हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी का अत्यधिक महत्व है। इस दिन पर विशेष तौर पर व्रत रखा जाता है। जिसे इंदिरा एकादशी व्रत कहते हैं। हिंदू धर्म के प्रमुख व्रतों में से एक होता है। इस एकादशी को पितृ पक्ष में पड़ने के कारण इसे एकादशी श्राद्ध भी कहते हैं। आइए जानते हैं इंदिरा एकादशी के बारे में संपूर्ण जानकारी और साथ ही साथ जानेंगे इंदिरा एकादशी की तिथि कब है?
इंदिरा एकादशी क्या है?
प्रत्येक वर्ष आश्विन महीने की कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी का मुख्य उद्देश्य अपने पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति करना होता है। ताकि उनकी आत्मा को शांति मिल पाए। इंदिरा एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा की जाती है। विष्णु जी के भक्त विशेषकर इंदिरा एकादशी को मनाते हैं।
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इंदिरा एकादशी की तिथि-
वर्ष 2022 में इंदिरा एकादशी की तिथि 21 सितंबर दिन बुधवार को है. एकादशी का प्रारंभ 21 सितंबर शाम को 4 बजकर 42 मिनट पर होगा। एकादशी समाप्त होने का समय 22 सितंबर दोपहर 2 बजकर 9 मिनट पर होगा।
इंदिरा एकादशी 2022 का मुहूर्त-
वर्ष 2022 में इंदिरा एकादशी का मुहूर्त 21 सितंबर सुबह 6 बजकर 19 मिनट से लेकर 21 सितंबर को शाम 6 6 बजकर 17 मिनट तक होगा। इस समय इंदिरा एकादशी का पारण कर सकते हैं।
इंदिरा एकादशी पूजा विधि-
- इस एकादशी का व्रत एक दिन पहले आरंभ हो जाता है।
- एकादशी के दिन पूर्वजों को याद किया जाता है।
- इंदिरा एकादशी को सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लें।
- प्रातः काल पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
- यह व्रत सूर्योदय से पहले आरम्भ होता है और अगले दिन समाप्त होता है।
- इंदिरा एकादशी के दिन नदी में स्नान करके तर्पण करना चाहिए।
- व्रत समाप्त होने पर गाय,कौए या कुत्ते को भोजन देना चाहिए।
- इंदिरा एकादशी के ब्राह्मण को दान देना लाभ देता है।
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इंदिरा एकादशी व्रत कथा-
पौराणिक कथा के अनुसार, एक इंद्रसेन राजा था। जो भगवान विष्णु का परम भक्त था। इंद्रसेन के राज्य की पूरी प्रजा अत्यधिक खुश रहती थी। प्रजा में सभी तरह के धार्मिक कार्य सही तरह से होते हैं। एक बार नारद मुनि राजा इंद्रसेन के पास आये और बोले। तुम्हारी प्रजा में सभी धार्मिक कार्य सही ढंग से हो रहे हैं। राजा इंद्रसेन ने उत्तर दिया। हाँ, मेरे राज्य में सभी कार्य सही तरह से हो रहे हैं।
नारद मुनि ने बताया कि आपके पिता अत्यधिक दुखी हैं। क्योंकि आपके पिता को मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पा रही है। उन्होंने अपने पूर्व जन्म में एकादशी व्रत को नहीं कर पाए थे। राजा इंद्रसेन ने नारद मुनि से इसका उपाय पूछा। नारद मुनि ने उपाय के बारे में बताया। कहा अगर तुम श्राद्ध पक्ष को पड़ने वाली एकादशी को व्रत करो। क्योंकि श्राद्ध पक्ष में ही पितरों को मोक्ष मिलता है। राजा इंद्रसेन ने व्रत किया। जिससे उनके पिता को मोक्ष प्राप्त हुआ। इस कारण इस एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
इंदिरा एकादशी के लाभ-
- इस एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- अगर आप इस व्रत को पूरे अनुष्ठान से करते हो तो अधिक लाभ प्राप्त होता है।
- इंदिरा एकादशी के दिन पितरों का श्राद्ध करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- अपने पूर्वजों का श्राद्ध मुहूर्त में करने से विशेष लाभ होता है।
- श्राद्ध करने के मुहूर्त को इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिषी से बात करके जान सकते हैं।
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