रामायण से जुडी कई कथाएं प्रचलित हैं। जिसे आपने पढ़ी या सुनी होगी। रामायण से जुड़े रोचक तथ्य भी होते हैं। आज हम आपको बताएँगे सीता जी और सीता के स्वयंवर से जुडी अनोखी बातें।
सीता जी के बारे में
मिथिला के राजा जनक की पुत्री सीता जी को माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार सीता जी का जन्म नहीं हुआ था। एक यज्ञ के दौरान सीता जी दिव्य ज्योति के रूप में प्रकट हुई थी। कई कथाओं के अनुसार यह भी बताया गया है कि राजा जनक को सीता धरती से मिली थी। इसलिए इन्हे धरतीपुत्री और भूमिपुत्री के नाम से भी जाना जाता है। राजा जनक की पुत्री होने की वजह से सीता जी को जानकी के नाम से जाना जाता है। साथ ही साथ सीता जी को मैथली नाम से भी जानते है।
सीता का स्वयंवर
राजा जनक को अपनी पुत्री सीता के लिए एक योग्य वर की तलाश थी। पर उन्हें योग्य वर नहीं मिल रहा था क्योंकि सीता का जन्म एक दिव्य ज्योति से हुआ था। इसलिए राजा जनक ने सीता का स्वयंवर रखा। वरुण देव ने राजा जनक को एक धनुष दिया था। यह धनुष अत्यधिक शक्तिशाली था। इस धनुष को कोई उठा भी नहीं पाता था। तब राजा जनक ने स्वयंवर में घोषणा की। जो इस धनुष उठा कर धनुष की प्रत्यंचा को चढ़ा देगा। सीता का विवाह उसी से होगा। कई राजा और दैत्य धनुष उठा भी नहीं पाए। राजा जनक से आदेश लेकर श्री राम ने धनुष को उठाया और धनुष की प्रत्यंचा को चढ़ा दिया। धनुष मध्य भाग से टूट गया। यह देखकर स्वयंवर में उपस्थित सभी लोग दंग रह गए और सीता जी की विवाह श्री राम जी से हुआ था।
सीता स्वयंवर की अनोखी बातें-
- इस स्वयंवर में तीन प्रकार के शंख बजाए गए थे।
- शंख के स्वर में मंत्रों का जाप और उच्चारण निकला था।
- सीता जी के स्वयंवर में जो धनुष था वह भगवान शिव जी का धनुष था।
- शिव जी के धनुष का नाम पिनाक था।
- शिव जी धनुष को हासिल करने के लिए रावण भी स्वयंवर में आया था।
- धनुष के टूट जाने पर ऋषि परशुराम को अत्यधिक क्रोध आया था।
- शिव जी के धनुष का वजन 100 किलो था।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. स्वयंवर क्या होता है?
2. स्वयंवर किस काल में प्रचलित प्रथा थी?
3. सीता स्वयंवर के धनुष का क्या नाम था?
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