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द्रौपदी ने अपने बाल न बांधने का निर्णय क्यों लिया था?

By November 14, 2022December 4th, 2023No Comments
Daurpadi

कई कहानी द्रौपदी से जुड़ी आपने पढ़ी और सुनी होंगी। आज हम आपको बताएँगे द्रौपदी से जुड़ी अन्य कथा। आखिरकार ऐसा क्या हुआ? द्रौपदी ने अपने बाल न बाँधने का निर्णय क्यों लिया?

द्रौपदी के बारे में-

महाभारत के अनुसार द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की राजकुमारी थी। को द्रौपदी चिर कुमारी कहा जाता है क्योंकि ये पंच कन्याओं में से एक थी। द्रौपदी को कई नामों से जाना जाता है। जैसे महाभारती,यज्ञसैनी,पांचाली आदि था।

Daurpadi ke bare mein

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द्रौपदी का विवाह-

महाभारत के अनुसार द्रौपदी का विवाह पांच पांडव में अर्जुन से हुआ था। पांडव जब द्रौपदी को लेकर अपनी माता कुंती के पास गए। पांडव अपनी माता से बोले कि देखिये माँ मैं क्या लेकर आया हूँ। कुंती ने बिना देखे बोले कि जो भी लाए हो उसे आपस में बांट लो। पांडव अपनी माता का निरादर करना उचित नहीं लगा। इसी कारन द्रौपदी पांच पांडव की पत्नी कहलायी।

Daurpadi ka vivah

द्रौपदी ने बाल न बांधने का लिया फैसला-

यह रोचक कथा जो द्रौपदी से जुड़ी है। इसी ने महाभारत के युद्ध को अंजाम दिया था। एक बार दुर्योधन, युधिष्ठिर के राज्याभिषेक के लिए इंद्रप्रस्थ गया। दुर्योधन छल का शिकार हो गया और फर्श समझकर नदी में जा गिरा। यह देखकर द्रौपदी जोर से हसने लगी और दुर्योधन को अंधे का पुत्र कहा। इससे भरी सभा में दुर्योधन का अपमान हो गया। दुर्योधन ने इस अपमान का बदला द्रौपदी से लेने का फैसला किया।

दुर्योधन ने अपने भाई दुशासन को द्रौपदी का चीर हरण करने का आदेश दिया। द्रौपदी के चीर हरण होने से पांडव, द्रोणाचार्य,भीष्म पितामह आदि कोई भी द्रौपदी का सम्मान नहीं बचा पाए। तब द्रौपदी ने यह प्रतिज्ञा ली कि दुशासन के खून से जब तक अपने बाल नहीं धो लेती। तब तक द्रौपदी अपने बाल को नहीं बांधेगी। चीर हरण की वजह से पांडव भी क्रोधित हुए। यह कारण ही महाभारत के युद्ध का कारण बना।

Daurpadi ke baal

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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