Get App
FestivalsHindiHindu CulturePuja Vidhi

वैभव लक्ष्मी व्रत 2023: जानें पूजा विधि, महत्व और व्रत-अनुष्ठान

By January 16, 2023December 5th, 2023No Comments
Vaibhav Laxmi Vrat

हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है। मान्यता है कि आर्थिक तंगी दूर करने के लिए माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहिये। उनकी कृपा और आशीर्वाद से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।

जानें वैभव लक्ष्मी व्रत के बारे में

माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए वैभव लक्ष्मी का व्रत करना चाहिए। यह व्रत अत्यंत ही शुभ फलदायी माना जाता है। इस व्रत के नियम कठोर होते हैं परंतु पूरी श्रद्धा से उनका पालन करने पर देवी लक्ष्मी से धन और वैभव का वरदान मिलता है।
तो आइए जानते हैं इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषों से वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि और वैभव लक्ष्मी व्रत का लाभ।

Mata Laxmi

वैभव लक्ष्मी व्रत का लाभ

  • जो साधक इस व्रत को करते हैं, उनके जीवन में जल्द ही सुख-समृद्धि का आगमन हो जाता है।
  • माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा करने से जातक को हर क्षेत्र के सफलता मिलती है।
  • इस व्रत के प्रभाव से साधकों को कारोबार अथवा नौकरी में खूब तरक्की मिलती है। आय के नये स्रोत भी बनते हैं।
  • इस व्रत के लाभ से स्त्रियों के सुहाग की रक्षा होती है। महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता लक्ष्मी से वरदान माँगती है।

शुक्रवार के दिन करें यह व्रत

सर्वप्रथम यह जानना आव्यशक है कि मां वैभव लक्ष्मी का व्रत किस दिन करना होता है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार इस व्रत को शुक्रवार के दिन करना चाहिए। यह दिन सबसे शुभ माना गया है। लगातार 11 या 21 शुक्रवार तक यह व्रत विधिपूर्वक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। और अपनी कृपा बरसाती हैं।

Friday

कैसे करें वैभव लक्ष्मी व्रत ?

वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि इस प्रकार है।

  • हर शुक्रवार को सुबह स्नान करें और धुले वस्त्र पहनें।
  • घर के पूजाघर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं। पूर्व दिशा में मुख करके माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। रोली, चावल, फल-मिठाई और लाल फूल अर्पित करें।
  • माता जी को शृंगार की वस्तुएँ भी चढ़ायें। इसके बाद माँ वैभव लक्ष्मी कथा का पाठ करें।
  • पूरे दिन उपवास रखें। इस दिन केवल फलाहार का सेवन करें। अन्य व्रतों की तरह इस व्रत में भी अन्न का सेवन वर्जित है।
  • शाम के समय एक फिर से माता लक्ष्मी जा ध्यान करें और फिर व्रत खोल ले। इसके बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं।

वैभव लक्ष्मी व्रत कथा

एक शहर में कई लोग रहते थे जो अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते थे। कोई किसी की परवाह नहीं करत था। शहर में बुराइयां बढ़ गई थीं, और लोग ईश्वर को यद् करना भूल गए थे। शराब, जुआ, चोरी-डकैती आदि बुरे कर्म पूरे शहर में फैले हुए थे।
उसी शहर में शीला और उसके पति रहते थे। शीला धार्मिक प्रवृत्ति की और निर्मल स्वभाव वाली थी। उसका पति भी सुशील व संस्कारी था। वे दोनों कभी किसी की बुराई नहीं करते थे और अपना समय ईश्वर के ध्यान में ही व्यतीत करते थे।

परन्तु देखते ही देखते समय बदल गया। शीला का पति बुरी संगत में फंस गया। वह जल्द से जल्द पैसा कमाने के ख्वाब देखने लगा। और गलत रास्ते पर चल पड़ा। उसकी हालत भिखारी जैसी हो गई थी। वह शराब, जुआ, चरस-गांजा आदि बुरी आदतों में लीन हो गया। शीला अपने पति के बर्ताव से बहुत दुखी हुई, परन्तु उसे भगवान पर भरोसा था।

