस व्रत पर दान करने से आपको विशेष लाभ प्राप्त होगा।
परमा एकादशी पर राशि अनुसार करें दान
परमा एकादशी के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। आपको अपनी हैसियत के अनुसार दान करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार परमा एकादशी पर यह बताया गया है कि, आप अपनी राशि के अनुसार भी दान कर सकते हैं। राशि के अनुसार दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं, परमा एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार क्या दान किया जा सकता है।
1. मेष राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मेष राशि का स्वामी ग्रह मंगल ग्रह को बताया जाता है अतः मंगल राशि का इस दिन दान करना इसे मंगल ग्रह के दोष से मुक्त करता है। इस राशि को लाल रंग के वस्त्र और तांबे के बर्तन दान करने से लाभ मिल सकता है।
2. वृषभ राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार वृषभ राशि का स्वामी ग्रह स्वामी ग्रह शुक्र ग्रह माना जाता है। इस राशि को परमा एकादशी के शुक्र दोष से मुक्ति पाने के लिए घी, तेल, काले रंग के वस्त्रों को दान करने से लाभ प्राप्त हो सकता है।
3. मिथुन राशि
ज्योतिष शास्त्र में मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध को माना जाता है। मिथुन राशि वालों को इस दिन फल, घी, धन और हरे रंग के वस्त्रों का दान करने से लाभ प्राप्त होता है। और सभी दोषों से मुक्ति मिल सकती है।
4. कर्क राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मिथुन राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। कर्क राशि के जातकों को इस दिन सफ़ेद रंग के वस्र, सुद्ध गाय का घी, धन और दूध का दान करने से शुभ फल प्राप्त हो सकता है।
5. सिंह राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य ग्रह को बताया जाता है। सिंह राशि वाले व्यक्तियों को इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र, गाय का दूध, गाय, चांदी और अन्न का दान करना चाहिए। इससे लाभ होता है।
6. कन्या राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध ग्रह को माना जाता है। कन्या राशि वालों को परमा एकादशी के दिन हरे रंग के वस्त्र, धन, फल और अनाज का दान करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
7. तुला राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र ग्रह को बताया जाता है। तुला राशि को परमा एकादशी के दिन सफ़ेद और काले रंग के वस्त्र, घी, तेल, फल और धन का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको लाभ प्राप्त होगा।
8. वृश्चिक राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल ग्रह को बताया गया है। वृश्चिक राशि वाले जातकों को परमा एकादशी के दिन लाल रंग के वस्त्र, केसर और फलों का दान करने से लाभ प्राप्त होता है और सौभाग्य खुलता है।
9. धनु राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार धनु राशि का स्वामी ग्रह गुरु ग्रह बृहस्पति को माना जाता है। धनु राशि के लोगों को पीले रंग के वस्त्र, किसी पढ़ने वाले को धार्मिक किताबें, मिठाई और अन्न का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको अधिक लाभ होगा और जीवन में तरक्की होगी।
10. मकर राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि ग्रह को माना जाता है। मकर राशि को परमा एकादशी के दिन काले और नीले रंग के वस्त्र, सरसों का तेल, काले और सफ़ेद तिल और जूते चपल्लों को दान करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु और शनि की कृपा बनेगी साथ ही शनि दोष भी दूर होगा।
11. कुम्भ राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार कुम्भ राशि का स्वामी ग्रह भी शनि ग्रह को ही माना जाता है। कुम्भ राशि वाले लोगों को इस दिन नीले और काले वस्त्र, सरसों का तेल, तिल का दान करना चाहिए,साथ ही गरीबों में मिठाई का दान भी कर सकते हैं। ऐसा करने से लाभ प्राप्त होता है।
12. मीन राशि
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु बृहस्पति गुरु को माना जाता है। इस राशि वाले व्यक्ति को परमा एकादशी के दिन पीले वस्त्र, किताब, पीले फल दान करने चाहिए। ऐसा करना इस राशि को शुभता प्राप्त कराता है।
परमा एकादशी व्रत कथा
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के आग्रह पर परमा एकादशी व्रत कथा सुनाई है। एक नगर में एक निर्धन ब्राह्मण सुमेधा अपनी पत्नी के साथ रहता था। दोनों पति पत्नी बहुत दयालु और अच्छे स्वभाव के थे उनके पास कुछ नहीं था, लेकिन फिर भी वे किसी को अपने घर से खाली हाथ नहीं भेजते थे। जब अधिक निर्धनता हो गयी तो सुमेधा ने विदेश जाने की योजना बनाई और अपनी पत्नी को बताया कि विदेश से धन कमा कर में अच्छे से अपने परिवार का लालन पालन कर सकूँगा। लेकिन सुमेधा की पत्नी ने कहा कि यह सब सौभगाय पर निर्भर करता है। आप कहीं भी जाओ ऐसे ही रहोगे जब तक सौभाग्य नहीं बदलता। अब सुमेधा ने विदेश जाना त्याग दिया।
एक दिन उनके घर कौंडिल्य ऋषि पधारे। ऋषि दोनों की सेवा भाव से प्रसन्न हुए और वरदान मांगने को कहा। दोनों ने अपनी निर्धनता दूर करने का उपाय पूछा। तब ऋषि ने विधि अनुसार परमा एकादशी व्रत करने को कहा। दोनों ने मिलकर व्रत किया और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से निर्धनता समाप्त हो गयी।
परमा एकादशी व्रत पर क्या करें और क्या न करें?
- परमा एकादशी व्रत पर दान करने का विशेष महत्व है। इस व्रत पर आप अपनी राशि के अनुसार दान कर सकते हैं।
- भगवान विष्णु की पूजा करें और पुरे दिन अपने मन में विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें।
- इस व्रत को निर्जला करें यदि नहीं कर सकते हैं तो फलाहार ले सकते हैं और पानी पी सकते हैं।
- यदि आप व्रत नहीं कर सकते और व्रत जैसा लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, तो सच्चे मन से और अपने भावों को शुद्ध करके बिना किसी चीज की इच्छा किया गरीबों को कपड़ा, भोजन और जरूरत की चीजें दान करें।
- अगले दिन व्रत पारण से पहले ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अपने हाथ से ही थाली में परोसे। इसके बाद व्रत पारण करें।
इस दिन मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें व्रत में इसे देखना भी पाप होता है। - व्रत में एक दिन पहले से ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसका भारी पाप आपको लगता है।
- अपने मन में और दिमाग में भी गंदे विचार या किसी के प्रति नफरत न लेकर आएं। ऐसा करने से आपका व्रत सफल नहीं होगा।
- अन्न न ग्रहण न करें, अन्न ग्रहण करेंगे तो वह व्रत नहीं माना जाता है। सच्चे मन से और सच्ची भावनाओं के साथ व्रत पूर्ण करें।
- पुस्तकों का दान उस व्यक्ति को न करे जो पढ़ना नहीं चाहता या धर्मिकता में विश्वास नहीं रखता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. परमा एकादशी व्रत कब है?
2. परमा एकादशी पर किसकी पूजा की जाती है?
3. परमा एकादशी क्यों ख़ास है?
4. परमा एकादशी पर क्या करने से अधिक लाभ मिलता है?
5. परमा एकादशी व्रत पर क्या खाना चाहिए?
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