हरियाली तीज क्या है?
श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को पड़ने वाले तीज हरियाली तीज कहलाती है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं। यह मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे कजली तीज कहा जाता है। सावन मास में मुख्य रूप से मनाया जाने वाला पर्व है। हरियाली तीज के दिन व्रत रखा जाता है। जिसे हरियाली तीज व्रत कहा जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से महिलाएं करती है। सुहागन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। सावन की हरियाली आती है। बागों में झूले पड़ने लगते हैं। तब हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज का उत्सव शिव और पार्वती के पुनर्मिलन लिए मनाया जाता है। हरियाली तीज से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हरियाली तीज 2022 कब है?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार। हरियाली तीज जुलाई और अगस्त महीने में पड़ती है। 2022 में हरियाली तीज 31 जुलाई दिन रविवार को पड़ रही है। इसी दिन ही हरियाली तीज व्रत रखा जाएगा। तृतीया आरम्भ होने का शुभ समय 31 जुलाई को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर है। समाप्त होने का शुभ समय 1 अगस्त को शाम 4 बजकर 20 मिनट है।
हरियाली तीज पूजा विधि-
पुराणों के अनुसार माना जाता है। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और पार्वती पुनः मिले थे। तभी इस दिन महिलाएं शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। हरियाली तीज की पूजा विधि निम्नलिखित है।
- हरियाली तीज के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा का संकल्प लें।
- पूजा करने से पहले पूजा स्थल को अवश्य साफ़ करना चाहिए।
- पूजा शुरू करने से पहले मिट्टी से शिव,पार्वती और गणेश जी की मूर्ति का निर्माण करना चाहिए।
- इसके पश्चात सुहाग से जुड़ी सामग्री को माता पार्वती को अर्पित करें।
- हरियाली तीज का पाठ करें।
- हरियाली तीज का पूजन रात भर चलता है।
- इस दौरान महिलाएं रात भर भजन और कीर्तन करती हैं।
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हरियाली तीज व्रत और अनुष्ठान-
तीज व्रत में जो महिलाएं सोलह शृंगार करके शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। उनके पति की आयु में वृद्धि होती हैं। कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत फायदेमंद साबित होता है। कुंवारी कन्याएं यह व्रत रखती हैं। तब उनके विवाह में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं। मनचाहे और अच्छे वर की प्राप्ति होती है। विवाहित महिलाओं को दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त होता है। अगर किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा है। उसे हरियाली तीज का व्रत करना चाहिए। हरियाली तीज व्रत करने से माता पार्वती का आशीर्वाद बना रहता है। इस व्रत का अनुष्ठान माँ पार्वती की पूजा के साथ करना चाहिए।
हरियाली तीज का महत्व-
इस पर्व पर महिलाएं हरे रंग के वस्त्र धारण करती हैं। हरे रंग की बिंदी और हरे रंग की चूड़ी पहनने का विशेष महत्व है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है। शिव जी को पाने के लिए पार्वती जी ने कठोर तपस्या की थी। 108वें जन्म के पश्चात शिव जी को पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए हरियाली तीज का दिन सुहागिन स्त्रियों के लिए अहम होता है। हरियाली तीज के दिन माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन माता पार्वती अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं।
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