ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार मनुष्यों का सारा जीवन उनकी कुंडली के द्वारा बताया जाता है। जब बच्चा जन्म लेता है तो उसके जन्म स्थान, जन्म का समय और भी बहुत कुछ जानकर कुंडली बनाई जाती है जिसमें उसके जीवन का पूरा लेखा जोखा मौजूद रहता है। जातक की कुंडली में बहुत सारे योग होते हैं जिनमें कुछ बुरे एवं कुछ अच्छे योग होते हैं। जो योग अच्छे होते हैं वह जातक को सफलता दिलाते हैं परन्तु यदि बीच में किसी बुरे योग की दृष्टि जातक पर पड़ जाती है तो उसका जीवन एक मिनट में ऊपर से नीचे आ सकता है।
क्या आप जानते हैं कि कुंडली में दरिद्र दोष क्या है? सभी योगों में से किसी- किसी जातक की कुंडली में एक योग बनता है दरिद्र योग। यदि कुंडली में दरिद्र योग लग जाए तो उसका बना बनाया जीवन खराब हो जाता है। दरिद्र योग से जातक कंगाल हो जाता है। जातक की कुंडली में दरिद्र योग या तो उसके बचपन से ही रहता है या उसकी ज़िन्दगी में किसी भी समय लग जाता है। यह सब ग्रहों दशा की चाल के कारण होता है।
कब होता है, दरिद्र योग निर्माण
जातक की कुंडली में जब दरिद्र योग निर्माण होता है तब उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस योग में जातक कंगाल बनने लगता है जिस वजह से चोरी, डकैती, लूटपाट जैसे कार्य करता है। दरिद्रता बढ़ने की वजह से जातक निर्दयी होने लगता है और धन के लिए वह सबका नुकशान करने को तैयार रहता है। जातक की कुंडली में दरिद्र योग निर्माण उस समय होता है जिस समय कोई शुभ ग्रह किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि में आ जाता है। दरिद्र योग कैसे बनता है और दरिद्रयोग के उपाय जानने के लिए पढ़ना जारी रखें।
दरिद्र योग कैसे बनता है?
कुंडली में दरिद्र योग होने की वजह से जातक को बहुत हानि उठानी पड़ती है। वह अत्यधिक मेहनत करने के पश्चात भी धनी नहीं हो पाता है तो आइए जानते हैं दरिद्र योग कैसे बनता है? और दरिद्र दोष क्या है ?
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ग्रहों का टकराव
जब जातक की कुंडली में कोई 2 अच्छे और बुरे ग्रह एक दूसरे से टकरा जाते हैं तो बुरे ग्रह की दृष्टि शुभ ग्रह पर पड़ जाती है जिस वजह से जातक की कुंडली में दरिद्र दोष लगता है।
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11वें घर का स्वामी
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली के 11वें घर का स्वामी यदि 6, 8 और 12 घर में प्रवेश करता है तो उस दौरान जातक की कुंडली में दरिद्र योग का निर्माण होता है। इस योग के बनने से जातक कंगाल होने की स्थिति में चला जाता है भले ही इस योग से पहले उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी अवस्था में हो।
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पाप ग्रहों का केंद्र में होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु यह सब पाप ग्रह कुंडली के केंद्र में प्रवेश करें और धनेश नीच स्थिति में और लग्न निर्बल अवस्था में मौजूद हो तो यह दरिद्र योग कहलाता है। इस योग से निकलना मुश्किल हो पाता है परन्तु निकाला जा सकता है।
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नीच ग्रहों का धन भाव में स्थित होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जातक की कुंडली में नीच ग्रहों का धन भाव में स्थित होना और शुभ ग्रहों का केंद्र में मौजूद होना, जातक के लिए यह योग नाश की निशानी साबित होता है। इसके बनने से वह तेजी से गरीबी की ओर जाने लगता है। यह बहुत खतरनाक योग होता है।
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धन गुरु से निचले साथ पर नीच ग्रह का होना
जातक की कुंडली में यदि धन गुरु से निचले स्थान पर कोई नीच ग्रह दूसरे, चौथे और पांचवें में प्रवेश कर जाता है तो जातक के लिए यह योग अशुभ होता है यह योग उसकी दरिद्रता का कारण होता है।
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चन्द्रमा का चौथे स्थान पर होना
यदि जातक की कुंडली में चन्द्रमा ग्रह चौथे स्थान पर है और उसके नीचे सूर्य, मंगल, शनि, राहु और केतु बैठे हैं तो यह योग जातक की कुंडली में दरिद्र योग उत्पन्न करता है।
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धन स्वामी का त्रिक भाव में होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार धन स्वामी यदि त्रिक भाव में प्रवेश करें और किसी पाप ग्रह से टकरा जाएँ तो इस स्थिति में जातक आर्थिक तंगी का शिकार होने लगता है और धीरे धीरे वह कंगाल हो जाता है।
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धन गुरु का जातक की राशि में न होना
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि जातक की कुंडली में धन गुरु छठे घर और 12 घर में बैठा हो परन्तु जातक की राशि में प्रवेश न कर रहा हो तो इस योग की वजह से जातक की कुंडली में दरिद्र योग बनता है।
कुंडली में दरिद्र योग का क्या उपाय है
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में दरिद्र योग बनता है तो समय रहते ही दरिद्र योग के उपाय करने चाहिए। इससे यह योग बनने से पहले ही खत्म हो जाता है। आइये जानते कुंडली में दरिद्र योग का क्या उपाय है।
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माँ लक्ष्मी का पूजा
यदि आपकी कुंडली में दरिद्र योग बन रहा है तो आपको सुबह जल्दी उठकर धन की देवी माता लक्ष्मी के आगे धूपबत्ती और गाय के घी की ज्योत जलानी चाहिए और प्रतिदिन पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके घर का आर्थिक संकट दूर होता है और जीवन में तरक्की होती है।
