नंबरों का हर मनुष्य के जीवन में बड़ा महत्व होता है। फिर चाहे वह बच्चा हो, व्यस्क हो या वृद्ध हो। सबके जीवन में नंबरों का खेल प्रतिदिन चलता रहता है। ऐसे ही कई उदाहरण हम अपने दैनिक जीवन में पाते है। जैसे 0.5 अंक कम आने से भी विद्यार्थी सरकारी नौकरी पाने में चूक जाता है। जो उसकी पूरी साल की मेहनत पर पानी फेरने के लिए काफी होती है। अंकशास्त्र के अनुसार व्यक्ति की जन्म तिथि इसमें बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। क्योंकि किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व उसकी जन्मतिथि से ही निर्धारित होता है। किसी व्यक्ति के लिए उसकी जन्मतिथि के अनुसार शुभ धातु धारण करना एक गोपनीय किरदार अदा करता है।
ज्योतिषी से जानिए कि जन्म तिथि के अनुसार शुभ धातु धारण करना किस तरह है लाभकारी-
अंकशास्त्र में कुल 1 से लेकर 9 अंकों की संख्या का वर्णन मिलता है। जिनका संबंध हमारे सौरमंडल के 9 ग्रहों से है। हर अंक किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। आइए जानते है जन्मतिथि के अनुसार पत्थर धारण करने के लाभ-
मूलांक 1-
1, 10, 19 और 29 की तिथि को जन्मे जातक का मूलांक 1 होता है। मूलांक 1 का स्वामी ग्रह सूर्य है। जो तेज और पराक्रम का प्रदर्शन करता है। इसलिए मूलांक 1 के जातक को ज्योतिषी पुखराज और पीला, हरा कहरुआ पहनने की सलाह देते है। जो मूलांक 1 के लिए ज्योतिष शास्त्र में बहुत ही शुभ माना गया है।
मूलांक 2-
2, 11, 20 और 29 तारीख को जन्मे जातकों का मूलांक 2 होता है। इनके लिए मोती रत्न को शुभ माना जाता है। मोती का संबंध चंद्रमा से है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। मोती रत्न धारण करने से व्यक्ति में चंद्रमा जैसी शीतलता आती है और व्यक्ति का अपने गुस्से पर काबू रहता है। इसके अलावा मूलांक 2 के लिए मोती रत्न सहनशीलता और प्रेम भाव को भी दर्शाता है।
मूलांक 3-
3, 12, 21 और 30 तारीख को जन्मे जातक का मूलांक होता है 3। वैसे तो कई हिंदू मान्यताओं के अनुसार 3 के आंकड़े को बहुत अशुभ बताया गया है। लेकिन मूलांक 3 पर बृहस्पति का आधिपत्य होने के कारण। कई हिंदू मान्यताओं में इसे शुभ भी माना जाता है। पुखराज रत्न को अंकशास्त्र में मूलांक 3 के लिए बहुत भाग्यशाली माना गया है। ज्योतिषी मूलांक 3 के व्यक्तियों को दाएं हाथ की तर्जनी अंगुली में पुखराज रत्न धारण करने की सलाह देते है।
मूलांक 4-
4,13, 22 और 31 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 4 होता है। इनके लिए भाग्यशाली धातु नीलम है। लेकिन नीलम बहुत महंगा होता है। जिसे निम्न आय वाले नहीं खरीद सकते। इसलिए अंक शास्त्र में इनके लिए नीलम का उपधातु, गोमेद और पंचधातु धारण करने की राय दी जाती है।
मूलांक 5-
5, 14 और 23 की तिथि को जन्मे लोगों का मूलांक 5 होता है। बुध स्वामी ग्रह है और इनका भाग्यशाली धातु पन्ना है। बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। जो आईटी, कम्युनिकेशन आदि क्षेत्र में लगे लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
मूलांक 6-
6, 15 और 24 की जन्म संख्या 6 होती है। भौतिक सुखों से युक्त शुक्र ग्रह को इनका स्वामी ग्रह माना जाता है। जो व्यक्ति की कुंडली में शुभ योग का निर्माण करता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार संख्या 6 की जन्म तिथि के अनुसार शुभ पत्थर हीरा है।
मूलांक 7-
7, 16 और 25 को जन्मे लोगों की जन्म संख्या 7 होती है। लहसुनिया इनके लिए भाग्यशाली धातु साबित होता है। जो एक पवित्र, पारदर्शी, चमत्कारी और अद्भुत चरित्र का निर्माण करता है।
मूलांक 8-
8, 17 और 26 को जन्मे लोगों की जन्म संख्या 8 होती है। जन्म संख्या 8 का स्वामी ग्रह शनि है। इनकी कुंडली में शनि की स्थिति होने के कारण नीलम धातु को इनके लिए बहुत लाभकारी माना जाता है।
मूलांक 9-
9, 18 और 27 तारीख को जन्मे लोगों का मूलांक 9 होता है। मूंगा उनका भाग्यशाली रत्न है। जो आत्मनिर्भरता, निडरता, मेहनत और संघर्ष का प्रतिनिधित्व करता है।
राशि के अनुसार जाने कौन सी धातु है किस राशि के लिए शुभ-
कोई भी व्यक्ति अपनी अनेकों समस्याओं को दूर करने के लिए अपनी राशि के अनुसार धातु धारण करता है। जैसे पारिवारिक समस्या, आर्थिक समस्या या ग्रहों की दशा को सुधारना हो आदि। आइए जानते है कौन सी राशि को कौन सा धातु करना होता है शुभ।
मेष राशि-
अग्नि तत्व होने के कारण मेष राशि वालों के लिए शुभ धातु तांबा होता है। रत्न शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र में भी तांबे को मेष राशि वालों के लिए शुभ धातु माना गया है।
वृषभ राशि-
ज्योतिष शास्त्र में चांदी धातु को वृष राशि वालों के लिए बहुत लाभकारी बताया गया है। क्योंकि चांदी का संबंध चंद्रमा से है। जिसे शीतलता, धैर्य आदि कारकों का प्रतीक माना जाता है। जो वृष राशि वाले जातकों में भी अपने जैसे गुणों का निर्माण करता है।
मिथुन राशि-
कांस्य धातु है मिथुन राशि के लिए शुभ। कांस्य शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। जो जातक के जीवन में सुख और समृद्धि लेकर आता है।
कर्क राशि-
चांदी, पीतल और सोने से बनी धातु कर्क राशि के लिए सौभाग्य लेकर आती है। अगर सोमवार के दिन जातक इन धातुओं को धारण करता है। तो यह और भी अधिक लाभकारी हो जाती है।
सिंह राशि-
सिंह राशि के लोगों को सोने और पीतल से बनी धातु पहननी चाहिए। यह धातुएं बृहस्पति की प्रिय धातुएं मानी जाती है।
कन्या राशि-
कन्या राशि वालों को भी चांदी और सोने से बनी धातुओं का चयन करना चाहिए। जो इनकी किस्मत को चांदी और सोने की तरह चमकाने का काम करती है।
तुला राशि-
चांदी धातु से बने रत्न तुला राशि के लिए सबसे अच्छे रत्न साबित होते है।
वृश्चिक राशि-
वृश्चिक जिसे बिच्छू राशि भी बोला जाता है। इन राशि के जातकों के लिए चांदी या तांबे की धातु धारण करने की सलाह दी जाती है।
धनु राशि-
धनु राशि जिसे ज्योतिष शास्त्र में धन राशि भी कहा जाता है। क्योंकि इस राशि के जातक जन्म से ही धनवान होते है। इनके भाग्य को और अधिक संवारने के लिए उन्हें पीतल के धातु धारण करने की सलाह दी जाती है।
मकर राशि-
लोहा मकर राशि वालों के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जो शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है।
कुंभ राशि-
अष्टधातु से बनी धातुएं कुंभ राशि वालों के लिए सबसे उपयुक्त होती है। जिसमें लोहा, चांदी, सोना, पीतल आदि धातुओं का मिश्रण होता है।
मीन राशि-
सोने की धातु से बनी अंगूठी धारण करना मीन राशि वालों के लिए बेहद शुभ परिणाम लेकर आता है। जो इनके जीवन में सफलता के योग बनाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. रत्न शास्त्र से आप क्या समझते है?
2. कौन सा रत्न धन प्राप्ति के लिए धारण किया जाता है?
3. कौन सा रत्न है भाग्य के लिए श्रेष्ठ?
4. मई माह में जन्मे जातक कैसे होते है?
5. पुखराज रत्न की मुख्य राशियों के बारे में बताइए?
6. जन्मतिथि के अनुसार पत्थर धारण करने से क्या होता है?
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