बलराम को कौन नहीं जानता होगा? यह श्री कृष्ण के बड़े भाई थे। बलराम जयंती पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। आज हम आपको बताएंगे। बलराम जयंती व्रत क्या है? बलराम जयंती क्या है? बलराम जयंती व्रत क्या है?और बलराम जयंती का महत्व।
भगवान बलराम कौन है?
बलराम श्री कृष्ण के बड़े भाई थे। बलराम को बलदाऊ नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान बलराम की महिमा सबसे अधिक है। हम सब श्री कृष्ण को जानते है। परन्तु बलराम को बहुत कम लोग जानते हैं। भगवान बलराम अधिक बलवान थे। बलराम को एक आज्ञाकारी पुत्र आदर्श भाई के रूप में जाना जाता है। बलराम को शक्ति का प्रतीक माना गया है।
बलराम जयंती क्या है?
भारत की विभिन्न क्षेत्रों में बलराम जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व बलराम बलराम जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। किन्हीं क्षेत्रों में अक्षय तृतीया के दिन मनाया जाता है। कई अन्य क्षेत्रों में बलराम जयंती को श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। गुजरात में बलराम जयंती को रंधन छठ या बलदेव छठ के नाम से जाना जाता है। पुरुष महिलाएं और बच्चे इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। बलराम जयंती के दिन बलराम जयंती व्रत भी रखा जाता है।
बलराम जयंती 2022 कब है?
भगवान बलराम की जयंती को भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अक्षय तृतीया को पड़ती है। बलराम जयंती 2022 की तिथि 17 अगस्त दिन बुधवार को है। पूजा करने का शुभ समय 16 अगस्त समय रात 8 बजकर 20 मिनट से लेकर 17 अगस्त रात के 8 बजकर 25 मिनट तक है।
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कैसे मनाए बलराम जयंती-
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार बलराम जयंती के दिन भगवान बलराम की पूजा करते हैं। इस दिन विशेष रूप से व्रत भी रखा जाता है। जिसे बलराम जयंती व्रत कहते हैं। बलराम जयंती वाले दिन व्रत करके भगवान बलराम की पूजा की जाती है। यह व्रत कई परेशानियों को दूर करता है। इस दिन सभी भक्त सूर्योदय उठकर भगवान बलराम की विधि विधान से पूजा करते हैं। मंदिरों को साफ करके भगवान बलराम की मूर्तियों को स्थापित किया जाता है।
मंदिर में भगवान बलराम की पूजा होती है। उस मंदिर में बलराम जयंती को बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। सभी भक्तों बलराम जयंती व्रत के दौरान किसी प्रकार के भोजन का सेवन नहीं करते हैं। भगवान बलराम की मूर्ति पर पंचामृत चढ़ाया जाता है। साथ ही साथ भगवान बलराम के लिए विशेष प्रकार का भोग तैयार किया जाता है। भगवान बलराम को भोग लगाकर प्रसाद को सभी भक्तों में वितरित करते हैं। बलराम जयंती के दिन भजन कीर्तन का आयोजन भी किया जाता है।
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बलराम जयंती का महत्व-
- भगवान बलराम को श्री कृष्ण का आठवां अवतार माना जाता है।
- बलराम को बहुत अधिक शक्तिशाली है।
- उन्होंने विशालकाय असुर धेनुका का वध किया था।
- हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार बलराम को शेषनाग का अवतार भी कहा गया है।
- यह वासुदेव और देवकी के सातवीं संतान थे।
- इन्होंने कई राक्षसों का वध किया और उन्हें साहस और शक्ति का प्रतीक माना गया है।
- बलराम जयंती के दिन भगवान बलराम की पूजा करने से अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- बलराम जयंती व्रत करने से भक्तों को शारीरिक बल मिलता है।
- इसलिए बलराम जयंती का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है।
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