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मंगलवार के दिन गरीबों में दान करें
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि जातक को अपनी कुंडली से दरिद्र योग खत्म करना है तो मंगलवार के दिन हनुमान भगवान के मंदिर जाकर उनके चरणों में मिठाई, कुमकुम, केले और दूसरे फलों को अर्पित करें। इसके बाद बचे हुए मिठाई और प्रसाद को गरीबों को दान कर दें। ज्यादा से ज्यादा दान करने से कुंडली से दरिद्र योग हट जाता है।
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माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा
शुक्रवार के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का एक साथ पूजन करें, और उनसे घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने की प्रार्थना करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु मनोवांछित फल प्रदान करते है।
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शाम को दीपक जलाएं
रोज शाम के समय पूजा घर में गाय के घी का दीपक जला कर हनुमान चालीसा और माता लक्ष्मी की आरती करें इसके साथ ही विष्णु कवच का पाठ करें। ऐसा करने से विष्णु भगवान प्रसन्न होंगे और माता लक्ष्मी घर की द्ररिदता को दूर करेंगी।
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लक्ष्मी माता का हवन कराएं
यदि जातक को अपनी कुंडली से दरिद्र योग खत्म करना है, तो लक्ष्मी माता के नाम का एक हवन कराएं और ऊँ ह्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा: इस मंत्र को बोलकर 108 बार हवन में आहुति दें। इस मंत्र की आहुति माता लक्ष्मी को अर्पित होती हैं जिससे धन की समस्या दूर होती है। साथ के साथ कुबेर जी का भी ध्यान करें।
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घर में तुलसी का पौधा लगाएं
अपने घर के अंदर उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और सूर्योदय से पहले उसमें जल अर्पित करें शाम के समय तुलसी के पास एक शुद्ध गाय के घी का दीपक जलाएं। यह उपाय करने से जातक की कुंडली से दरिद्रता दूर होगी और आर्थिक संकट कभी नहीं आएगा।
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कुबेर यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को करें स्थापित
यदि आप कोई नया व्यापार शुरू करने जा रहे हैं या आपको व्यापार में करने में आर्थिक संकट आ रहा है, तो आपको अपने व्यापार शुरू करने से पहले कुबेर यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करना चाहिए। कुबेर यंत्र और लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करने से व्यापार हो घर में धन की कमी दूर होती है और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है।
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अन्न दान
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि हफ्ते में एक दिन गरीबों को अन्न दान किया जाये तो लक्ष्मी माता प्रसन्न होती हैं और जातक के घर को धन से भर देती हैं। ऐसा करने से जातक के घर में कोई आर्थिक संकट नहीं आता है।
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लक्ष्मी माता को भोग लगाएं
शुक्रवार के दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्य को जल देकर लक्ष्मी माता का पूजन करना चाहिए और इस दौरान मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात इन सभी चीज़ों का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से जातक की कुंडली में धन योग बनता है और दरिद्र योग खत्म होता है।
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गणेश भगवान पुष्प अर्पित करें
सुबह जल्दी उठें और गणेश भगवान के मंदिर जाकर गणेश जी के चरणों पर पुष्प, मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। शाम के समय घर में ही गणेश भगवान की आरती करने से जातक की कुंडली से दरिद्र योग हट जाता है। यह दरिद्र योग के उपाय में सबसे अच्छा उपाय है।
दरिद्र योग को कुंडली में शक्तिशाली योग में कैसे बदलें
- हमेशा अपने माता पिता को सुबह उठकर प्रणाम करें और उनकी हमेशा इज्जत करें। उनकी सभी बातें सुनें।
- अपने जीवन साथी पर भरोसा करें उसकी इज्जत करें और उससे प्यार करें कभी अपनी धर्मपत्नी का अपमान न करें क्योंकि वह घर की लक्ष्मी होती हैं।
- अपने हाथ सीधे हाथ की उंगली में 3 धातु का छल्ला पहन कर रखने से कुंडली में शक्तिशाली योग बनता है और दरिद्र योग खत्म होता है।
- कुंडली में शनि ग्रह की गलत दृष्टि जातक पर पड़ने से भी दरिद्र योग बनता है इसलिए हर शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों तेल का दीपक जलाएं
- दरिद्र योग को कुंडली में शक्तिशाली योग में बदलने के लिए जातक को सुबह उठकर सूर्य को जल देने के बाद गजेंद्र मोक्ष का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में शक्तिशाली योग बनते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:-
1. दरिद्र योग क्यों बनता है?
2. कुंडली से दरिद्र योग दूर करने का सबसे सरल उपाय कौन सा है?
3. क्या कुंडली में शनि दोष होने से भी दरिद्र योग बनता है?
4. क्या गरीबों में अन्न दान से दरिद्र दोष दूर होता है?
5. क्या दरिद्र योग जातक की कुंडली में बचपन से ही होता है?
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जन्म कुंडली से दरिद्र योग दूर करने के और उपाय पूछने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें।