बाल ब्रह्मचारी हनुमान-
हनुमान जी को बाल ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है हनुमान जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन राम जी की सेवा में गुजार दिया था। ग्रंथों के अनुसार, हनुमान जी आज भी पृथ्वी पर मौजूद हैं। क्योंकि हनुमान जी को अमर माना गया है। हनुमान जी को संकटमोचन हनुमान और बजरंगबली के नाम से भी जानते हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार जहां भी श्री राम जी की पूजा की जाती है। वहां पर स्थान हनुमान जी के लिए भी छोड़ा जाता है। रामचरित और रामायण जैसे ग्रंथों में भी हनुमान जी का बाल ब्रह्मचारी बताया गया है।
आज हम आपको बताएँगे हनुमान जी का विवाह हुआ था। हनुमान जी ने विवाह किस कारण किया?
हनुमान जी का विवाह-
पराशर संहिता नामक ग्रन्थ में हनुमान जी के विवाह के बारे में बताया गया है। हनुमान जी के विवाह एक रोचक परिस्थिति में हुआ था। हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था। सूर्यदेव से हनुमान जी 9 विद्याओं का ज्ञान पाना चाहते थे। हनुमान जी ने सूर्यदेव से 5 विद्याओं को प्राप्त कर लिया था। सूर्यदेव के अनुसार शेष 4 विद्याओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिए शिष्य का विवाहित होना आवश्यक था। क्योंकि चार विद्या सिर्फ विवाहित लोगों को सिखाई जाती थी। तब सूर्यदेव ने हनुमान जी को विवाह करने का उपाय बताया। पर हनुमान जी ने विवाह करने से मना कर दिया। परंतु हनुमान जी को सभी विद्या का ज्ञान प्राप्त करना था। इसलिए हनुमान जी विवाह करने को तैयार हो गए।
विवाह के पश्चात ब्रह्मचारी रहे हनुमान-
हनुमान जी विवाह करने को तो तैयार हो गए। परंतु विवाह करने लिए कन्या ढूंढना मुश्किल था। तब सूर्यदेव ने अपनी पुत्री सुवर्चला से विवाह करने का प्रस्ताव रखा। सुवर्चला तपस्वी थी। विवाह के बाद सुवर्चला तपस्या करने चली जाती। इस कारण संकट मोचन हनुमान ने सुवर्चला से विवाह कर लिया। विवाह के पश्चात सुवर्चला तपस्या करने चली गयी। हनुमान जी विवाह के बाद भी ब्रह्मचारी रहे। यह हनुमान जी के विवाह की कथा थी।
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