अपरा एकादशी क्या है?
अपरा एकादशी ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष में मनाई जाती है। अपरा एकादशी को अचला एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से आपके ऊपर विष्णु जी और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। अपरा एकादशी व्रत करने से धन और कृति की प्राप्ति होती है। अपरा एकादशी का मतलब है एक ऐसी एकादशी जो पुण्य का भंडार हो। इस दिन अपरा एकादशी की व्रत कथा पढ़ी जाती है और सुनी भी जाती है। कहते हैं ऐसा करने से पापों का नाश होता है।
अपरा एकादशी 2022 तिथि और समय-
अपरा एकादशी 2022 में 25 मई दिन बुधवार को मनायी जायेगी। अपरा एकादशी के आरंभ होने का शुभ समय 25 मई को सुबह 10 बजकर 32 मिनट है। समाप्त होने का शुभ समय 26 मई दिन गुरुवार कोसुबह 10 बजकर 54 मिनट है। अपरा एकादशी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा।
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अपरा एकादशी 2022 के पूजन का शुभ मुहूर्त-
अपरा एकादशी को बहुत ही शुभ माना जाता है। 2022 की अपरा एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। इस योग में पूजा करना हमारे लिए लाभकारी होता है। 25 मई अपरा एकादशी वाले दिन सुबह 10 बजकर 15 मिनट तक आयुष्मान योग रहेगा। फिर उसके बाद सिद्धि योग बनेगा। इस योग में किये गए सभी कार्य अच्छा परिणाम देते हैं।
अपरा एकादशी का महत्व-
अपरा एकादशी को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है श्री कृष्ण ने बताया था कि ज्येष्ठ एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं। अगर अपरा एकादशी के व्रत को कोई रखता है तो उसे कभी धन की कमी नहीं होती है। उसका नाम सदैव ऊंचा होता है। समाज में मान सम्मान बढ़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जब हम अपने पितरों का पिंडदान करते हैं। इस पिंडदान से जो फल मिलता है। वह फल अपरा एकादशी के व्रत से हमें मिलता है। पुराणों में अपरा एकादशी का महत्व बहुत अधिक है।
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