एक दिन अचानक उनके द्वार पर किसी ने दस्तक दी। शीला ने देखा कि एक मांजी खड़ी थी। उसकी आंखों से मानो अमृत बह रहा था। उसका भव्य चेहरा करुणा और प्यार से परिपूर्ण था। उसको देखते ही शीला के रोम-रोम में आनंद छा गया। शीला उसे घर में ले आई।
मांजी बोलीं- शीला! मुझे पहचाना नहीं? मैं हर शुक्रवार को भजन-कीर्तन के समय लक्ष्मीजी के मंदिर में आती हूं।’ फिर मांजी बोलीं- ‘तुम बहुत दिनों से मंदिर नहीं आईं इसलिए मैं तुम्हें देखने चली आई।’ मांजी के प्रेम भरे शब्दों से शीला की आंखों में आंसू आ गए और वह बिलख-बिलखकर रोने लगी।

मांजी ने कहा- ‘धैर्य रखो बेटी! मुझे तेरी सारी परेशानी बता।’ तब शीला ने मांजी को अपनी सारी कहानी कह सुनाई। कहानी सुनकर मांजी ने कहा ‘बेटी तु मां लक्ष्मीजी की भक्त है। मां लक्ष्मीजी अपने भक्तों पर हमेशा ममता रखती हैं। इसलिए तू मां लक्ष्मी जी का व्रत कर। इससे सब ठीक हो जाएगा।’ फिर मांजी ने शीला को व्रत की पूरी विधि बताई। मांजी ने कहा- ‘यह व्रत करने वाले की सब मनोकामना पूरी होती है। ‘
शीला यह सुनकर खुश हो गई। दूसरे ही दिन शुक्रवार था। तब शीला ने मांजी द्वारा बताई गई विधि से माँ लक्ष्मी का व्रत किया। उसने पूजा का प्रसाद सबसे पहले अपने पति को खिलाया। प्रसाद खाते ही उसके स्वभाव में फर्क दिखने लगा।

तब शीला के मन में ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ के लिए श्रद्धा बढ़ गई। उसने पूरी श्रद्धा-भक्ति से इक्कीस शुक्रवार तक ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ किया। फिर इक्कीसवें शुक्रवार को उद्यापन विधि कर के सात महिलाओं को ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ की पुस्तकें भेंट दीं। माँ लक्ष्मी के इस व्रत के प्रभाव से शीला का पति अच्छा आदमी बन गया। और कड़ी मेहनत करके व्यापार करने लगा। घर में धन की वृद्धि होने लगी और पहले जैसी सुख-शांति छा गई। ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ का प्रभाव देखकर अन्य स्त्रियां भी ‘वैभवलक्ष्मी व्रत’ करने लगीं।

Mata Laxmi

वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम

  • माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस व्रत
  • के नियमों को जानना आव्यशक है। व्रत का पूर्ण लाभ पाने के लिए इन नियमों का पकान करें।
  • शुक्रवार के दिन सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
  • वैभव लक्ष्मी व्रत में किसी भी प्रकार की खट्टी चीजें ख़ाना वर्जित होता है।
  • मां वैभव लक्ष्मी के व्रत के दौरान श्रीयंत्र की पूजा अवश्य करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा क्यों करनी चाहिए ?

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए माँ वैभव लक्ष्मी की पूजा करना चाहिये। उनकी कृपा और आशीर्वाद से घर में कभी धन की कमी नहीं होती। इनकी पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

2. कैसे करें वैभव लक्ष्मी व्रत ?

वैभव लक्ष्मी व्रत पूजा विधि – शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करें और घर के पूजाघर में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। उनकी विधि-विधान से पूजा करें। माता जी को शृंगार की वस्तुएँ चढ़ायें। इसके बाद माँ वैभव लक्ष्मी कथा का पाठ करें। अंत में आरती करें।

3. वैभव लक्ष्मी व्रत किस दिन रखा जाता है ?

इस व्रत को शुक्रवार के दिन करना चाहिए। 11 या 21 शुक्रवार तक वैभव लक्ष्मी व्रत करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

4. वैभव लक्ष्मी व्रत के नियम क्या हैं ?

शुक्रवार के दिन सफेद या लाल रंग के कपड़े पहनें। इस व्रत में किसी भी खट्टी चीजों का सेवन बिलकुल भी ना करें। और इस के व्रत के दौरान श्रीयंत्र की भी पूजा करें।

5. वैभव लक्ष्मी व्रत का लाभ क्या है ?

जो साधक इस व्रत को करते हैं, उनके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। घर में धन-धन्य की कमी नहीं होती। और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

और पढ़ें –  महाशिवरात्रि 2023 : जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और पूजा विधि

इस प्रकार की रोचक जानकारी और कुंडली में उपस्थित दोषों को समाप्त करने के उपाय जानने के लिए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करें

Get in touch with an Astrologer through Call or Chat, and get accurate predictions.

Yashika Gupta

About Yashika Gupta