हम सभी जानते हैं। भगवान शिव के गले में एक नाग होता है। शंकर जी नाग को अपने गले में धारण करते हैं। आइये जानते हैं, शिव जी अपने गले में नाग क्यों धारण करते हैं? इसके पीछे रहस्य क्या है? और गले के नाग का क्या नाम था?
शिव जी के नाग का नाम-
भगवान शिव जी अपने गले में नाग को धारण करते हैं। नाग का नाम वासुकी है। वासुकी नाग लोक के राजा है। यह शिव जी के परम भक्त थे। समुद्र मंथन संभव होने का कारण वासुकी थे। उन्होंने समुद्र मंथन के समय रस्सी का काम किया था। तभी समुद्र मंथन संभव हो पाया था।
वासुकी की भक्ति से शिव जी हुए प्रसन्न-
शिव जी वासुकी की भक्ति से अत्यधिक प्रसन्न हुए थे। जिसके कारण शिव जी ने अपना परम भक्त घोषित कर दिया। नाग वासुकी को अपने गले में धारण कर लिया। शिव जी ने गले में आभूषण की तरह रहने का वरदान दिया।
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भगवान शिव और सर्पों का जुड़ाव-
सभी लोग जानते हैं। भगवान शिव और सर्पों का जुड़ाव अत्यधिक है। इसलिए नाग शिव के शरीर पर लिपटे रहते हैं। मान्यताओं के अनुसार नाग जाति के लोगों ने ही सबसे पहले शिव जी पूजा का प्रचलन शुरू किया था। तभी सांपों और शिव जी का रिश्ता गहरा है। शिव जी के रूप में सांपों की भी पूजा की जाती है। उन्हें भी भगवान के स्वरूप माना जाता है।
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