ऋग्वेद क्या है?
हिन्दू धर्म में चार वेद है। वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ माने जाते हैं। चारों वेदों में ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है। विश्व की प्राचीनतम पुस्तक का गौरव भी ऋग्वेद को प्राप्त है।
आइये जानते हैं ऋग्वेद की जानकारी। ऋग्वेद क्या है? ऋग्वेद कितने मंडलों में विभक्त है? ऋग्वेद के मंडल के बारे में। ऋग्वेद का रहस्य।
इस वेद की संहिता को ऋक संहिता के नाम से भी जाना जाता है। ऋग्वेद में मंत्रों का संकलन है। जिसकी उपासना की जा सकती है। ऋग्वेद में उपस्थित अधिकतम मंत्र देवताओं की स्तुति करते हैं। ऋग्वेद में देव इंद्र से जुड़े मंत्र भी सम्मलित हैं। ऋग्वेद में मंत्रों की कुल संख्या 10552 है।
ऋग्वेद कितने मंडलों में विभक्त है?
आइये जानते हैं ऋग्वेद के मंडल। ऋग्वेद को दो मंडलों में विभाजित किया गया है। पहला मंडल क्रम कहलाता है। दूसरा अष्टम क्रम कहलाता है। ऋग्वेद के मंडल क्रम में मंडल, मंडलो में अनुवाक , अनुवाक में सूक्त, सूक्त में ऋचाएं अर्थात मंत्र। जिसमें से 10 मंडल, 85 अनुवाक, 1028 सूक्त और 10552 मंत्र है। यह क्रम मंडल क्रम कहलाता है। अष्टम क्रम को अष्टकों में विभाजित किया गया है। समस्त ऋग्वेद को इन अष्टकों में बाँटा गया है। ऋग्वेद के एक अष्टक में आठ अध्याय होते हैं। इस तरह ऋग्वेद को 64 अध्याय में बाँटा गया है। इन अध्यायों को वर्गों में विभाजित किया गया है। ऋग्वेद में कुल वर्गों की संख्या 2024 है। इन वर्गों में मंत्र भी शामिल हैं।
और पढ़ें: 13वीं मंजिल का रहस्य क्या है?
ऋग्वेद का रहस्य तथा आश्चर्यजनक तथ्य-
- ऋग्वेद किसी व्यक्ति विशेष द्वारा रचित नहीं है।
- यह ग्रंथ दुनिया का पहला धर्म और विज्ञान का ग्रंथ है।
- ऋग्वेद को प्रथम पुस्तक माना गया है।
- अन्य तीन वेदों का निर्माण ऋग्वेद का निर्माण होने के बाद ही हुआ है।
- ऋग्वेद का ज्ञान वाचिक परम्परा के माध्यम से सुरक्षित रखा गया है।
- हजारों वर्ष पुराना ज्ञान ऋग्वेद का है।वेदों से ही उपनिषद की रचना हुई थी।
- ऋग्वेद पहला वेद है जो पधात्मक है।
- इस वेद में भौगोलिक स्थिति और देवताओं के आवाहन मंत्र के बारे में बताया गया है।
- ऋग्वेद में वायु, जल, सौर और हवन द्वारा चिकित्सा के बारे में बताया गया है।
और पढ़ें: जानें सीता के जन्म का रहस्य क्या है?
आप इस प्रकार की अधिक जानकारी चाहते हैं तो इंस्टाएस्ट्रो के साथ जुड़े रहें और हमारे लेख जरूर पढ़ें।
और पढ़ें: हिन्दू धर्म में श्रीमद् भगवद् गीता का क्या महत्व है ?