प्रत्येक माह अमावस्या पड़ती है। भाद्रपद माह में पड़ने वाली अमावस्या भाद्रपद अमावस्या कहलाती है। इस अमावस्या को कई नामों से जाना जाता है। इस अमावस्या को पिठोरी अमावस्या और कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। इसके अलावा इसे भादों अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह अमावस्या श्री कृष्ण जी को समर्पित है। इस दिन श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की आत्मा की शांति के दान किया जाता है। इस दिन व्रत भी किया जाता है। जिसे भाद्रपद अमावस्या व्रत कहते हैं। जाने भाद्रपद अमावस्या 2022 दिनांक और जानें भाद्रपद अमावस्या का महत्व। साथ ही साथ जानेंगे भाद्रपद अमावस्या पर क्या करें?
कब है भाद्रपद अमावस्या?
आइये जानते हैं भाद्रपद अमावस्या 2022 कब है? भाद्रपद अमावस्या 2022 दिनांक 27 अगस्त दिन शनिवार को पड़ेगी। इस बार भाद्रपद अमावस्या के दिन शनिचरी अमावस्या का योग बन रहा है। क्योंकि यह शनिवार के दिन पड़ रही है।
भाद्रपद अमावस्या 2022 मुहूर्त-
अमावस्या 2022 आरंभ 26 अगस्त को 12 बजकर 24 मिनट पर होगी। भाद्रपद अमावस्या की समाप्ति 27 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट पर होगी।
भाद्रपद अमावस्या पर क्या करें?
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर नदी या जलाशय में स्नान करें।
- इसके पश्चात सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- पितरों की आत्मा की शांति के लिए नदी पर पिंडदान करना चाहिए।
- इसके बाद गरीब को दान करना पुण्य देता है।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए।
- पीपल के पेड़ की परिक्रमा 7 बार करनी चाहिए और पितरों को याद करना चाहिए।
- इस दिन कालसर्प दोष के लिए पूजा करें।
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भाद्रपद अमावस्या का महत्व-
- हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह अमावस्या कृष्ण जी को समर्पित है।
- इस दिन हरी घास का उपयोग पूजा के लिए किया जाता है।
- हरी घास को कुश और कुशा दोनों नाम से जाना जाता है।
- कहा जाता है अगर भाद्रपद अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है।
- तब एक कुशा का उपयोग 12 साल तक किया जाता है।
- इस दिन नदी में स्नान करना और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन पितरों की पूजा करनी चाहिए।
- पितरों को काले तिल,अक्षत और फूल अर्पित करना चाहिए जिससे पुण्य मिलता है।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिलती है।
भाद्रपद अमावस्या में करें ये काम वर्षभर मिलेगा लाभ-
इस दिन कुछ ऐसे कार्य करें हैं। जिसको करने से आपको वर्षों तक लाभ प्राप्त हो सकता है। आइये जानते हैं भाद्रपद अमावस्या के दिन कौन से काम करें। जिनसे आपको वर्ष भर लाभ प्राप्त हो।
शनि देव को करें प्रसन्न-
- 2022 में भाद्रपद अमावस्या शनिवार को पड़ रही है।
- इसकी वजह से शनि देव को इस दिन प्रसन्न करना अनिवार्य हो जाता है।
- शनिवार को भाद्रपद अमावस्या पड़ने के कारण शनिचरी अमावस्या का योग बन रहा है।
- ज्योतिष के अनुसार इस अमावस्या को शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनसे जुडी हुई चीज़ो का दान करना चाहिए।
- जैसे काला तिल,काले रंग की चीज़ और सरसों के तेल का दान करना चाहिए।
- भाद्रपद अमावस्या के दिन ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
हरी घास (कुशा) का दान-
- अगर आपको किसी भी कार्य करने में असफलता हासिल हो रही है।
- तब आप भाद्रपद अमावस्या के दिन किसी गौशाला में हरी घास का दान करना चाहिए।
- इससे आपको सभी कार्यों में सफलता हासिल होगी।
भाद्रपद अमावस्या के दिन कुशा का प्रयोग-
- हिन्दू धर्म में कुशा अत्यधिक पवित्र होता है।
- इस वर्ष 2022 में भाद्रपद अमावस्या के दिन निकाला गया कुशा एक साल तक खराब नहीं होगा।
- पितरों के श्राद्ध में प्रयोग की जाने वाली घास अगर भाद्रपद अमावस्या के दिन इकट्ठा की जाती है।
- तब एक वर्ष तक पुण्य प्राप्त होता है।
- इस दिन कुशा को इकट्ठा किया जाता है तभी इसे कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
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कुश को उखाड़ने के नियम-
- कुश का प्रयोग श्राद्ध में किया जाता है।
- इसलिए इसे नियम से उखाड़ना अत्यधिक जरुरी हो जाता है।
- सबसे पहले प्रातः काल स्नान करना चाहिए।
- इस पश्चात सफ़ेद कपडे को पहन कर कुश को उखाड़ना चाहिए।
- कुश उखाड़ते समय मुँह को पूर्व डिश या उत्तर दिशा में रखना चाहिए।
- इस दौरान ॐ शब्द का उच्चारण करना आवश्यक है।
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